मैथिली को हिंदी की बोली बताने वाले आयोजन में किसी प्रोफेसर के मुंह पर कालिख पोतना मैथिली जैसी भाषा के समर्थक का सही कदम नहीं माना जा सकता। विरोध का जरिया शास्त्रार्थ को बनाया बनाया जाए, कालिख को नहीं।
24 अप्रैल 2018
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24 अप्रैल 2018
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