मनीमाजरा। तपती गरमी के बीच पेयजल किल्लत ने स्थानीय बाशिंदों को बेहाल कर रखा है। यहां तीन ट्यूबवेल खराब हैं, जबकि अन्य आधे से ज्यादा ट्यूबवेल पर छोटी मोटर लगी होने के कारण लो प्रेशर की समस्या आ रही है, लेकिन नगर निगम की ओर से समस्या के समाधान पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मनीमाजरा निवासी नगर निगम के पूर्व मेयर सुरेंद्र सिंह का कहना कि मनीमाजरा की दो लाख आबादी को पानी सप्लाई देने के लिए 25 ट्यूबवेल हैं, लेकिन इनसे सिर्फ 15 ट्यूबवेलों जितना ही पानी मिला रहा है। इसकी मुख्य वजह मोटर की कम क्षमता है, क्योंकि पानी का लेबर हर साल नीचे चला जा रहा है।
नगर निगम ट्यूबवेल पर बड़ी मोटर लगाता है, लेकिन जलस्तर कम होेने पर वही मोटर अपेक्षित काम नहीं करती है। सुरेंद्र सिंह का कहना कि जब तक नगर निगम मनीमाजरा में वाटर कजर्वेशन सिस्टम नहीं लगता, तब तक पानी का लेवल नीचे जाता ही रहेगा। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मनीमाजरा की जमीन पर एक ट्यूबवेल लगाने के लिए 35 से 40 लाख का खर्च आता है, क्योंकि 12 सौ से 14 सौ फुट तक बोर करना पड़ता है। मनीमाजरा के तीनों पार्षदों को मिलकर नहरी पानी सप्लाई के लिए उचित कदम उठाने पड़ेंगे। तभी जाकर समस्या का हल होगा।
संयुक्त व्यापार मंडल के प्रधान मलकीत सिंह का कहना कि मनीमाजरा में पिछले कई सालों से पहली मंजिल पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लोगों को सुबह-शाम तीन से चार घंटे लो प्रेशर में पानी मिलता है।
भाजपा नेता सुशील जैन का कहना कि मनीमाजरा के लोगों के कभी भी पूरा पानी नहीं मिलता। लोगों को अपनी जरूरत का पानी इकट्ठा करने से लिए सुबह 5 बजे उठना पड़ता है और शाम को भी पानी इकट्ठा करने को टाइम निकालना पड़ता है।
मनीमाजरा। तपती गरमी के बीच पेयजल किल्लत ने स्थानीय बाशिंदों को बेहाल कर रखा है। यहां तीन ट्यूबवेल खराब हैं, जबकि अन्य आधे से ज्यादा ट्यूबवेल पर छोटी मोटर लगी होने के कारण लो प्रेशर की समस्या आ रही है, लेकिन नगर निगम की ओर से समस्या के समाधान पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मनीमाजरा निवासी नगर निगम के पूर्व मेयर सुरेंद्र सिंह का कहना कि मनीमाजरा की दो लाख आबादी को पानी सप्लाई देने के लिए 25 ट्यूबवेल हैं, लेकिन इनसे सिर्फ 15 ट्यूबवेलों जितना ही पानी मिला रहा है। इसकी मुख्य वजह मोटर की कम क्षमता है, क्योंकि पानी का लेबर हर साल नीचे चला जा रहा है।
नगर निगम ट्यूबवेल पर बड़ी मोटर लगाता है, लेकिन जलस्तर कम होेने पर वही मोटर अपेक्षित काम नहीं करती है। सुरेंद्र सिंह का कहना कि जब तक नगर निगम मनीमाजरा में वाटर कजर्वेशन सिस्टम नहीं लगता, तब तक पानी का लेवल नीचे जाता ही रहेगा। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मनीमाजरा की जमीन पर एक ट्यूबवेल लगाने के लिए 35 से 40 लाख का खर्च आता है, क्योंकि 12 सौ से 14 सौ फुट तक बोर करना पड़ता है। मनीमाजरा के तीनों पार्षदों को मिलकर नहरी पानी सप्लाई के लिए उचित कदम उठाने पड़ेंगे। तभी जाकर समस्या का हल होगा।
संयुक्त व्यापार मंडल के प्रधान मलकीत सिंह का कहना कि मनीमाजरा में पिछले कई सालों से पहली मंजिल पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लोगों को सुबह-शाम तीन से चार घंटे लो प्रेशर में पानी मिलता है।
भाजपा नेता सुशील जैन का कहना कि मनीमाजरा के लोगों के कभी भी पूरा पानी नहीं मिलता। लोगों को अपनी जरूरत का पानी इकट्ठा करने से लिए सुबह 5 बजे उठना पड़ता है और शाम को भी पानी इकट्ठा करने को टाइम निकालना पड़ता है।