विधानसभा चुनाव से पहले चन्नी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में नया सियासी दांव खेला है। चन्नी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के सहायता प्राप्त कॉलेजों में नियुक्त 1925 सहायक प्रोफेसरों की सेवाओं को नियमित करने की मंजूरी दे दी। साथ ही दोआबा में दो सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने की मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इनमें एक जुलाई 2022 से शिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार राज्य के सहायता प्राप्त कॉलेजों में 1925 खाली पद तीन वर्षों के लिए अनुबंध के आधार पर चरणबद्ध तरीके से 21600 रुपये के मूल वेतन पर भरने की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद मूल्यांकन समितियों द्वारा इनके कार्य के मूल्यांकन के आधार पर उनके मामले रेगुलर करने के लिए विचार किया गया था।
इन सहायक प्रोफेसरों के सेवाकाल के तीन साल पूरे होने पर उनके कार्य और कारगुजारी का मूल्यांकन मनोनीत मूल्यांकन समितियों द्वारा किया गया और इस समिति द्वारा उनकी सेवाओं को रेगुलर करने के लिए सिफारिश की गई। साथ ही दोआबा क्षेत्र में उच्च शिक्षा मुहैया करवाने के लिए मंत्रिमंडल ने जालंधर और शहीद भगत सिंह नगर जिलों में दो नए सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने की मंजूरी दे दी है।
इस फैसले के अनुसार जालंधर के आदमपुर में महान शख्सियत कांशीराम के नाम पर नया डिग्री कॉलेज खोला जाएगा, जिसका शैक्षणिक सत्र एक जुलाई, 2022 से शुरू होगा, जबकि दूसरा सरकारी डिग्री कॉलेज शहीद भगत सिंह नगर जिले में बंगा के गांव सरहाल रनूआं में खोला जाएगा।
शिक्षा विभाग में 12772 पदों का विज्ञापन जारी
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुक्रवार को विभिन्न काडरों के 12772 पदों का विज्ञापन जारी किया गया है। इन पदों सहित अब तक कुल 20166 अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया अधीन है। स्कूल शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने बताया कि जारी पदों में विभिन्न विषयों से संबंधित मास्टर काडर की 4185, आर्ट एंड क्राफ्ट की 250, लेक्चरर काडर की विभिन्न विषयों से संबंधित 343 और ईटीटी के 5994 पदों के अलावा प्राइमरी स्कूलों में खेल को बढ़ावा देने के लिए पीटीआई के 2000 पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह भर्ती केवल मेरिट के आधार पर पारदर्शी ढंग से होगी। शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान कुल 14534 अध्यापकों की भर्ती की गई है, जिससे राज्य सरकार की प्रभावशाली शैक्षिक ढांचा प्रदान करने की प्रतिबद्धता सिद्ध होती है।
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विधानसभा चुनाव से पहले चन्नी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में नया सियासी दांव खेला है। चन्नी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के सहायता प्राप्त कॉलेजों में नियुक्त 1925 सहायक प्रोफेसरों की सेवाओं को नियमित करने की मंजूरी दे दी। साथ ही दोआबा में दो सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने की मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इनमें एक जुलाई 2022 से शिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार राज्य के सहायता प्राप्त कॉलेजों में 1925 खाली पद तीन वर्षों के लिए अनुबंध के आधार पर चरणबद्ध तरीके से 21600 रुपये के मूल वेतन पर भरने की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद मूल्यांकन समितियों द्वारा इनके कार्य के मूल्यांकन के आधार पर उनके मामले रेगुलर करने के लिए विचार किया गया था।
इन सहायक प्रोफेसरों के सेवाकाल के तीन साल पूरे होने पर उनके कार्य और कारगुजारी का मूल्यांकन मनोनीत मूल्यांकन समितियों द्वारा किया गया और इस समिति द्वारा उनकी सेवाओं को रेगुलर करने के लिए सिफारिश की गई। साथ ही दोआबा क्षेत्र में उच्च शिक्षा मुहैया करवाने के लिए मंत्रिमंडल ने जालंधर और शहीद भगत सिंह नगर जिलों में दो नए सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने की मंजूरी दे दी है।
इस फैसले के अनुसार जालंधर के आदमपुर में महान शख्सियत कांशीराम के नाम पर नया डिग्री कॉलेज खोला जाएगा, जिसका शैक्षणिक सत्र एक जुलाई, 2022 से शुरू होगा, जबकि दूसरा सरकारी डिग्री कॉलेज शहीद भगत सिंह नगर जिले में बंगा के गांव सरहाल रनूआं में खोला जाएगा।
शिक्षा विभाग में 12772 पदों का विज्ञापन जारी
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुक्रवार को विभिन्न काडरों के 12772 पदों का विज्ञापन जारी किया गया है। इन पदों सहित अब तक कुल 20166 अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया अधीन है। स्कूल शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने बताया कि जारी पदों में विभिन्न विषयों से संबंधित मास्टर काडर की 4185, आर्ट एंड क्राफ्ट की 250, लेक्चरर काडर की विभिन्न विषयों से संबंधित 343 और ईटीटी के 5994 पदों के अलावा प्राइमरी स्कूलों में खेल को बढ़ावा देने के लिए पीटीआई के 2000 पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह भर्ती केवल मेरिट के आधार पर पारदर्शी ढंग से होगी। शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान कुल 14534 अध्यापकों की भर्ती की गई है, जिससे राज्य सरकार की प्रभावशाली शैक्षिक ढांचा प्रदान करने की प्रतिबद्धता सिद्ध होती है।