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Chandigarh: सिख बंदियों की रिहाई के लिए सीएम हाउस घेरने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी रोके, धरने के बाद लौटे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़/मोहाली Published by: निवेदिता वर्मा Updated Thu, 09 Feb 2023 04:49 PM IST
सार

सिख कैदियों की रिहाई और गुरु ग्रंथ साहिब के बेअदबी के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री का आवास घेरने निकले प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को  पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था।

मोहाली पुलिस ने जत्थे को रोका।
मोहाली पुलिस ने जत्थे को रोका। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी।

विस्तार

चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर बुधवार को बुधवार को कौमी इंसाफ मोर्चा के प्रदर्शनकारी एवं पुलिस के बीच हुई भिड़ंत के बाद चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से मोहाली पुलिस पर आरोप लगाए गए थे। इसके पश्चात गुरुवार को मोहाली पुलिस ने धरना स्थल को पुलिस छावनी में बदल दिया। मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाने वाले 31 सदस्यीय जत्थे को मोहाली सीमा में ही रोक लिया गया।



गुरुवार दोपहर करीब एक बजे अरदास करने के बाद 31 प्रदर्शनकारियों का एक जत्था मुख्यमंत्री आवास की तरफ रवाना हुआ। वाईपीएस चौक से चलकर यह जत्था जब सेक्टर 52-53 चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर पहुंचा तो वहां पर मोहाली पुलिस बल भारी संख्या में मौजूद था। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को वहीं पर रोक दिया।


प्रदर्शनकारी भी शांतिपूर्ण ढंग से सड़क पर बैठकर सतनाम वाहेगुरु का जाप करने लग गए। इसके बाद उन्होंने सड़क पर बैठकर ही सुखमणि साहब का पाठ किया। दो घंटे तक सभी प्रदर्शनकारी वहीं पर बैठे रहे। प्रदर्शनकारियों ने करीब चार बजे एक बार फिर मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाने की मांग की लेकिन अनुमति नही मिलने पर उन्होंने एक बार फिर सड़क पर बैठकर पाठ करना शुरू कर दिया। इसके आधे घंटा बाद वे पंजाब सरकार और भगवंत मान के खिलाफ नारेबाजी करते वापस वाईपीएस चौक पर आ गए।
 


तीसरे दिन उग्र हुए प्रदर्शनकारी
करीब एक महीने से चल रहे इस धरना प्रदर्शन में छह फरवरी को जत्थे ने फैसला लिया गया था कि 31 लोगों का एक जत्था हर रोज मुख्यमंत्री आवास पर जाएगा। सोमवार को पहली बार यह जत्था रवाना हुआ था। वहीं चंडीगढ़ पुलिस ने जब इन्हें आगे नहीं जाने दिया तो वे वापस हो गए थे, लेकिन बुधवार को यह प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे। इस प्रदर्शन में चंडीगढ़ के साथ पंजाब पुलिस के जवान भी जख्मी हुए थे। इनमें से संगरूर से आए सात होमगार्ड कर्मियों का इलाज मोहाली के सिविल अस्पताल में चल रहा है।


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हमें लाठीचार्ज की नहीं थी मंजूरी
प्रदर्शन के दौरान घायल हुए होमगार्ड कर्मी कुलविंदर सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ की एसएसपी मनीषा चौधरी ने उन्हें पत्थरबाजों से बचाने के आदेश दिए। वे चंडीगढ़ पुलिस के आगे खड़े थे। हमें लाठीचार्ज करने की मंजूरी नहीं दी गई थी। हमारे पास सिर्फ डंडे थे जबकि प्रदर्शनकारी तलवारों और अन्य हथियारों के साथ आए और हमला कर दिया।



निहंगों के जत्थे ने मचाया हड़कंप
31 प्रदर्शनकारियों का जत्था रवाना होने के करीब डेढ़ घंटे बाद एक बार पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया, क्योंकि वाईपीएस चौक की तरफ से करीब 10 से 15 निहंग प्रदर्शनकारियों का एक जत्था नारे लगाते हुए आगे की तरफ बढ़ने लगा। इसको देखकर पुलिस प्रशासन एकदम से हरकत में आया। वही प्रदर्शनकारियों के कुछ नेताओं ने उन्हें समझा कर एसएसपी आवास से पीछे ही रोक दिया। इससे हालात बिगड़ने से बच गए।



पांच मिनट के रास्ता पार करने में लग रहा पौना घंटा
वाईपीएस चौक पर पक्का धरना लगने के कारण स्कूली बच्चों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा। वाईपीएस स्कूल से अपने बच्चे को लेने आई एक महिला राजवीर ने बताया कि इस धरने से पहले बच्चे को छोड़ने में उन्हें पांच मिनट लगते थे लेकिन अब रास्ते बंद होने के कारण घूमकर आने से पौना घंटा लग रहा है। वहीं मन में डर लगा रहता है कि बच्चों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो जाए। इस कारण पिछले एक महीने से बच्चों को स्कूल अकेला भी नहीं भेज रहे हैं। 



हथियार बेचने से लेकर लाइसेंस बनाने तक की व्यवस्था
प्रदर्शनकारियों ने वाईपीएस चौक के पास लगाए पक्के मोर्चे में युवाओं को मौके पर ही हथियार खरीदने एवं लाइसेंस बनाने की व्यवस्था की गई है। इसमें युवाओं को तलवार जैसे धारदार हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मौके पर ही सिख धर्म के अनुसार युवाओं के शस्त्र रखने के लाइसेंस बनाए जा रहे हैं। इसका बकायदा रिकॉर्ड भी रखा जा रहा है।

पुलिस ने अज्ञात पर दर्ज की है एफआईआर
प्रदर्शन के दौरान कई पुलिसकर्मियों के जख्मी होने पर पुलिस ने मटौर थाने में अज्ञात पर केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। एफआईआर में लिखा है कि करीब 30-40 प्रदर्शनकारी वाईपीएस चौक से सवा दो बजे चंडीगढ़ जाने के लिए निकले। वे सेक्टर-52-53 चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर पहुंचे तो कुछ देर बाद बड़ी गिनती में प्रदर्शनकारी हथियार, तलवार, गंडासे आदि लेकर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस और गाड़ियों पर हमला कर दिया। इस पर पुलिस ने धारा 307, 353, 186, 148, 149 और 120-बी के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

सिख धर्म में निहंग सिखों के दो दल बुड्ढा दल और तरुण दल हैं। सिखों को बड़ी किरपाण रखने और बेचने की इजाजत है। निहंग सिंह बाणे में आए किसी भी सिख को तलवार बेच सकते हैं। निहंग सिंह सिर्फ इसका रिकॉर्ड रखते हैं क्योंकि सरकार के निर्देशानुसार शस्त्र बेचने का रिकॉर्ड रखना जरूरी है। इनके लाइसेंस जारी होने की कोई बात नहीं है। -दिलजीत सिंह बेदी, सचिव बुड्ढा दल

चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सहयोग न देने की जो बात कही गई है, वह सही नहीं है। उनके पुलिसकर्मी बुधवार को धरना स्थल पर ही थे। प्रदर्शन के दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने के लिए केस दर्ज कर लिया है। जल्द ही वीडियो फुटेज देखकर आरोपियों पर बनती कार्रवाई की जाएगी। -अर्पित शुक्ला, एडीजीपी
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