चंडीगढ़। तकनीकी मदद से जनहित याचिका दायर करने का एक अनूठा मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा है। स्थानीय निवासी उत्सव जैन ने रिकार्डेड ऑडियो सीडी को आधार बनाकर चंडीगढ़ पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सीडी में बच्चों ने पुलिस अधिकारियों की बदसलूकी और क्रूरता के बयान दर्ज किए हैं।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कार्यवाहक चीफ जस्टिस एमएम कुमार एवं जस्टिस आलोक सिंह ने पुलिस के इस रवैये पर कड़ा रुख अपनाते हुए चंडीगढ़ प्रशासन और आईजीपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस कर्मचारी सेक्टर-3 के आब्जर्वेशन होम में रहने वाले बच्चाें के साथ बर्बरता करते हैं। याचिका के साथ जोड़े गए बच्चों के साक्षात्कार में आरोप लगाए गए हैं कि पुलिस वाले उन्हें घंटाें निर्वस्त्र रखते हैं। कई घंटे मुर्गा बनाकर रखते हैं और यहां तक पुलिस स्टेशनाें में बिजली के झटके तक देते हैं। याचिका में हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है कि जुवनाइल जस्टिस बोर्ड को बच्चाें की स्टेटमेंट रिकार्ड करने के निर्देश जारी किए जाएं। साथ ही, इस मामले की जांच करने के लिए विशेष जांच एजेंसी गठित की जाए, ताकि पुलिस की बर्बरता पर नकेल कसी जा सके।
यह सीडी के कुछ रिकार्डेड बयान
1. आरोपी बच्चा (उम्र-14साल), मुझ पर अपने दोस्ताें के साथ 38 सेक्टर में चोरी करने का आरोप है। 1 जनवरी को पुलिस ने मुझे पकड़ लिया। इसके बाद मुझे कई बार बिजली के झटके दिए गए।
2. दूसरी बच्ची (उम्र-13साल) पुलिस ने मुझे कई घंटे पूरी तरह नंगा रखा और फिर मुझे बिजली के झटके दिए। हर बात पर गालियां भी दीं।
3. एक और माइनर : मुझे कई थप्प्ड़ मारे गए और तीन से चार मिनट तक बिजली के झटके दिए।
4. एक और बच्चे : मुझे सेक्टर-22 की चौकी में तीन दिन तक रखा। कई बार पूरी तरह निवस्त्र करके मुर्गा बनाया। पर्स में रखे पैसे भ ले लिए।