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Punjab and Haryana High Court said part of the sealed report should not be made public
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Punjab News: सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पर उठे सवाल, हाईकोर्ट ने कहा- सीलबंद रिपोर्ट का हिस्सा सार्वजनिक न हो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 31 May 2023 08:20 PM IST
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को आदेश दिया कि वह इस मामले में जो जवाब दाखिल करें उसमें यह सुनिश्चित करें कि सीलबंद रिपोर्ट का कोई भी तथ्य उसमें उजागर न किया जाए। अगर ऐसा किया गया तो यह सही नहीं होगा।
पंजाब में हजारों करोड़ रुपये के ड्रग कारोबार मामले में तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की सौंपी गई अर्जी पर पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता और सुरेश अरोड़ा ने सवाल खड़े कर दिए। दोनों ने कहा कि जो रिपोर्ट हाईकोर्ट ने सीलबंद रखी है अर्जी में उसके अंश कैसे शामिल कर लिए गए। हाईकोर्ट ने अब इस सीलबंद रिपोर्ट की वैधता पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। साथ ही चट्टोपाध्याय को हिदायत दी है कि रिपोर्ट का हिस्सा सार्वजनिक न हो।
बुधवार को मामले की सुनवाई आरंभ होते ही कोर्ट को बताया गया कि सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की अध्यक्षता में बनाई गई एसआईटी ने जो सीलबंद रिपोर्ट्स सौंपी थीं उनमें से एक को छोड़कर बाकी खोल दी गई थीं और पंजाब सरकार को इस पर कार्रवाई का आदेश दिया गया था।
यह रिपोर्ट ऐसी थी जिस पर एसआईटी के दो सदस्यों ने हस्ताक्षर नहीं किए थे और यह रिपोर्ट सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के हस्ताक्षर के साथ दाखिल की गई थी। इस रिपोर्ट को खोलने से पहले हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी दिनकर गुप्ता और सुरेश अरोड़ा को पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था।
सुनवाई के दौरान दिनकर गुप्ता और सुरेश अरोड़ा ने कहा कि मंगलवार को सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने एक अर्जी तैयार की थी। इस अर्जी में जवाब दाखिल करने के नाम पर उस सीलबंद रिपोर्ट के अंश शामिल किए गए हैं जो अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। अभी इस रिपोर्ट की वैधता को लेकर कोर्ट ने फैसला नहीं किया है और ऐसे में इस प्रकार इसे अर्जी के माध्यम से रिपोर्ट के अंश को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को आदेश दिया कि वह इस मामले में जो जवाब दाखिल करें उसमें यह सुनिश्चित करें कि सीलबंद रिपोर्ट का कोई भी तथ्य उसमें उजागर न किया जाए। अगर ऐसा किया गया तो यह सही नहीं होगा।
कोर्ट ने कहा कि तीन में से केवल एक सदस्य के हस्ताक्षर वाली यह रिपोर्ट वैध है या नहीं इस पर सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला लिया जाएगा। सुनवाई के दौरान पंजाब में हजारों करोड़ के ड्रग कारोबार के मुख्य मुद्दे से भटकने की बात कहते हुए कोर्ट मित्र नियुक्त की गई सीनियर एडवोकेट रीटा कोहली ने सवाल भी उठाए। इस दौरान सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की हाईकोर्ट से मांग की है कि सभी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सुरक्षित रखी जाएं।
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