{"_id":"9803","slug":"Chandigarh-9803-54","type":"story","status":"publish","title_hn":"फर्नीचर मार्केट फिर खाक","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
चंडीगढ़। शहर की सबसे बड़ी सेक्टर-54 कीफर्नीचर मार्केट में सोमवार देर रात को लगी भीषण आग में करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के फर्नीचर समेत तीस से ज्यादा दुकानें खाक हो गईं। आग इतनी बड़ी थी कि बुझाने के लिए चंडीगढ़ और मोहाली की दस से ज्यादा फायर ब्रिगेड गाड़ियों को तीन घंटे से ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी। इसी फर्नीचर मार्केट में करीब सवा तीन साल पहले आग लगी थी लेकिन प्रशासन ने व्यापारियों को दिए गए आश्वासनों पर कोई काम नहीं किया और एक बार फिर सैकड़ों लोगों के सपने इस आग में स्वाहा हो गए।
सोमवार रात तकरीबन पौने ग्यारह बजे सेक्टर-53 और 54 की डिवाइडिंग पर बनी फर्नीचर मार्केट में गुरुद्वारे के सामने स्थित दुकानों में धुआं निकलते दिखा तो लोग मौके पर पहुंचे। जब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक पहली दुकान, फिर दूसरी और तीसरी, और इस तरह देखते-देखते मार्केट की तीस से ज्यादा दुकानें आग की चपेट में आ गईं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक महज पांच मिनट के भीतर पूरी मार्केट धू-धू कर जल उठीं। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले पुलिस को सूचना दी, उसके बाद तुरंत फायर ब्रिगेड को। इसके लगभग पंद्रह मिनट बाद फायर बिग्रेड की गाड़ियां पहुंचीं, लेकिन तब तक आग ने मार्केट के एक हिस्से को चपेट में ले लिया था। आग लगने की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे राय फर्नीचर के मालिक नरेश चंद राय ने बताया कि उन्होंने सोमवार को ही आर्डर पर चार लाख रुपये का माल तैयार किया था, लेकिन उनके पहुंचने तक उनकी दुकान खाक हो चुकी थी। इस आग से खाक हो चुकी दुकान जोरावल फर्नीचर के नरसिंह का कहना है कि उनकी दुकान में तकरीबन आठ लाख रुपये का सामान था जो जल गया।
आग लगने से फर्नीचर मार्केट के दूसरे हिस्से में भी अफरातफरी का माहौल रहा। लोगों ने अपने फर्नीचर को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने के लिए भागदौड़ शुरू कर दी। इनकी मदद करने को आसपास के लोग भी जुट गए। इस मार्केट से गुजर रहे अमन ने बताया कि वह करीब पौने ग्यारह बजे अपने घर जा रहे थे तब उन्होंने देखा कि आग लगी है। उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद कुछ लोग इन दुकानों के आसपास सो रहे थे जो तेजी से वहां से निकल भागे।
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दुकानदारों ने कहा, भारी नुकसान हुआ
दुकानदारों के मुताबिक आग से तकरीबन डेढ़ से दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इन दुकानों का इंश्योरेंस नहीं होता है। इस वजह से यहां के दुकानदारों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।
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तीन घंटे से ज्यादा लगे आग बुझाने में
मौके पर मौजूद फायर ऑफिसर आर गुप्ता ने बताया कि उनको रात ग्यारह बजकर दो मिनट पर आग की सूचना मिली थी। वह तत्काल ही घटनास्थल पर पहुंचे। आग बड़ी थी इसलिए मोहाली के भी फायर विभाग को सूचित किया गया।
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पानी ही खत्म हो गया फायर ब्रिगेड का
आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की आधा दर्जन गाड़ियों में पानी खत्म हो गया। नतीजा हुआ कि एक बार सभी गाड़ियों को वापस पानी भरने के लिए भेजा गया। तब तक आग बुझी भी नहीं थी। हालांकि उसके बाद मोहाली से दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई थीं।
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वजह अभी पता नहीं
फायर ऑफिसर आर गुप्ता का कहना है कि अभी आग लगने की असली वजह तो पता नहीं चल पाई है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि शार्ट सर्किट की वजह से ही आग लगी होगी। मार्केट के पास में बिजली के तारों की वजह से ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है।
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पहले भी रात को ही लगी थी आग
19 जनवरी 2009 रविवार को इसी फर्नीचर मार्केट में आग लगी थी। आग तब भी रात के वक्त ही लगी थी
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बहुतों के सपने हुए खाक
इस आग से फर्नीचर मार्केट में काम करने वाले सैकड़ों लोगों और दर्जनों दुकानदारों के सपने खाक हो गए। खासकर उन दुकानदारों के, जिन्होेंने अपने व्यवसाय को और बुलंदिया देने के लिए इंपोर्टेड फर्नीचर खरीदा था। यहां पर काम करने वाले कारीगरोें को भी अब रोजी-रोटी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
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प्रशासन से राहत की उम्मीद
2009 में लगी आग के दौरान तकरीबन एक दर्जन दुकानें जली थीं। उस वक्त लाखों रुपये का नुकसान हुआ था लेकिन किसी को कोई मुआवजा नहीं मिला। इस बार दुकानदारों को उम्मीद है कि प्रशासन कुछ राहत अवश्य देगी।
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स्थायी मार्केट की मांग नहीं हुई पूरी
पिछले कई सालों से फर्नीचर मार्केट के दुकानदार स्थायी मार्केट के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। उनको मलोया में एक साइट भी उपलब्ध कराई गई और उसका सर्वे भी हुआ लेकिन अब तक असलियत में कुछ नहीं हुआ। दुकानदारों का कहना है कि उनकी मार्केट के सामने बिजली के तारों की वजह से तीन साल पहले भी ऐसा ही हादसा हुआ था। तब भी दर्जनों दुकानें राख हुई थीं।
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मिनटों में धधक उठीं एक के बाद एक दुकानें
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