चंडीगढ़। आखिरकार यूटी पुलिस के एक हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद हो गया। वीरवार को दिन भर चली अफसरों की बैठकों के दौर के बाद इंस्पेक्टर अमनजोत का इस्तीफा स्वीकार कर उन्हें पुलिस लाइन जाने को कह दिया गया। इस्तीफा मंजूर करने के बाद आईजी पीके श्रीवास्तव ने सभी पुलिसकर्मियों को नसीहत दी कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। कोई भी अनुशासनहीनता करेगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वक्त, 12.30 बजे। क्राइम ब्रांच के दफ्तर में चंडीगढ़ पुलिस के तेजतर्रार इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह अपनी कुर्सी पर। दूसरी तरफ पुलिस हेडक्वार्टर में उनके इस्तीफे को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों की बैठकों का दौर। फिर दोपहर बाद करीब ढाई बजे बजे अमनजोत सिंह का इस्तीफा स्वीकार। अब अमनजोत दो महीने के नोटिस पर हैं और 22 जुलाई को विभाग से उनकी छुट्टी हो जाएगी।
वीरवार को तेज गर्मी के बीच इंस्पेक्टर अमनजोत के इस्तीफे को लेकर सरगर्मियां तेज रहीं। लंच के पहले आईजी पीके श्रीवास्तव और एसएसपी नौनिहाल सिंह ने इस मामले में काफी विचार-विमर्श के बाद यह फैसला दिया। इस दौरान डीएसपी क्राइम और डीएसपी ट्रैफिक भी वहां पहुंचे थे।
‘सब जानते हैं, मैं कैसा काम करता हूं’
अमनजोत ने अपने इस्तीफे की स्वीकृति से कुछ देर पहले ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि मुझे अपने काम और उपलब्धियों के बारे में किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे लोग जानते हैं कि मैं कैसा काम करता हूं। पीजीआई में पांच मई को हुई जिस घटना का हवाला देकर मेरे खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं, उस दौरान मेरे साथ तैनात करीब 40 पुलिसकर्मियों से वोटिंग कराई जाए तो सभी मेरे पक्ष में मिलेंगे।
अनुशासनहीनता की शिकायत हुई थी...
बीती पांच मई को उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी के पीजीआई दौरे के वक्त आदेश नहीं मानने पर एएसपी देशराज ने एसएसपी नौनिहाल सिंह से इंस्पेक्टर अमनजोत और नीरज सरना के खिलाफ अनुशासनहीनता की शिकायत की थी। शिकायत के बाद एसएसपी ने जैसे ही विभागीय जांच का आदेश दिया, इंस्पेक्टर अमनजोत ने इस्तीफे से इसका जवाब दिया। इतना ही नहीं, इसमें उन्होंने खुद को टारगेट किए जाने का आरोप आला अधिकारियों पर लगाया।
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कोट्स...
इंस्पेक्टर अमनजोत के खिलाफ विभागीय जांच बंद कर दी गई है। इस्तीफे में इंस्पेक्टर ने मेरे खिलाफ टारगेट किए जाने का आरोप लगाया है, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता। अगर टारगेट करने की बात होती तो मैं अवार्ड के लिए उनका नाम क्यों प्रपोज करता।
-नौनिहाल सिंह, एसएसपी
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मुझे टारगेट किया जा रहा था। मैंने ऐसे माहौल में काम करना मुनासिब नहीं समझते हुए इस्तीफा भेजा। मुझे नहीं लगता है कि मैंने अपने काम में किसी तरह की कोताही बरती थी।
-अमनजोत सिंह, इंस्पेक्टर
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इस्तीफा तैयार करने में लगे चार घंटे
पेचीदा मामले सुलझाने में माहिर इंस्पेक्टर अमनजोत को इस्तीफे का फैसला लेने में चार घंटे का वक्त लगा। बकौल अमनजोत, मुझे काम के सिलसिले में अक्सर सलाह लेने में वक्त नहीं लगता है, लेकिन इस्तीफे का फैसला लेने में घंटों का वक्त लगा है। मैं मेच्योर हूं और इस पर दोबारा विचार नहीं कर रहा हूं।
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इंस्पेक्टर अमनजोत की उपलब्धियां
2004-मोस्ट वांटेड रणपाल गुर्जर की गिरफ्तारी।
2005- सेक्टर-17 बस स्टैंड से गोला-बारूद के साथ आतंकवादी को गिरफ़्तार किया।
2005- निखिल जोशी किडनैपिंग मामले को सुलझाया।
2008- प्रभजिंदर उर्फ डिंपी मर्डर केस सुलझाया।
2009-कांग्रेस के एक ताकतवर पार्षद को सरेंडर करवाया।
2009 -जर्मन युवती से रेप के मामले को सुलझाया।
2009- हाईवे रॉबरी केस को सुलझाया और चार लुटेरों को काबू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2009-बाबा प्रीतपाल केस को सुलझाने में प्रमुख भूमिका।
2010-दस करोड़ की तनिष्क शोरूम डकैती का मामला सुलझाने में अहम भूमिका निभाई।
2011-प्रिंस किडनैपिंग केस को सुलझाने का श्रेय।
2012-एनआरआई नवनीत किडनैपिंग केस को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।