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चंडीगढ़। यूटी प्रशासक शिवराज पाटिल अब आचार्य श्री तुलसी के सूत्र वाक्यों का कन्नड़ और मराठी में अनुवाद करेंगे। वीरवार को मुनिश्री विनय कुमार ‘आलोक’ से विचार-विमर्श के दौरान राजभवन में यह बात कही।
पाटिल ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी देश की ऐसी महान हस्ती थे, जिन्होंने धर्म शब्द को पंथ से ऊपर उठाकर सर्वजन हिताय बनाया। वह उनके उपकारों से कभी भी उऋण नहीं हो सकेंगे। ऐसे राष्ट्रीय संत के जन्मशती समारोहों में चंडीगढ़ प्रशासन भी हरसंभव मदद और सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री तुलसी जैसी महान हस्तियां इस संसार में कभी-कभी अवतरित होती हैं। ऐसे प्रज्ञा पुरुष के जन्मशती वर्ष पर सरकार और समाज जितना भी करे, वह कम ही होगा।
आचार्य जी के बिताए पलों को याद किया
आचार्य श्री तुलसी के साथ बिताए समय को याद करते हुए पाटिल ने कहा कि आचार्य जी का अणुव्रत आंदोलन मानवता के लिए बहुत बड़ी देन है। वह जब-जब उनके पास बैठते थे, ज्यादातर समय उन्होंने आचार्य जी को मानव मात्र के भले के लिए तड़पते हुए पाया। आचार्य जी सामाजिक दुर्दशा से बहुत चिंतित रहते थे।
आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता
पाटिल ने कहा कि लोग अपना घर बनाने पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन सरकार अगर जरा सा टैक्स लगा दे तो उन्हें परेशानी होने लगती है। सभी के निशाने पर सरकार ही होती है। आतंक पर चर्चा करते हुए पाटिल ने कहा कि आतंकवादियों का कोई धर्म या मजहब नहीं होता है। उनका एक ही धर्म है आतंक फैलाना, निर्दोषों का खून बहाना और मानवता को दुखी करना। विकृत सोच वाले ये लोग धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाने जैसी नापाक हरकतों से बाज नहीं आते। वहीं, मुनिश्री विनय कुमार ‘आलोक ’ ने कहा कि आचार्य तुलसी की जन्मशती सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने, इसके लिए सरकार और समाज अगर अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करे तो जन्मशती वर्ष आध्यात्मिक उत्थान का सबल और सफल उपक्रम बन सकता है। पाटिल ने आचार्य श्री तुलसी के जन्मशती समारोह का शुभारंभ 5 नवंबर को करने की सहमति दी। इस दौरान मुनिश्री अभय कुमार, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मनोज जैन, मंत्री रवि चोपड़ा, श्रीजैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, चंडीगढ़ के अध्यक्ष पीसी सिंगला और विजय गोयल भी मौजूद थे।
चंडीगढ़। यूटी प्रशासक शिवराज पाटिल अब आचार्य श्री तुलसी के सूत्र वाक्यों का कन्नड़ और मराठी में अनुवाद करेंगे। वीरवार को मुनिश्री विनय कुमार ‘आलोक’ से विचार-विमर्श के दौरान राजभवन में यह बात कही।
पाटिल ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी देश की ऐसी महान हस्ती थे, जिन्होंने धर्म शब्द को पंथ से ऊपर उठाकर सर्वजन हिताय बनाया। वह उनके उपकारों से कभी भी उऋण नहीं हो सकेंगे। ऐसे राष्ट्रीय संत के जन्मशती समारोहों में चंडीगढ़ प्रशासन भी हरसंभव मदद और सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री तुलसी जैसी महान हस्तियां इस संसार में कभी-कभी अवतरित होती हैं। ऐसे प्रज्ञा पुरुष के जन्मशती वर्ष पर सरकार और समाज जितना भी करे, वह कम ही होगा।
आचार्य जी के बिताए पलों को याद किया
आचार्य श्री तुलसी के साथ बिताए समय को याद करते हुए पाटिल ने कहा कि आचार्य जी का अणुव्रत आंदोलन मानवता के लिए बहुत बड़ी देन है। वह जब-जब उनके पास बैठते थे, ज्यादातर समय उन्होंने आचार्य जी को मानव मात्र के भले के लिए तड़पते हुए पाया। आचार्य जी सामाजिक दुर्दशा से बहुत चिंतित रहते थे।
आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता
पाटिल ने कहा कि लोग अपना घर बनाने पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन सरकार अगर जरा सा टैक्स लगा दे तो उन्हें परेशानी होने लगती है। सभी के निशाने पर सरकार ही होती है। आतंक पर चर्चा करते हुए पाटिल ने कहा कि आतंकवादियों का कोई धर्म या मजहब नहीं होता है। उनका एक ही धर्म है आतंक फैलाना, निर्दोषों का खून बहाना और मानवता को दुखी करना। विकृत सोच वाले ये लोग धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाने जैसी नापाक हरकतों से बाज नहीं आते। वहीं, मुनिश्री विनय कुमार ‘आलोक ’ ने कहा कि आचार्य तुलसी की जन्मशती सभी के लिए प्रेरणास्रोत बने, इसके लिए सरकार और समाज अगर अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करे तो जन्मशती वर्ष आध्यात्मिक उत्थान का सबल और सफल उपक्रम बन सकता है। पाटिल ने आचार्य श्री तुलसी के जन्मशती समारोह का शुभारंभ 5 नवंबर को करने की सहमति दी। इस दौरान मुनिश्री अभय कुमार, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मनोज जैन, मंत्री रवि चोपड़ा, श्रीजैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, चंडीगढ़ के अध्यक्ष पीसी सिंगला और विजय गोयल भी मौजूद थे।