Hindi News
›
Chandigarh
›
Report after seven months in case of death of student of Carmel Convent School of Chandigarh Sector-9
{"_id":"63e2013129872707b65f3e2b","slug":"report-after-seven-months-in-case-of-death-of-student-of-carmel-convent-school-of-chandigarh-sector-9-2023-02-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"Chandigarh: कॉर्मल कॉन्वेंट हादसे में सात माह बाद स्कूल को क्लीन चिट, इंजीनियरिंग विभाग की गलती पर दोषी नहीं","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Chandigarh: कॉर्मल कॉन्वेंट हादसे में सात माह बाद स्कूल को क्लीन चिट, इंजीनियरिंग विभाग की गलती पर दोषी नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Tue, 07 Feb 2023 01:19 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
8 जुलाई 2022 को कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में हेरिटेज पेड़ के गिरने के कारण हीराक्षी की मौत हो गई थी। कई अन्य घायल हुए थे। चंडीगढ़ प्रशासन ने इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई थी जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त जस्टिस जितेंद्र चौहान ने की। कमेटी ने सोमवार को सात महीने बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
चंडीगढ़ सेक्टर-9 स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा हीराक्षी की मौत के मामले में सात महीने बाद रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में किसी को भी सीधे तौर पर हीराक्षी की मौत का जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। स्कूल को क्लीन चिट दे दी गई है। रिपोर्ट में प्रशासन इंजीनियरिंग विभाग की गलती बताई गई है लेकिन दोषी नहीं ठहराया गया है। रिपोर्ट छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बयान के आधार पर तैयार की गई है।
स्कूल पेड़ का विशेषज्ञ नहीं, इसलिए वह नहीं हो सकता दोषी
रिपोर्ट में लिखा है कि प्रशासन के 21 दिसंबर, 2017 के आदेश में उल्लेख है कि जिस विभाग/संस्था के परिसर में हेरिटेज पेड़ खड़ा है, वह संरक्षण के लिए जिम्मेदार होगा। रिपोर्ट में बताया कि 8 जुलाई को गिरा हुआ पीपल का पेड़ अपनी परिपक्व उम्र का नहीं था इसलिए रोगग्रस्त होने के कारण पेड़ अपने वजन को सहन नहीं कर सका और गिर गया। पेड़ के संरक्षक (स्कूल प्राधिकरण) विशेषज्ञ नहीं आम आदमी है इसलिए उनसे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह स्कूल के परिपक्व पेड़ की गहराई को माप सके इसलिए यह विभाग की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे संरक्षक को शिक्षित और मार्गदर्शित करें कि कैसे संरक्षण की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए इसलिए इस संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश होने चाहिए थे। रिपोर्ट में कहा है कि मुख्य तने पर एक कवक का हमला हुआ जिससे पेड़ को काफी क्षति हुई। परिणामस्वरूप ऐसे पेड़ किसी तूफान, तेज हवा या स्वयं के भार से भी गिर जाते हैं। चूंकि पेड़ के तना बाहर से दिखने में ठीक और हरा लगता है, इसलिए बाहरी रूप से पेड़ के स्वास्थ्य का आंकलन करना मुश्किल होता है।
हादसा इंजीनियरिंग विभाग की चूक से हुआ
रिपोर्ट में आगे बताया कि हादसा इंजीनियरिंग विभाग की चूक के कारण हुआ क्योंकि अधिकारियों ने मौके का दौरा नहीं किया और पेड़ों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशिष्ट प्रोटोकॉल तैयार नहीं किया गया और जरूरत पड़ने पर उपचार किया जाना चाहिए था। प्रशासन ने इसमें जवाब दिया कि किसी स्पष्ट दिशानिर्देश के अभाव में इंजीनियरिंग विभाग निजी संस्थानों के परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता। हालांकि भविष्य में ऐसे हादसों को टालने के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कमेटी ने दिए ये सुझाव
- एक ग्रीन बिग्रेड का निर्माण किया जाए
- रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी (आरडब्ल्यूए) के सदस्यों को जोड़ा जाए
- परिपक्व पेड़ों का अल्ट्रासोनिक मूल्यांकन हो
- सभी मृत और सूखे पेड़ों का व्यापक सर्वेक्षण किया जाए
- जानमाल का नुकसान बने पेड़ों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाए जाए
- हेरिटेज पेड़ों का नियमित निरीक्षण हो, यूकेलिप्टस के पेड़ों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए
दावा सिंगल विंडो बनाया, पर हालात जस के तस
चंडीगढ़ प्रशासन ने दावा किया है कि खतरनाक पेड़ों की कटाई की अनुमति के लिए आवेदन करने के लिए सिंगल विंडो बना दी है। इसके तहत सभी मृत/सूखे पेड़ों को 48 घंटे के भीतर तुरंत हटा दिया जाता है लेकिन हकीकत में आज भी लोगों को निगम, वन विभाग और इंजीनियरिंग विभाग में दौड़ लगानी पड़ती है। वहीं प्रशासन ने कहा है कि 207 स्कूलों के प्रांगण में खड़े सभी वृक्षों का विस्तृत सर्वेक्षण किया गया और 94 मृत/सूखे वृक्षों को हटाया गया।
कमेटी की रिपोर्ट व सिफारिशें मिल गईं हैं। प्रशासन की तरफ से उन्हें एग्जामिन किया जा रहा है। रिपोर्ट में जो भी कहा गया है उसका पालन किया जाएगा। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए जो भी नियम बनाने की कमेटी ने सिफारिश की है, उसे जल्द से जल्द बनाया जाएगा। - धर्मपाल, सलाहकार यूटी प्रशासक
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।