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कैंसर से जंग लड़ रही पावर लिफ्टर: हश्मीत कौर के पास इलाज के लिए रुपये नहीं; स्टेट मेडलिस्ट बेटे को सरकार से आस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, धमतरी Published by: मोहनीश श्रीवास्तव Updated Sun, 28 May 2023 08:51 PM IST
सार

हश्मीत के 11वीं में पढ़ने वाले स्टेट मेडलिस्ट बेटे हर्षदीप सिंह कहते हैं कि सारी जमा-पूंजी मां के इलाज में खर्च हो चुकी है, लेकिन उन्हें ठीक नहीं कर सके। अब सरकार से ही  उम्मीदें हैं। 
 

Chhattisgarh Power lifter Hashmeet Kaur does not have money for cancer treatment
पावर लिफ्टर हश्मीत कौर। - फोटो : संवाद

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छत्तीसगढ़ की पावर लिफ्टर हश्मीत कौर। नेशनल पावर लिफ्टिंग में 13 मेडल जीत चुकी हैं। करीब 36 से युवतियों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया, लेकिन खुद कैंसर से जंग लड़ रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हश्मीत कौर को ब्रेस्ट कैंसर है। वह सेकेंड स्टेज पर हैं और जिंदगी-मौत के बीच संघर्ष जारी है। उनके पास इलाज के लिए रुपये तक नहीं बचे हैं। हश्मीत के 11वीं में पढ़ने वाले स्टेट मेडलिस्ट बेटे हर्षदीप सिंह कहते हैं कि सारी जमा-पूंजी मां के इलाज में खर्च हो चुकी है, लेकिन उन्हें ठीक नहीं कर सके। अब सरकार से ही  उम्मीदें हैं। 





बेटे ने जनता से भी मांगा सहयोग
धमतरी के वार्ड 12 में रहने वाली हश्मीत कौर अब तक 13 मेडल जीत चुकी हैं। इसमें पांच गोल्ड भी शामिल हैं।  उन्होंने युवतियों को निशुल्क कोचिंग देकर नेशनल स्तर तक पहुंचाने हर संभव काम किया है। उनकी बदौलत कई खिलाड़ी नेशनल में खेल भी रहे हैं। आगे बढ़ने के लिए सबका मनोबल बढ़ाने में माहिर हश्मीत कौर खुद कैंसर से इस लड़ाई को हार रही हैं। इस खेल में न जाने उन्हें कब सफलता मिलेगी। ऐसे में उनके बेटे हर्षदीप ने प्रदेश सरकार के अलावा आम जनता से भी सहयोग राशि की अपील की है।


तीन बार नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड, महिला कोच
हश्मीत कौर 2015 में महिला कोच बनी और 2017 से लगातार खेल रही है। पहले साल स्टेट लेवल पर गोल्ड मिला, फिर कोलकाता में नेशनल मेडल। इसके बाद लगातार छह साल से नेशनल में पांच गोल्ड, सात सिल्वर, एक ब्रांज मेडल लेकर आईं। इन्हें तीन बार नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड भी मिल चुका है। नेशनल खेल में रेफरशिप अच्छे से निभाई है। ऐसे में उनकी जिंदगी को बचाने में मिली सहायता, ठीक होने के बाद और युवतियों के भी आगे का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं। इनके मार्गदर्शन में खिलाड़ियों को मंजिल मिलती है, तो खुद खेल कर देश में प्रदेश का मान बढ़ाती हैं। 



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लगाई सहयोग की गुहार
पुत्र हर्षदीप सिंह अपनी मां के हालत को देखकर बहुत चिंतित है। वह उन्हें हर संभव इलाज देकर ठीक करना चाहता है। लेकिन आगे के इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। वह इधर-उधर जहां भी पैसे दिखे जा चुके हैं, अब कुछ नहीं रहा। उन्हें पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इनकी मां के इलाज पर हर संभव प्रयास करेंगे। और उन्हें बड़े से बड़े अस्पताल उपचार के लिए भेजकर ठीक कराएंगे। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक से मां के इलाज के लिए सहयोग मांगा है।

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