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Daksh Ghat Haridwar: भोलेनाथ के ससुराल में इस घाट का है बड़ा महत्व, यहां पितरों की पूजा से मिलता है मोक्ष

संवाद न्यूज एजेंसी, हरिद्वार Published by: अलका त्यागी Updated Thu, 23 Mar 2023 01:14 PM IST
सार

Daksh Ghat Importance in Haridwar: कहा जाता है कि दक्ष घाट पर स्नान और महादेव के पूजन के बाद कहा जाता है कि भोलेनाथ अपने भक्तों के कष्ट हर लेते हैं।

Haridwar Religion News: Daksh Ghat Haridwar Significance and Importance in Hindi
हरिद्वार दक्ष घाट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

धर्मनगरी हरिद्वार में देश के अलग-अलग प्रांतों और विदेशों से लोग गंगा दर्शन के लिए आते हैं। हरिद्वार में गंगा स्नान करने और पौराणिक स्थलों पर पूजा पाठ करने का भी विशेष महत्व है। हरिद्वार में कई ऐसे घाट हैं जहां पर लोग पितरों का तर्पण करते हैं। लेकिन भगवान शिव की ससुराल दक्ष मंदिर में बने दक्ष घाट का पौराणिक महत्व है।



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कहा जाता है कि दक्ष घाट पर गंगा स्नान, पिंड दान या पितरों के लिए किया गया कोई भी कर्म हो उसका विशेष फल मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और दक्ष मंदिर के पीठाधीश्वर ने बताया कि राजा दक्ष के समय से ही इस घाट का एक अलग महत्व है। नीलधारा से आ रही एक धारा जो सतीघाट से होते हुए दक्ष घाट की ओर आती है।

यहां स्नान करने से भोलेनाथ हर लेते है सारे कष्ट

बताया कि दक्ष घाट पर गंगा स्नान, पिंड दान, अपने पितरों पूर्वजों के लिए किए गए अनुष्ठान से उनको शांति प्राप्त होती है वे स्वर्ग प्राप्त करते हैं। बताया कि दक्ष घाट से गंगा स्नान के बाद दक्षेश्वर महादेव के पूजन से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दक्ष घाट पर 5 से 11 ब्राह्मण हमेशा रहते हैं। देश और दुनिया से आने वाला व्यक्ति ब्राह्मणों की मदद से अपने पितरों के लिए कर्मकांड या पूजन करवा सकता है। दक्ष घाट पर स्नान और महादेव के पूजन के बाद कहा जाता है कि भोलेनाथ अपने भक्तों के कष्ट हर लेते हैं।

ऐसे पहुंचे दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल
दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल में है। हरिद्वार रेलवे और रोडवेज स्टेशन से करीब तीन किमी की दूरी है। आटो-रिक्शा और ई-रिक्शा से नेशनल हाइवे पर सिंह द्वार या प्रेम आश्रम पुल क्रास कर आसानी से कनखल मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
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