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चंडीगढ़। सीटीयू की 40 बसें स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) की जांच में फेल साबित हो गईं, जिसके चलते एसटीए ने उक्त बसों को पास करने से मना कर दिया। बताया जा रहा है कि यदि उक्त बसों को ऐसे ही पास कर दिया जाता तो ये बसें दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थीं। ऐसे में सीटीयू प्रबंधन में भी खलबली मच गई है। ज्ञात हो कि दो माह से बिना बीमा के खड़ी सीटीयू की 170 बसों को एसटीए ने फरवरी तक बीमा से छूट देते हुए पास करना शुरू किया था।
उधर, सीटीयू के अधिकारियों ने बसों की कमियों को नजरअंदाज करते हुए एसटीए के पास पासिंग के लिए भेज दीं, लेकिन एसटीए ने कमियों को पकड़ लिया और बसों को वापस डिपो में भेज दिया।
ये थीं कमियां...
एसटीए सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान किसी बस में हेड लाइट ठीक नहीं तो किसी में इंडिकेटर काम नहीं कर रहा था। कई बसों में स्पीड गवर्नर नहीं लगे थे और जिनमें लगे थे उनके सर्टिफिकेट नहीं थे। वहीं कई बसों में सेल्फ स्टार्ट भी खराब हो गए हैं।
कोटस...
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) की 40 बसों को टेक्निकल फॉल्ट के कारण रिजेक्ट किया गया है। उन्हें समय दिया गया है। स्पीड गवर्नर लगाने का प्रमाण पत्र लाने को कहा गया है। टेक्निकल फॉल्ट को ठीक किए जाने के बाद भी बसों को चेक कर पास किया जाएगा। उक्त बसों को पास करने से एक्सीडेंट का खतरा बना रहता।
बलबीर सिंह ढोल, सचिव, स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी चंडीगढ़।
कोटस
बसों के टेक्निकल फॉल्ट को ठीक किया जा रहा है। कुछ बसों को एसटीए ने पास करने से मना किया है। उनको ठीक कराया जा रहा है।
अमरीक सिंह, महाप्रबंधक, चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग।
कोटस...
बीमा से छूट मिली है, लेकिन सीटीयू ने बसों की कमियां ठीक नहीं की। एसटीए ने सही किया। वहीं सीटीयू प्रबंधन को जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
सुनील चोपड़ा, सह सचिव फासवेक।
चंडीगढ़। सीटीयू की 40 बसें स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) की जांच में फेल साबित हो गईं, जिसके चलते एसटीए ने उक्त बसों को पास करने से मना कर दिया। बताया जा रहा है कि यदि उक्त बसों को ऐसे ही पास कर दिया जाता तो ये बसें दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थीं। ऐसे में सीटीयू प्रबंधन में भी खलबली मच गई है। ज्ञात हो कि दो माह से बिना बीमा के खड़ी सीटीयू की 170 बसों को एसटीए ने फरवरी तक बीमा से छूट देते हुए पास करना शुरू किया था।
उधर, सीटीयू के अधिकारियों ने बसों की कमियों को नजरअंदाज करते हुए एसटीए के पास पासिंग के लिए भेज दीं, लेकिन एसटीए ने कमियों को पकड़ लिया और बसों को वापस डिपो में भेज दिया।
ये थीं कमियां...
एसटीए सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान किसी बस में हेड लाइट ठीक नहीं तो किसी में इंडिकेटर काम नहीं कर रहा था। कई बसों में स्पीड गवर्नर नहीं लगे थे और जिनमें लगे थे उनके सर्टिफिकेट नहीं थे। वहीं कई बसों में सेल्फ स्टार्ट भी खराब हो गए हैं।
कोटस...
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) की 40 बसों को टेक्निकल फॉल्ट के कारण रिजेक्ट किया गया है। उन्हें समय दिया गया है। स्पीड गवर्नर लगाने का प्रमाण पत्र लाने को कहा गया है। टेक्निकल फॉल्ट को ठीक किए जाने के बाद भी बसों को चेक कर पास किया जाएगा। उक्त बसों को पास करने से एक्सीडेंट का खतरा बना रहता।
बलबीर सिंह ढोल, सचिव, स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी चंडीगढ़।
कोटस
बसों के टेक्निकल फॉल्ट को ठीक किया जा रहा है। कुछ बसों को एसटीए ने पास करने से मना किया है। उनको ठीक कराया जा रहा है।
अमरीक सिंह, महाप्रबंधक, चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग।
कोटस...
बीमा से छूट मिली है, लेकिन सीटीयू ने बसों की कमियां ठीक नहीं की। एसटीए ने सही किया। वहीं सीटीयू प्रबंधन को जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
सुनील चोपड़ा, सह सचिव फासवेक।