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डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सल लीडर की मौत: कट्टम सुदर्शन ने हार्ट अटैक से तोड़ा दम, देश भर में माओवादी करेंगे सभा
अमर उजाला नेटवर्क, दंतेवाडा
Published by: Digvijay Singh
Updated Sun, 04 Jun 2023 12:11 PM IST
नक्सलियों ने प्रेसनोट के साथ पोलित ब्यूरो कट्टम सुदर्शन के मौत के बाद कि तस्वीरें भी जारी किया। 5 जून से 3 अगस्त तक पूरे देश में आनंद स्मरण सभाओं का आयोजन करने की अपील की है।
माओवादी लीडर कट्टम सुदर्शन की हार्ट अटैक से मौत (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
नक्सलियों के पोलित ब्यूरो के सदस्य और डेढ़ करोड़ के इनामी रहे आनंद उर्फ कट्टम सुदर्शन की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह करीब 69 साल का था। बताया जा रहा है कि नक्सली लीडर सुदर्शन कई महीनों से डायबिटीज, बीपी सहित अन्य बीमारियों से जूझ रहा था। इलाज के अभाव में उसने 31 मई की दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर दम तोड़ दिया। नक्सलियों ने दंडकारण्य के जंगल में ही उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। अब नक्सली पांच जून से तीन अगस्तर तक उसकी याद में देश भर में सभा का आयोजन करेंगे।
नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने दो जून को प्रेस नोट के सथ आनंद की तस्वीर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में जारी की है। प्रेस नोट में बताया गया है कि, बेलमपल्ली के मजदूर परिवार में आनंद जा जन्म हुआ था। वह पिछले करीब पांच दशक से नक्सल संगठन में सक्रिय था। उसने केंद्रीय कमेटी से लेकर आंध्र-तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में नक्सल संगठन की जिम्मेदारी संभाली थी। नक्सल संगठन को मजबूती देने, संगठन का विस्तार करवाने में माहिर था। इसकी मौत से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है।
1974 में नक्सली संगठन में आया, फिर वहां बनाया था छात्र संगठन
कट्टम सुदर्शन ने 1974 में नक्सली संगठन में कदम रखा। इसके बाद वहां रहकर छात्र संगठन निर्माण करने में सक्रिय भूमिका निभाई। बाद में बेलमपल्ली पार्टी सेल का सदस्य बनकर सिंगरेणी मजदूर संघ के संघर्ष में शामिल हुआ।
1978 में लक्सेटीपेटा-जगनम इलाके में पार्टी ऑर्गेनाइजर की जिम्मेदारी मिली।
1980 में आदिलाबाद जिला कमेटी का सदस्य और दंडकारण्य इलाकों में नक्स्ली संगठन को बढ़ाया।
1987 में नक्सलियों की दंडकारण्य फॉरेस्ट समिति में चुना गया।
1995 में नक्सलियों की उत्तर तेलंगाना स्पेशल जोनल कमेटी सचिव बना और फिर अखिल भारतीय विशेष अधिवेशन में केंद्रीय कमेटी सदस्य के रूप में चुना गया था।
2001 में नक्सलियों की पोलित ब्यूरो का सदस्य बना और सेंट्रल रीजनल ब्यूरो के सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी।
2007 में केंद्रीय कमेटी और पोलित ब्यूरो सदस्य के बाद मध्य रीजनल ब्यूरो के सचिव बनाया गया।
2017 तक मध्य रीजनल ब्यूरो सचिव बना और फिर पोलित ब्यूरो सदस्य के रूप में काम करता रहा।
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