चंडीगढ़। वाहनों की बढ़ती तादाद और जनसंख्या को देखते हुए चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिए गए हैं। 2021 तक मेट्रो और बीआरटी का संचालन शुरू होने के बाद भी अलग-अलग सेक्टरों और ट्राइसिटी में आवागमन के लिए 1250 बसों की जरूरत होगी। चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में इस बात का भी जिक्र है कि जेएनयूआरएम के तहत चंडीगढ़ में संचालित होने वाली 100 लो फ्लोर बसों की आक्यूपेंसी 110 है, जबकि अन्य बसों में यह 70 है। पुरानी बसों को क्रमबद्ध तरीके से विस्थापित कर लो फ्लोर बसों के संचालन को प्रोत्साहित किए जाने का प्रस्ताव है।
ट्राइसिटी के लिए को-ऑर्डिनेशन जरूरी
ट्राइसिटी में नौकरी पेशा और पढ़ाई के सिलसिले में रोजाना हजारों की संख्या में लोगआते-जाते हैं। इसलिहाज से मोहाली और पंचकूला में संचालित होने वाली बसों को भी सीटीयू में शामिल किए जाने का सुझाव है, ताकि तीनों शहरों में बसों के संचालन और बेहतर समन्वय भी संभव हो।
मॉनीटरिंग और सुरक्षा के लिए हाईटेक उपकरण
सूचना तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर ऑटोमेटिक टिकटिंग, मॉनिटरिंग और बसों में जीपीएस सहित अन्य जरूरी उपकरणों को लगाए जाने के सुझाव भी हैं। जीपीएस लगाए जाने से बसों की मॉनिटरिंग संभव होगी और यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ बसों की टाइमिंग पर भी अधिकारियों की नजर होगी। इससे त्वरित आवागमन भी संभव होगा।
बसों की क्यू शेल्टर में होगी चार्जिंग
बेहतर पर्यावरण बनाए रखने और सोलर सिटी में संचालित होने वाली इको फ्रेंडली बसों को बस क्यू शेल्टरों में भी चार्जिंग की सुविधा का प्रस्ताव है। यात्रियों को आधुनिक सुविधा मुहैया कराने के लिए लो फ्लोर एसी बसों के संचालन को प्राथमिकता दी गई है।
लो फ्लोर बसों को दिया जाएगा प्रोत्साहन
नेशनल एक्शन प्लान और चंडीगढ़ मास्टर प्लान के तहत लंबी दूरी की बसों को भी चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए, ताकि यात्रियों को त्वरित, आधुनिक और बेहतर सुविधाओं से युक्त वाहनों में सफर का मौका मिल सके।
ट्राइसिटी में पांच अतिरिक्त डिपो जरूरी
मास्टर प्लान में बीआरटी टर्मिनल बनाए जाने के प्रस्ताव भी हैं, ताकि विभिन्न गंतव्यों के लिए बीआरटी कॉरिडोर में बेहतर तौर पर लागू किया जा सके। फिलहाल इंडस्ट्रियल एरिया, सेक्टर-25 में वर्कशॉप हैं। राइट्स के अध्ययन में 2021 तक ट्राइसिटी में पांच नए डिपो की शुरुआत का प्रस्ताव भी है। वर्तमान में आईएसबीटी-17, आईएसबीटी-43, सेक्टर-5 सिटी सेंटर, पंचकूला और सेक्टर-62 मोहाली से बसें संचालित होती हैं। राइट्स ने मनीमाजरा, सेक्टर-31 और सेक्टर-102 मोहाली में दूसरे शहरों से आने वाली बसों के लिए इंटरसिटी बस टर्मिनल का प्रस्ताव दिया है।
चंडीगढ़। वाहनों की बढ़ती तादाद और जनसंख्या को देखते हुए चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिए गए हैं। 2021 तक मेट्रो और बीआरटी का संचालन शुरू होने के बाद भी अलग-अलग सेक्टरों और ट्राइसिटी में आवागमन के लिए 1250 बसों की जरूरत होगी। चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में इस बात का भी जिक्र है कि जेएनयूआरएम के तहत चंडीगढ़ में संचालित होने वाली 100 लो फ्लोर बसों की आक्यूपेंसी 110 है, जबकि अन्य बसों में यह 70 है। पुरानी बसों को क्रमबद्ध तरीके से विस्थापित कर लो फ्लोर बसों के संचालन को प्रोत्साहित किए जाने का प्रस्ताव है।
ट्राइसिटी के लिए को-ऑर्डिनेशन जरूरी
ट्राइसिटी में नौकरी पेशा और पढ़ाई के सिलसिले में रोजाना हजारों की संख्या में लोगआते-जाते हैं। इसलिहाज से मोहाली और पंचकूला में संचालित होने वाली बसों को भी सीटीयू में शामिल किए जाने का सुझाव है, ताकि तीनों शहरों में बसों के संचालन और बेहतर समन्वय भी संभव हो।
मॉनीटरिंग और सुरक्षा के लिए हाईटेक उपकरण
सूचना तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर ऑटोमेटिक टिकटिंग, मॉनिटरिंग और बसों में जीपीएस सहित अन्य जरूरी उपकरणों को लगाए जाने के सुझाव भी हैं। जीपीएस लगाए जाने से बसों की मॉनिटरिंग संभव होगी और यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ बसों की टाइमिंग पर भी अधिकारियों की नजर होगी। इससे त्वरित आवागमन भी संभव होगा।
बसों की क्यू शेल्टर में होगी चार्जिंग
बेहतर पर्यावरण बनाए रखने और सोलर सिटी में संचालित होने वाली इको फ्रेंडली बसों को बस क्यू शेल्टरों में भी चार्जिंग की सुविधा का प्रस्ताव है। यात्रियों को आधुनिक सुविधा मुहैया कराने के लिए लो फ्लोर एसी बसों के संचालन को प्राथमिकता दी गई है।
लो फ्लोर बसों को दिया जाएगा प्रोत्साहन
नेशनल एक्शन प्लान और चंडीगढ़ मास्टर प्लान के तहत लंबी दूरी की बसों को भी चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए, ताकि यात्रियों को त्वरित, आधुनिक और बेहतर सुविधाओं से युक्त वाहनों में सफर का मौका मिल सके।
ट्राइसिटी में पांच अतिरिक्त डिपो जरूरी
मास्टर प्लान में बीआरटी टर्मिनल बनाए जाने के प्रस्ताव भी हैं, ताकि विभिन्न गंतव्यों के लिए बीआरटी कॉरिडोर में बेहतर तौर पर लागू किया जा सके। फिलहाल इंडस्ट्रियल एरिया, सेक्टर-25 में वर्कशॉप हैं। राइट्स के अध्ययन में 2021 तक ट्राइसिटी में पांच नए डिपो की शुरुआत का प्रस्ताव भी है। वर्तमान में आईएसबीटी-17, आईएसबीटी-43, सेक्टर-5 सिटी सेंटर, पंचकूला और सेक्टर-62 मोहाली से बसें संचालित होती हैं। राइट्स ने मनीमाजरा, सेक्टर-31 और सेक्टर-102 मोहाली में दूसरे शहरों से आने वाली बसों के लिए इंटरसिटी बस टर्मिनल का प्रस्ताव दिया है।