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चंडीगढ़। गवर्नमेंट मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (जीएमसीएच) के नए डायरेक्टर-प्रिंसिपल की नियुक्ति के लिए प्रशासन नए सिरे से आवेदन मंगाएगा। केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने बुधवार को जीएमसीएच के पांच डाक्टरों को आवेदन के योग्य ठहराते हुए डी-पी के लिए एक सप्ताह के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। कैट के इस फैसले से जीमएसीएच-32 के मौजूदा डॉक्टरों सहित देश का कोई भी योग्य उम्मीदवार इस पद के लिए डेपुटेशन आधार पर दावेदारी पेश कर सकेगा।
दरअसल जीएमसीएच-32 के डायरेक्टर प्रिंसिपल पद के लिए प्रशासन ने सितंबर, 2011 में आवेदन मंगाए थे। इसमें जीएमसीएच के डॉक्टरों सहित पीजीआई के डॉक्टर एसके सिंह ने भी आवेदन किया थे। पहले आवेदन करने वालों में इसमें जीएमसीएच-32 के डा.बीएस चवन, डा. सुमन कोचर, डा. जे. चंद्र, डा. एसके जनमेजा, डा. वीके ग्रोवर, डॉ. अर्जुन दास के नाम शामिल थे। प्रशासन की ओर से यूपीएससी को लिखे गए पत्र के बाद जीएमसीएच-32 के पांच डॉक्टरों को यूपीएससी ने इंटरव्यू के लिए कॉल किया। लेकिन, डा. एसके सिंह को इंटरव्यू में नहीं शामिल किया गया। डा. सिंह ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कैट में याचिका दायर की। बाद में डा. अशोक अत्री, डा. अतुल सचेदव,डा. अंजू हुरिया, डा. राम सिंह और डा. सुधीर सिंह ने भी इस पद के लिए दावेदारी पेश करते हुए कैट में याचिका दायर की थी। उनकी दलील थी कि इंटरनल कैंडीडेट होने की वजह से उन्होंने आवेदन नहीं दिए। लेकिन जीएमसीएच-32 के ही डॉक्टरों को कैसे इंटरव्यू के लिए कॉल किया गया।
इस मामले में डा. सिंह ने इंटरव्यू और आवेदकों के नाम रद करने की मांग की, बाद में कैट ने इस पर स्टे लगा दिया। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में कैट ने डायरेक्टर प्रिंसिपल पद के लिए जीएमसीएच-32 के डॉक्टरों समेत इस पद के लिए योग्य अन्य डॉक्टरों को भी आवेदन के लिए योग्य करार दे दिया। साथ ही प्रशासन को एक सप्ताह में आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए हैं। कैट ने एक महीने में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने की भी संभावना जताई है। चूंकि डायरेक्टर-प्र्रिंसिपल पद पर नियुक्ति डेपुटेशन पर की जाएगी। इसलिए अगर जीएमसीएच-32 के डॉक्टर इस पद पर चयनित होते हैं तो उन्हें डेपुटेशन अवधि खत्म होने के बाद पद छोड़ना होगा।
ये होनी चाहिए योग्ता
जीएमसीएच में नियुक्ति संबंधी प्रावधानों के मुताबिक डायरेक्टर-प्रिंसिपल पद के लिए उम्मीदवार के लिए जरूरी है कि रीडर या एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर उसके पास दस वर्ष का अनुभव हो। इसमें पांच साल तक बतौर प्रोफेसर कार्य का अनुभव आवश्यक है।
कोट
कैट के फैसले की कापी मिलते ही जीएमसीएच के निदेशक-प्रिंसिपल के पद के लिए पद विज्ञापित कर देंगे। इस बार अंदर और बाहर दोनों के योग्य उम्मीदवारों को मौका मिलेगा।
अनिल कुमार
हेल्थ सेक्रेटरी, प्रशासन
चंडीगढ़। गवर्नमेंट मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (जीएमसीएच) के नए डायरेक्टर-प्रिंसिपल की नियुक्ति के लिए प्रशासन नए सिरे से आवेदन मंगाएगा। केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने बुधवार को जीएमसीएच के पांच डाक्टरों को आवेदन के योग्य ठहराते हुए डी-पी के लिए एक सप्ताह के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। कैट के इस फैसले से जीमएसीएच-32 के मौजूदा डॉक्टरों सहित देश का कोई भी योग्य उम्मीदवार इस पद के लिए डेपुटेशन आधार पर दावेदारी पेश कर सकेगा।
दरअसल जीएमसीएच-32 के डायरेक्टर प्रिंसिपल पद के लिए प्रशासन ने सितंबर, 2011 में आवेदन मंगाए थे। इसमें जीएमसीएच के डॉक्टरों सहित पीजीआई के डॉक्टर एसके सिंह ने भी आवेदन किया थे। पहले आवेदन करने वालों में इसमें जीएमसीएच-32 के डा.बीएस चवन, डा. सुमन कोचर, डा. जे. चंद्र, डा. एसके जनमेजा, डा. वीके ग्रोवर, डॉ. अर्जुन दास के नाम शामिल थे। प्रशासन की ओर से यूपीएससी को लिखे गए पत्र के बाद जीएमसीएच-32 के पांच डॉक्टरों को यूपीएससी ने इंटरव्यू के लिए कॉल किया। लेकिन, डा. एसके सिंह को इंटरव्यू में नहीं शामिल किया गया। डा. सिंह ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कैट में याचिका दायर की। बाद में डा. अशोक अत्री, डा. अतुल सचेदव,डा. अंजू हुरिया, डा. राम सिंह और डा. सुधीर सिंह ने भी इस पद के लिए दावेदारी पेश करते हुए कैट में याचिका दायर की थी। उनकी दलील थी कि इंटरनल कैंडीडेट होने की वजह से उन्होंने आवेदन नहीं दिए। लेकिन जीएमसीएच-32 के ही डॉक्टरों को कैसे इंटरव्यू के लिए कॉल किया गया।
इस मामले में डा. सिंह ने इंटरव्यू और आवेदकों के नाम रद करने की मांग की, बाद में कैट ने इस पर स्टे लगा दिया। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में कैट ने डायरेक्टर प्रिंसिपल पद के लिए जीएमसीएच-32 के डॉक्टरों समेत इस पद के लिए योग्य अन्य डॉक्टरों को भी आवेदन के लिए योग्य करार दे दिया। साथ ही प्रशासन को एक सप्ताह में आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए हैं। कैट ने एक महीने में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने की भी संभावना जताई है। चूंकि डायरेक्टर-प्र्रिंसिपल पद पर नियुक्ति डेपुटेशन पर की जाएगी। इसलिए अगर जीएमसीएच-32 के डॉक्टर इस पद पर चयनित होते हैं तो उन्हें डेपुटेशन अवधि खत्म होने के बाद पद छोड़ना होगा।
ये होनी चाहिए योग्ता
जीएमसीएच में नियुक्ति संबंधी प्रावधानों के मुताबिक डायरेक्टर-प्रिंसिपल पद के लिए उम्मीदवार के लिए जरूरी है कि रीडर या एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर उसके पास दस वर्ष का अनुभव हो। इसमें पांच साल तक बतौर प्रोफेसर कार्य का अनुभव आवश्यक है।
कोट
कैट के फैसले की कापी मिलते ही जीएमसीएच के निदेशक-प्रिंसिपल के पद के लिए पद विज्ञापित कर देंगे। इस बार अंदर और बाहर दोनों के योग्य उम्मीदवारों को मौका मिलेगा।
अनिल कुमार
हेल्थ सेक्रेटरी, प्रशासन