चंडीगढ़। जीएमसीएच के डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रो. राज बहादुर के अगले कुछ महीनों तक जीएमसीएच में अपने पद पर बने रहने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि यूटी प्रशासन ने जिन डॉक्टरों के पैनल को इस पद के लिए चुना है उनका अभी तक यूपीएससी द्वारा इंटरव्यू ही नहीं किया गया है। हालांकि पीजीआई की गवर्निंग बॉडी ने प्रो. राज बहादुर को 31 मई के बाद सेवा विस्तार न देने को कहा है।
यूटी प्रशासन ने जीएमसीएच में डायरेक्टर प्रिंसिपल पद के लिए नौ डॉक्टरों के नाम का चयन किया है। इन डॉक्टरों को यूपीएससी के पैनल के सामने इंटरव्यू देना है। उसके बाद ही इस पद पर चयनित डॉक्टर को निदेशक प्राचार्य का कार्यभार दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस पद के लिए यूपीएससी में इंटरव्यू में अभी तकरीबन तीन महीने का वक्त लग सकता है। ऐसे में प्रशासन एक बार फिर प्रो. राज बहादुर को पद पर बने रहने को कह सकता है। हालांकि पीजीआई प्रशासन ने गवर्निंग बॉडी के उस फैसले से यूटी प्रशासन को अवगत करा दिया है जिसमें कहा गया है कि 31 मई के बाद प्रो. राज बहादुर को रिलीव कर दिया जाए। लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है। इसलिए पूरी संभावना है कि प्रो. राज बहादुर का सेवा विस्तार बढ़ सकता है। प्रो. राज बहादुर का पिछले साल नवंबर में समाप्त हो चुका है। उसके बाद उनको दो बार तीन-तीन महीने का सेवा विस्तार दिया जा चुका है। दूसरी बार का सेवा विस्तार 31 मई को समाप्त हो रहा है।
मिल सकता है वरिष्ठ को मौका
अगर 31 मई को प्रो. राज बहादुर रिलीव हो जाते हैं तो उनकी जगह पर जीएमसीएच के सीनियर मोस्ट प्रोफेसर को कार्यवाहक निदेशक प्राचार्य का पद दिया जा सकता है।