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Bhagat Singh: लाहौर के सेंट्रल जेल में बंद भगत सिंह को छुपाकर किताबें देते थे लाइब्रेरियन राजा राम शास्त्री

संवाद न्यूज एजेंसी, चंडीगढ़ Published by: चंडीगढ़ ब्यूरो Updated Thu, 23 Mar 2023 02:15 AM IST
सार

लाइब्रेरियन अलका का कहना है कि भगत सिंह की पढ़ीं किताबें अब विरासत की चीज बन गई हैं। उसे पढ़ते हुए पन्ना पलटने पर खराब न हो जाए। इसके लिए समय समय पर प्यूमिगेशन होता रहता है। अब उनके द्वारा पढ़ी किताबों को डिजिटल रूप में लाया जा रहा है।

Raja Ram Shastri used to secretly let Bhagat Singh read books in the Central Jail of Lahore
लाइब्रेरी में रखी भगत सिंह की पढ़ीं हुईं किताबें। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी।

विस्तार

शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह लाहौर के सेंट्रल जेल में बंद थे। लाहौर के कॉलेज के पास में ही पुस्तकालय था। भगत सिंह को पढ़ने का काफी शौक था। इसी पुस्तकालय से उन्हें किताबें जाती थीं। अंग्रेज देख न लें इसके लिए लाइब्रेरियन राजा राम शास्त्री उन्हें छिपा के किताबें देते थे।


यह किस्सा है सेक्टर-15 के लाला लाजपत राय स्थित द्वारका दास लाइब्रेरी का। देश के बंटवारे से पहले यह पुस्तकालय लाहौर में स्थापित था। द्वारका दास लाइब्रेरी की लाइब्रेरियन अलका ने बताया कि वर्ष 1920 में लाला लाजपत राय ने पुस्तकालय की स्थापना की। उनके दोस्त द्वारका दास थे। पुस्तकालय के निमार्ण के लिए दी गई किताबें लाला जी से अधिक संख्या में द्वारका दास की थी। इसलिए लाला लाजपत राय ने उनके नाम पर पुस्तकालय का नाम रखा।


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उन्होंने बताया कि भगत सिंह जब कॉलेज में पढ़ते थे तो उस समय वे इस पुस्तकालय में किताबें पढ़ने के लिए आते थे। धीरे धीरे उनकी यहां के लाइब्रेरियन राजा राम शास्त्री से दोस्ती हो गई। बाद में राजा राम भी उन्हें कौन सी किताबें पढ़नी है, उसकी सलाह देते थे। भगत सिंह को क्रांतिकारियों के जीवन पर किताबें पढ़ने का बड़ा शौक था। अलका ने बताया कि राज राम शास्त्री की किताब अमर शहीदों के संस्मरण में भगत सिंह के बारे में लिखा गया है। भगत सिंह को कार्ल मार्क्स और लेनिन की किताबें बहुत पसंद थीं। वे क्रांतिकारियों और क्रांतिकारी सिद्धांतों की किताबों को खूब पसंद करते थे।

 

अलका ने बताया कि भगत सिंह ने गॉड एंड स्टेट, मदर, द जंगल, ए नोवेल किंग कोल, लेस मिजरेब्लस, ऑयल ए नोवेल, सिविल वार इन फ्रांस, मार्टिन चुजलेविट, लाइफ ऑफ वाल्टायर, गैरीबाल्डी एंड द मेकिंग ऑफ इटली, गैरी बाल्डी एंड हिज रेड शर्टस सहित अन्य किताबें उन्होंने पढ़ी हैं। इन किताबों को संरक्षित किया जा रहा है।

भगत सिंह की पढ़ीं किताबें अब डिजिटल रूप में होंगी उपलब्ध
लाइब्रेरियन अलका का कहना है कि भगत सिंह की पढ़ीं किताबें अब विरासत की चीज बन गई हैं। उसे पढ़ते हुए पन्ना पलटने पर खराब न हो जाए। इसके लिए समय समय पर प्यूमिगेशन होता रहता है। अब उनके द्वारा पढ़ी किताबों को डिजिटल रूप में लाया जा रहा है। अब लोग उनके किताबों को मैनुअल के साथ उसे कंप्यूटर में भी पढ़ सकेंगे।

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भगत सिंह को दी गई श्रद्धांजलि
अलका ने बताया कि सेक्टर- 15 स्थित लाला लाजपत राय के द्वारका दास लाइब्रेरी में शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर उनके द्वारा पढ़ी गईं 24 किताबों के अलावा भगत सिंह पर लिखी गई अन्य लेखकों की किताबों की प्रदर्शनी लगाई गई। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने 23 मार्च को भगत सिंह की शहीदी दिवस पर अवकाश निर्धारित किया है। इसलिए एक घंटे का ही समारोह होगा। पुस्तक प्रदर्शनी लोगों के लिए 24 मार्च को भी खुला रहेगी।

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