{"_id":"9851","slug":"Chandigarh-9851-54","type":"story","status":"publish","title_hn":"धूल ने रोकीं उड़ानें, यात्री एयरपोर्ट पर अटके","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
चंडीगढ़। शहर में उठे धूल के चक्रवात की वजह से चंडीगढ़ को आने-जाने वाली सभी फ्लाइट्स रद हो गई। एयरपोर्ट पर करीब दो हजार यात्री सवेरे से शाम तक चक्कर लगाते रहे।
किंगफिशर, एयर इंडिया, गो एयर और जेट एयरवेज के काउंटर पर सुबह से भीड़ लग गई थी। चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए विमानन कंपनियों ने टैक्सी और बस की व्यवस्था करवाई, लेकिन मुंबई, अहमदाबाद और बंगलूरू के लिए कोई इंतजाम नहीं था। थके-हारे कई यात्रियों ने टिकट कैंसल करवाकर टैक्सी से गंतव्य तक पहुंचने का इंतजाम किया। यहां से मुंबई के लिए जाने वाले श्याम ने कहा कि उनकी महत्वपूर्ण एसाइनमेेंट थी, फ्लाइट कैंसल होने की वजह से वे समय पर नहीं पहुंच पाएंगे।
यात्रियों को सूचित नहीं किया
कई विमानन कंपनियों ने यात्रियों को फ्लाइट रद होने की जानकारी तक नहीं दी। इससे यात्रियों का पारा चरम पर रहा। इनमें वह यात्री भी शामिल रहे जो कंपनियों के प्लेटिनम कार्ड सदस्य हैं। मुंबई के लिए जाने वाले मुथारू ने बताया कि फ्लाइट रद होने की सूचना तो यात्रियोें को समय पर देनी चाहिए थी।
सपोर्र्टिंग सिस्टम बढ़ाएगा विजिबिलिटी
चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर जो इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम लगा है उसको सपोर्ट करने के लिए अन्य इंस्ट्रूमेंट नहीं लगाए गए हैं। इसकी वजह से आईएलएस की विजिबिलिटी ज्यादा ही चाहिए। चंडीगढ़ के एयरपोर्ट निदेशक कैप्टन एचएस तूर ने कहा कि आईएलएस को सपोर्ट करने के लिए लाइटिंग सिस्टम को इंप्रूव किए जाने पर इसकी क्षमता में इजाफा होगा।
48 घंटे में पहुंचेंगे दिल्ली
विमान से दिल्ली और मुंबई जाने वाले यात्रियों को अब दो दिन का इंतजार करना पड़ सकता है। विमानन कंपनियों की बुकिंग फुल है और जिन यात्रियों की फ्लाइट रद हुई, उनको वे दो दिन बाद की फ्लाइट से गंतव्य तक पहुंचाने को कह रहे हैं।
अब बारिश का इंतजार
एयरपोर्ट पर पुअर विजिबिलिटी की वजह से कोई फ्लाइट आपरेट नहीं की जा सकी। आईएलएस की क्षमता 1200 मीटर है, जबकि वीरवार को विजिबिलिटी छह सौ से सात सौ मीटर रही। हम बारिश का अनुमान लगा रहे हैं जिससे धूल बैठ जाए।
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- कैप्टन एचएस तूर, डायरेक्टर एयरपोर्ट
अस्थमा के मरीज बाहर न निकलें
ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीजों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि इस मौसम में ही उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत होती है।
- प्रो. एसके जिंदल, पीजीआई के पल्मोनरी विभाग के प्रमुख
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