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चंडीगढ़ पीजीआई के विशेषज्ञों ने पहली बार अति सक्रिय दर्दनाक मूत्राशय (ओवर एक्टिव पेनफुल ब्लैडर) का सफल इलाज कर मरीज को राहत प्रदान की है। महिला मरीज 13 वर्षों से इस मर्ज के कारण भयंकर पीड़ा झेल रही थी। पीजीआई के यूरोलॉजी विभाग और पेन मैनेजमेंट यूनिट के डॉक्टरों ने सेक्रल न्यूरोमॉड्यूलेशन तकनीक अपनाकर यह सफलता हासिल की।
पेन मैनेजमेंट यूनिट की प्रभारी व एनेस्थिसिया विभाग की प्रो. बबीता घई ने बताया कि इस मर्ज में मरीज को हर आधे से एक घंटे में पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है। मरीज काबू नहीं कर पाता। पेशाब रोकने पर उसे भयंकर पीड़ा होती है। यह बीमारी दुर्लभ बामारी की श्रेणी में शामिल है। प्रति एक लाख की आबादी में ऐसे मरीजों की संख्या तीन से चार होती है।
विशेषज्ञों ने इस मर्ज का इलाज कर 27 वर्षीय युवती की जिंदगी बदल दी। इलाज की प्रक्रिया 27 फरवरी को पूरी की गई। उसके बाद से लगातार मरीज का फॉलोअप किया जा रहा है। मौजूदा समय में वह बिल्कुल सामान्य है। युवती पेशे से इंजीनियर है। उसका कहना है कि इस मर्ज के कारण उसका जीवन ठहर सा गया था। वह किसी सामाजिक और पारिवारिक आयोजन में शामिल नहीं हो पाती थी।