ऋषिकेश/चंडीगढ़। शहर के तीन होनहार इंजीनियरिंग छात्राें की मंगलवार को ऋषिकेश में गंगा में नहाते समय डूबने से मौत हो गई। काफी खोजबीन के बाद पुलिस ने तीनों के शव बरामद कर लिए हैं। ये सभी पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी देहरादून में बीटेक चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र थे। जैसे ही इनकी मौत की सूचना परिजनों को मिली तो चंडीगढ़ और मोहाली स्थित घरों में मातम पसर गया।
यूनिवर्सिटी के चार छात्र लक्ष्मण झूला स्वर्गाश्रम क्षेत्र में घूमने आए थे। मंगलवार सुबह करीब 11.00 बजे सभी गंगा लाइन स्वर्गाश्रम क्षेत्र में बाबा मस्तराम घाट पहुंचे। तीन छात्र गंगा में नहाने लगे और बाजपुर ऊधम सिंह नगर निवासी छात्र साहिल सरना तट पर ही आराम करने लगा। नहाते वक्त तीनों छात्र गंगा के तेज बहाव की चपेट में आकर डूबने लगे। मस्तराम बाबा आश्रम के सेवक रविशंकर ने छात्रों को बचाने की कोशिश की, मगर सफलता नहीं मिली।
मृतकों की पहचान सेक्टर-45 चंडीगढ़ निवासी उदय करन सिंह (21) पुत्र निर्मल सिंह, सेक्टर 22 सी मकान नंबर 2335 निवासी वैभव सुधीर (20) पुत्र उमेश दत्त सुधीर और मोहाली सेक्टर-69 मकान नंबर 2594 निवासी अनुभव कालिया (20) पुत्र देवेंद्र कालिया के रूप में हुई है।
अनुभव का परिवार बंगलूरू में, पड़ोसी ऋषिकेश रवाना
मोहाली। सेक्टर-69 में मंगलवार दोपहर जैसे ही अनुभव कालिया के गंगा में डूबने की खबर पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। सबकी आंखों में आंसू में थे। घटना का पता चलने के बाद तुरंत पड़ोसियों की एक गाड़ी भरकर घटना स्थल ऋषिकेश के लिए रवाना हो गई, जबकि अनुभव के पेरेंट्स कंपनी के टूर पर बंगलूरू गए हुए थे, वे वहां से सीधे ही ऋषिकेश पहुंच रहे हैं। पड़ोसियों से मिली जानकारी के मुताबिक अनुभव का परिवार काफी संपन्न है। पड़ोसियों के मुताबिक अनुभव के पिता देवेंदर कालिया रैन बैक्सी कंपनी में जीएम हैं, जबकि माता बद्दी स्थित कालेज में टीचर हैं। वहीं, बड़ा भाई इंडोनेशिया में पायलट है। पड़ोसियों के मुताबिक अनुभव की स्कूलिंग वाईपीएस और चंडीगढ़ के स्कूलों से हुई है। पढ़ने के मामले में भी अनुभव काफी तेज था।
वैभव ने मां को कहा था, जल्द लौट रहा हूं मैं
चंडीगढ़। सेक्टर 22 स्थित कोठी नं 2335 में उस समय उदासी छा गई जब 20 वर्षीय वैभव सुधीर की ऋषिकेश में मौत का समाचार मिला। मां आरती का कहना है कि वैभव तो देहरादून में है, उसका शव ऋषिकेश में कैसे मिल सकता है। मां आरती ने बताया कि सोमवार को ही वैभव के पेपर खत्म हुए थे। रात को ही वैभव से फोन पर बात हुई थी। वैभव ने कहा था कि उसके पेपर अच्छे हुए और वे जल्द ही घर वापस आ रहे हैं।
बेटे की मौत की सूचना मिलते ही मां आरती अपने रिश्तेदारों के साथ ऋषिकेश के लिए रवाना हो गई। वैभव की चाची ने बताया कि आरती बैंक में कर्मचारी है, जबकि वैभव के पिता उमेश दत्त सुधीर दिल्ली में नौकरी करते हैं। वहीं, सेक्टर 45 निवासी उदय करन सिंह की मौत के बाद उनके घर में भी सन्नाटा छा गया।