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Punjab Vs Center: नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे भगवंत मान, RDF में भेदभाव से नाराज हैं सीएम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 26 May 2023 11:13 AM IST
सार

सीएम भगवंत मान ने पंजाब के साथ ग्रामीण विकास फंड के लिए भेदभाव का आरोप लगाते हुए बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
 

Punjab CM Bhagwant Mann will not attend Niti Aayog meeting scheduled May 27
पंजाब के सीएम भगवंत मान। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार को नई दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने इस बैठक का बहिष्कार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसमें साफ किया है कि नीति आयोग की बैठक में राज्य के मसले हल नहीं होते और पंजाब के पहले से लंबित मसलों को भी केंद्र सरकार हल करने में रुचि नहीं दिखा रही। मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि नीति आयोग की बैठक केवल ‘फोटो सेशन’ ही रह गई है।



मुख्यमंत्री की ओर से पीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि इस तरह की मीटिंग में कोई भी मसला हल नहीं होता बल्कि ‘फोटो सेशन’ करके राज्यों के नेताओं-मंत्रियों को वापस भेज दिया जाता है। इस हालात में वह बैठक में शामिल नहीं होंगे। फिर भी, अगर प्रधानमंत्री इस बात का भरोसा दिलाते हैं कि नीति आयोग की बैठक में पंजाब द्वारा उठाए जाने वाले मसलों पर चर्चा के साथ-साथ उन्हें हल करने का एलान भी किया जाएगा तो वह बैठक में शामिल हो सकते हैं।

आरडीएफ व जीएसटी का बकाया नहीं देने से नाराजगी
पंजाब सरकार लंबे समय से बकाया आरडीएफ और जीएसटी राशि के लिए केंद्र सरकार के आगे गुहार लगाती रही है। केंद्र की तरफ पंजाब का आरडीएफ का बकाया जहां 3100 करोड़ रुपये के पार जा चुका है। वहीं, जीएसटी का बकाया जोकि 4100 करोड़ रुपये हो चुका था, में से केंद्र ने इस साल 2228 करोड़ रुपये लौटा दिए हैं। इन मुद्दों के अलावा मुफ्त बिजली की पंजाब सरकार की योजना और हाल में गेहूं खरीद के दौरान एमएसपी में केंद्र सरकार द्वारा की गई कटौती को लेकर भी राज्य और केंद्र के बीच मनमुटाव की स्थिति बनी हुई है।

इन मुद्दों पर भी रहा है पंजाब और केंद्र में मतभेद
अन्य मुद्दों के अलावा, पंजाब सरकार ने पिछले साल कहा था कि केंद्र ने किसानों को पराली नहीं जलाने पर नकद प्रोत्साहन देने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। राज्य सरकार ने धान उत्पादकों को 2,500 रुपये प्रति एकड़ देने का प्रस्ताव दिया था। इसमें कहा गया था कि केंद्र 1,500 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान करेगा जबकि 1,000 रुपये प्रति एकड़ पंजाब और दिल्ली सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक भी केंद्र और राज्य के बीच मतभेद का बड़ा मुद्दा बना है। इस साल की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया था कि पंजाब सरकार आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) को मोहल्ला क्लीनिक में बदल रही है, जो आप सरकार की परियोजना है। केंद्र ने इसके लिए धन रोकने की चेतावनी दी थी। एबी-एचडब्ल्यूसी को केंद्र और राज्य द्वारा 60:40 के अनुपात के साथ तैयार कर चलाया जाता है।
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