चंडीगढ़। जिस यूनिवर्सिटी में कई साल पढ़ाया अब उसी में उनके नाम से पीठ स्थापित हो रही है। पंजाब यूनिवर्सिटी ने लगभग ढाई साल पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पीठ स्थापित करने का फैसला लिया था, लेकिन अब तक इस पर किसी की नियुक्ति नहीं कर सका। अब पीयू के पूर्व कुलपति प्रो. आरपी बांभा की अध्यक्षता में गठित समिति ने इस पीठ पर विश्व स्तर के अर्थशास्त्री और यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के प्रोफेसर एमिरेट्स प्रो. अजीत सिंह को नियुक्त करने की सिफारिश की है। सिंडीकेट की वीरवार को होने वाली बैठक में समिति की इस सिफारिश पर मुहर लग सकती है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पीठ स्थापित करने का फैसला पीएम के वर्षों बाद पीयू लौटने से कुछ दिन पहले लिया गया था।
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री तीन नवंबर 2009 को पीयू कैंपस आए थे। प्रधानमंत्री के लिए आयोजित विशेष दीक्षांत समारोह में उन्हें डीलिट की मानद डिग्री दी गई। इसी दौरान पीयू ने डॉ. सिंह के नाम पर पीठ स्थापित करने का निर्णय लिया। इस पीठ पर उपयुक्त अर्थशास्त्री की नियुक्ति के लिए कुलपति ने प्रो. बांभा की अध्यक्षता में समिति गठित की। समिति ने इस पीठ अर्थशास्त्री व नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की नियुक्त की सिफारिश की। पीयू ने उन्हें कई बार पत्र भी भेजा, लेकिन उन्होंने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया। 1940 को लाहौर में जन्मे प्रो. अजीत सिंह इंग्लैंड में रहते हैं और उन्होंने 1958 में बीए पंजाब यूनिवर्सिटी से ही की थी।
बीएड कालेजों का भविष्य होगा तय
सिंडीकेट बैठक में पीयू से संबद्ध बीएड कालेजों का भविष्य तय होगा। पीयू से संबद्ध 51 बीएड कालेजों की रिपोर्ट पर बैठक में विचार होगा। निरीक्षण समितियों ने इन कालेजों का दौरा करने के बाद कुछ खामियां गिनाई हैं। बैठक में बीएड कालेजों को लेकर तैयार किए गए दिशा निर्देशों को भी स्वीकृति दी जा सकती है। पीयू ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि नियमों का पालन न करने वाले कालेजों की मान्यता रद हो सकती है।
चंडीगढ़। जिस यूनिवर्सिटी में कई साल पढ़ाया अब उसी में उनके नाम से पीठ स्थापित हो रही है। पंजाब यूनिवर्सिटी ने लगभग ढाई साल पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पीठ स्थापित करने का फैसला लिया था, लेकिन अब तक इस पर किसी की नियुक्ति नहीं कर सका। अब पीयू के पूर्व कुलपति प्रो. आरपी बांभा की अध्यक्षता में गठित समिति ने इस पीठ पर विश्व स्तर के अर्थशास्त्री और यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के प्रोफेसर एमिरेट्स प्रो. अजीत सिंह को नियुक्त करने की सिफारिश की है। सिंडीकेट की वीरवार को होने वाली बैठक में समिति की इस सिफारिश पर मुहर लग सकती है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पीठ स्थापित करने का फैसला पीएम के वर्षों बाद पीयू लौटने से कुछ दिन पहले लिया गया था।
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री तीन नवंबर 2009 को पीयू कैंपस आए थे। प्रधानमंत्री के लिए आयोजित विशेष दीक्षांत समारोह में उन्हें डीलिट की मानद डिग्री दी गई। इसी दौरान पीयू ने डॉ. सिंह के नाम पर पीठ स्थापित करने का निर्णय लिया। इस पीठ पर उपयुक्त अर्थशास्त्री की नियुक्ति के लिए कुलपति ने प्रो. बांभा की अध्यक्षता में समिति गठित की। समिति ने इस पीठ अर्थशास्त्री व नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की नियुक्त की सिफारिश की। पीयू ने उन्हें कई बार पत्र भी भेजा, लेकिन उन्होंने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया। 1940 को लाहौर में जन्मे प्रो. अजीत सिंह इंग्लैंड में रहते हैं और उन्होंने 1958 में बीए पंजाब यूनिवर्सिटी से ही की थी।
बीएड कालेजों का भविष्य होगा तय
सिंडीकेट बैठक में पीयू से संबद्ध बीएड कालेजों का भविष्य तय होगा। पीयू से संबद्ध 51 बीएड कालेजों की रिपोर्ट पर बैठक में विचार होगा। निरीक्षण समितियों ने इन कालेजों का दौरा करने के बाद कुछ खामियां गिनाई हैं। बैठक में बीएड कालेजों को लेकर तैयार किए गए दिशा निर्देशों को भी स्वीकृति दी जा सकती है। पीयू ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि नियमों का पालन न करने वाले कालेजों की मान्यता रद हो सकती है।