चंडीगढ़। बैंक में गिरवी रखी कोठी को बेचने के नाम पर दस लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने सेक्टर-9 डी स्थित न्यूरो स्कैन सेंटर के संचालक व सेक्टर-16 निवासी डॉ. राकेश वर्मा और उनकी पत्नी आरती वर्मा को वीरवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ सेक्टर-17 थाने में मामला दर्ज किया गया है। सेक्टर-18 निवासी अमित महाजन ने उक्त दंपति सहित दिल्ली निवासी उनके एक रिश्तेदार के खिलाफ ईओडब्ल्यू में 11 मई को शिकायत दी थी, जिसकी जांच के बाद पुलिस ने यह मामला दर्ज किया। डॉ. राकेश वर्मा सेक्टर-9 डी में कई वर्षों से न्यूरो स्कैन सेंटर चला रहे हैं और कैंसर की जांच के लिए लगाई गई मशीनों की वजह से सेंटर का उत्तर भारत में काफी नाम हैं। दूसरे शहरों से भी जांच के लिए यहां मरीज आते हैं।
जांच अधिकारी एसआई नवीन शर्मा ने बताया कि सेक्टर-16 के हाउस नंबर-220 निवासी डॉ. राकेश वर्मा ने स्कैन सेंटर में कैंसर जांच की मशीन लगाने के लिए सेक्टर-17 स्थित बैंक (एसबीआई) से दो कनाल की कोठी पर 14 करोड़ का लोन लिया। इसके लिए उन्होंने बैंक में अपने मकान के दस्तावेज जमा कराए थे। जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपी दंपति ने इसके बाद उसी कोठी को बेचने का ड्रामा रचा। उन्होंने सेक्टर-18 निवासी अमित महाजन से एनओसी और बयाने के तौर पर 2010 में 6.5 करोड़ रुपये लिए, लेकिन जब महाजन को कोठी बैंक के पास गिरवी रखे जाने की बात पता चली तो उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी। डॉक्टर ने जब रुपये नहीं लौटाए तो उन्होंने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू के पास दी। जांच के दौरान पता चला कि डॉक्टर ने इसी कोठी को बेचने के नाम पर नौ और लोगों से लगभग नौ करोड़ से भी अधिक रुपये वसूल रखे थे। वीरवार को दोनों आरोपियों को मेडिकल जांच के लिए सेक्टर-16 अस्पताल ले जाया गया।
एक अन्य की तलाश में पुलिस
पुलिस अब डॉ. राकेश वर्मा की बेटी के ससुर व दिल्ली के करोल बाग निवासी बीआर मिगलानी की तलाश कर रही है। जांच के दौरान पता चला है कि उन्होंने भी क्लाइंट्स को फंसाने में दंपति की मदद की थी। ईओडब्ल्यू इस मामले में उनकी भूमिका की जांच कर रही है।