चंडीगढ़। शहर की एकमात्र नाइट फूड स्ट्रीट पर ताला लग गया है। सभी ठेकेदारों ने कियोस्क सरेंडर कर दिए हैं, जिस कारण इस समय पीजीआई के सामने बनी स्ट्रीट पर कोई भी दुकान नहीं चल रही है। जहां कभी रौनक रहती थी, वहां तीन दिन से सन्नाटा पसरा है। वहीं, नगर निगम में इस नाइट फूड स्ट्रीट को स्थायी तौर पर बंद करने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। इस मामले पर इस माह होने वाली निगम की वित्त एवं अनुबंध कमेटी और सदन की बैठक में चर्चा की जाएगी।
नाइट फूड स्ट्रीट पर एक भी दुकान न चलने से लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिनों से यहां रात को लोग खाना खाने के लिए आते हैं, लेकिन कियोस्क बंद होने से मायूस लौट रहे हैं। पीजीआई में भरती मरीजों के तीमारदार और पीयू के छात्र भी हर रात खाना खाने यहां आते थे। इस स्ट्रीट में कुल 8 कियोस्क हैं, पर कभी भी आठों कियोस्क एक साथ तीन से चार माह से ज्यादा नहीं चले। हर बार कोई न कोई ठेकेदार बीच में ही कियोस्क छोड़ कर चला जाता है, लेकिन इस बार सभी ठेकेदार छोड़ कर चले गए हैं। एक सप्ताह पहले यहां पर दो दुकानदार कियोस्क चला रहे थे लेकिन वीरवार को इन दोनों ने भी कियोस्क सरेंडर कर दिए हैं। नगर निगम ने स्ट्रीट को कामयाब करने के लिए कई प्रयास किए लेकिन हर कदम नाकाम रहा।
कियोस्क न चलने की हैं ये वजहें
-कियोस्क की जगह काफी तंग है, जिस कारण दुकानदारों को यहां पर खाना बनाने की इजाजत नहीं है।
-कियोस्क के पास गंदगी रहती है। ग्राहकों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है।
-हर कियोस्क का महीने का किराया 80 हजार से एक लाख रुपये तक रहा है, जिस कारण यहां महंगा खाना मिलता है।
-नगर निगम द्वारा स्ट्रीट के सौंदर्यीकरण और व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया जाता। बारिश के दिनों में यहां पर पानी ही पानी हो जाता है।
20 हजार रुपये तय किया किराया
मार्च में हुई अनुबंध कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया था कि स्ट्रीट में हर दुकान का किराया 20 हजार रुपये तय किया जाए। साथ ही यहां बेचे जाने वाले सामान के रियायती रेट भी तय किए गए, लेकिन अभी तक नई शर्तों के अनुसार स्ट्रीट के कियोस्क अलाट नहीं किए गए हैं। साल 2007 से यह नाइट फूड स्ट्रीट चल रही है।
कोट्स..
सभी ठेकेदार दुकानें सरेंडर कर चुके हैं, जिस कारण स्ट्रीट बंद है।
-राजीव गुप्ता
ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम चंडीगढ़
जल्द ही स्ट्रीट के संबंध में कोई उचित निर्णय लिया जाएगा।
-राजबाला मलिक
मेयर, नगर निगम, चंडीगढ़