चंडीगढ़। यूटी में सड़क के किनारे ग्रीन बेल्ट में अस्थायी भवनाें में चल रहे शराब ठेकों को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि इन ठेकों को तीस अप्रैल 2013 तक बना रहने दिया जाए। चूंकि यह ठेके कामधेनु साबित हुए हैं और इनसे 70 करोड़ रुपये की आय हुई है। प्रशासन की ओर से शुक्रवार को हाईकोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में यह आग्रह किया गया है। प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया कि 2012-13 की आबकारी नीति के तहत इनका आवंटन हो चुका है। अगर इन्हें हटाया गया, तो प्रशासन को काफी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ेगा।
प्रशासन के हलफनामे में कहा गया है कि चंडीगढ़ प्रशासन को शराब के ठेकों से 250 करोड़ की आय हुई है, जिनमें से 70 करोड़ रुपये सड़क के किनारे ग्रीन बेल्ट में बने ठेकाें ने कमा कर दिए हैं। प्रशासन ने बताया है इस साल की आबकारी नीत के तहत ग्रीन बेल्ट में कुल 29 ठेके खुलने हैं, जिसमें से 23 को जगह दी जा चुकी है।
इस मामले में हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि टिंबर मार्केट, सेक्टर-26 से हाउसिंग बोर्ड, मनीमाजरा और ट्रिब्यून चौक से हल्लोमाजरा के रूट में ऐसी अस्थायी दुकानें अधिक हैं। शाम के समय इन ठेकों में भीड़ अधिक रहती है और लोग सड़कों के किनारे गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। जनहित याचिका में एल-14-ए के तहत आगामी एक्साइज पॉलिसी में ऐसी व्यवस्था रोकने का आग्रह भी हाईकोर्ट से किया गया है। याचिका में कहा गया है कि क्लॉज 14 को पूरी तरह से पॉलिसी से हटा देना चाहिए। सुनवाई के दौरान कार्यकारी चीफ जस्टिस एमएम कुमार एवं जस्टिस आलोक सिंह की खंडपीठ ने इस मामले में बहस के लिए सुनवाई टाल दी।
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चंडीगढ़। यूटी में सड़क के किनारे ग्रीन बेल्ट में अस्थायी भवनाें में चल रहे शराब ठेकों को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि इन ठेकों को तीस अप्रैल 2013 तक बना रहने दिया जाए। चूंकि यह ठेके कामधेनु साबित हुए हैं और इनसे 70 करोड़ रुपये की आय हुई है। प्रशासन की ओर से शुक्रवार को हाईकोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में यह आग्रह किया गया है। प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया कि 2012-13 की आबकारी नीति के तहत इनका आवंटन हो चुका है। अगर इन्हें हटाया गया, तो प्रशासन को काफी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ेगा।
प्रशासन के हलफनामे में कहा गया है कि चंडीगढ़ प्रशासन को शराब के ठेकों से 250 करोड़ की आय हुई है, जिनमें से 70 करोड़ रुपये सड़क के किनारे ग्रीन बेल्ट में बने ठेकाें ने कमा कर दिए हैं। प्रशासन ने बताया है इस साल की आबकारी नीत के तहत ग्रीन बेल्ट में कुल 29 ठेके खुलने हैं, जिसमें से 23 को जगह दी जा चुकी है।
इस मामले में हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि टिंबर मार्केट, सेक्टर-26 से हाउसिंग बोर्ड, मनीमाजरा और ट्रिब्यून चौक से हल्लोमाजरा के रूट में ऐसी अस्थायी दुकानें अधिक हैं। शाम के समय इन ठेकों में भीड़ अधिक रहती है और लोग सड़कों के किनारे गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। जनहित याचिका में एल-14-ए के तहत आगामी एक्साइज पॉलिसी में ऐसी व्यवस्था रोकने का आग्रह भी हाईकोर्ट से किया गया है। याचिका में कहा गया है कि क्लॉज 14 को पूरी तरह से पॉलिसी से हटा देना चाहिए। सुनवाई के दौरान कार्यकारी चीफ जस्टिस एमएम कुमार एवं जस्टिस आलोक सिंह की खंडपीठ ने इस मामले में बहस के लिए सुनवाई टाल दी।
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