चंडीगढ़। सेक्टर-21...। यहां के ज्यादातर बाशिंदे वीआईपी हैं, लेकिन पेयजल आपूर्ति का हाल बाकी सेक्टरों जैसा ही। इस एरिए में तीन बूस्टर और तीन ट्यूबवेल लगे हैं, फिर भी पानी का लो प्रेशर ही रहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत सी और डी एरिया में है। दो साल पहले ही मीट मार्केट के पिछली तरफ लाखों रुपये खर्च कर बूस्टर लगाया गया, लेकिन यह भी गरमी में मददगार साबित नहीं हुआ। वहीं, रविवार को सेक्टर-21 ए के कई घरों के ग्राउंड फ्लोर पर भी पानी नहीं आया।
कौन वीआईपी रहते हैं यहां
भाजपा पार्षद आशा जसवाल, मनोनीत पार्षद सतपाल बंसल, पूर्व पार्षद डा. एपी सांवरिया, रेशम चंद जाखू, पूर्व पार्षद एवं फासवेक चेयरमैन पीसी सांघी, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर अंजू बेनिवाला, पूर्व पार्षद विजय राणा, व्यापार मंडल के चेयरमैन चरणजीव सिंह, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष एनके नंदा के अलावा कई अधिकारी और प्रतिष्ठित व्यापारियों का यहां निवास स्थान है। लोे प्रेशर के कारण मोटर चलाकर ही ऊपरी मंजिलों तक पानी पहुंचाना पड़ता है।
दो वाटर वर्कस से आती है सप्लाई
ए और बी एरिए में पानी की सप्लाई सेक्टर-26 और सी, डी में सेक्टर-32 के वाटर वर्क्स से आती है। जनस्वास्थ्य विभाग का भी मानना है कि सी और डी में पानी की किल्लत है, लेकिन इस फाल्ट को अब तक दूर नहीं किया जा सका है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, सेक्टर- 32 वाटर वर्क्स लो लाइन एरिया है, जिससे सी और डी तक पूरा पानी नहीं पहुंच पाता है। इसी वजह से बूस्टरों तक पानी पूरा स्टोर नहीं हो पाता है और बूस्टर प्रेशर बढ़ाने में असफल हो रहा है। 15 दिन पहले सरकारी स्कूल के अंदर लगा बूस्टर ठीक होने के बावजूद पानी की स्थिति ठीक नहीं हुई है।
हर तरफ पानी की मारामारी
(फोटो सहित)
सेक्टर-21 की सिटीजन एसोसिएशन के अध्यक्ष बलजिंद्र सिंह, सी एरिया निवासी रीतू साही, डी एरिया निवासी अमनदीप सिंह की एक ही शिकायत है कि जब वीआईपी सेक्टर में वाटर सप्लाई का यह हाल है तो यहां के बाशिंदे चैन से कैसे रह सकते हैं? डी एरिया निवासी अमनदीप सिंह, व्यापार मंडल के चेयरमैन चरणजीव सिंह, युवा इनोवेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष सचिन शर्मा का कहना है कि जहां बूस्टर लगे हैं, उससे चंद कदम की दूरी पर भी ऊपरी मंजिलों पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है और जनस्वास्थ्य विभाग इस समस्या को दूर करने में विफल है। वहीं, सिटीजन एसोसिएशन लेडिज विंग की अध्यक्ष कमलजीत बराड़, सी एरिया निवासी आरके शर्मा, कर्नल रंधावा और तरुण शर्मा ने कहा कि पहली और दूसरी मंजिल तक पानी पहुंचाने के लिए मोटर चलानी पड़ती है, जिससे काफी दिक्कतें आती हैं।