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Order of deportation of Lovepreet stopped for time being by Canada government
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कनाडा से आई राहत की खबर: 13 जून को लवप्रीत को भारत डिपोर्ट करने के आदेश पर फिलहाल लगी रोक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sat, 10 Jun 2023 02:44 PM IST
पंजाब के 700 छात्रों पर कनाडा से डिपोर्ट किए जाने के मामले में संघर्ष कर रहे विद्यार्थियों ने खुशी जताई है। उन्होंने इसके लिए भारत और कनाडा सरकार के मंत्रियों का धन्यवाद किया। इससे पहले पंजाब सरकार की तरफ से कनाडा और भारत के हाई कमीशन को पत्र लिखा गया था।
कनाडा सरकार ने दो छात्रों के निर्वासन पर अस्थायी रोक लगा दी है। कनाडा में निर्वासन का सामना कर रहे लवप्रीत सिंह व जसप्रीत को 13 जून को भारत लौटना था, लेकिन कनाडा सरकार अब पहले दोनों का पक्ष सुनेगी। उसके बाद उनके निर्वासन पर फैसला लिया जाएगा। दोनों को राहत मिलने के बाद कनाडा में संघर्ष कर रहे अन्य छात्रों को एक उम्मीद जगी है।
बताया जा रहा है कि भारत की ओर से उठाए गए मुद्दे के बाद कनाडा सरकार ने लवप्रीत व जसप्रीत का पक्ष सुनने का मौका दिया है। 700 छात्रों में से अधिकांश 2017-18 के बीच कनाडा गए थे। इनमें लवप्रीत भी शामिल था, जिसने छह साल पहले भारत को छोड़ दिया था। लवप्रीत पंजाब के रूपनगर का रहने वाला है।
राज्यसभा सांसद एवं विश्व पंजाबी संगठन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि भारत उच्चायुक्त व उन्होंने कनाडा सरकार से अनुरोध किया था। पत्र में उन्होंने बताया था कि इस मामले में विद्यार्थियों की कोई गलती नहीं है। वे धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं।
कुछ अनाधिकृत एजेंटों ने सारा खेल किया है। इससे पहले पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके को पत्र लिखकर छात्रों के मुद्दे को हल करने के लिए लिखा था। उन्होंने इस मामले में उनसे निजी रूप में देखने की मांग की थी, क्योंकि निर्वासन की वजह इन छात्रों और उनके परिवारों का भविष्य दांव पर है।
मार्च में सामने आया था मामला
यह मामला मार्च में तब सामने आया जब इन छात्रों ने पढ़ाई खत्म करने के बाद कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया और कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी (सीबीएसए) ने उनके दस्तावेजों को फर्जी पाया। पंजाब में परिवारों ने शिक्षा सलाहकारों पर फर्जी प्रवेश पत्रों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। 700 छात्रों में से अधिकांश 2017 और 2018 के बीच कनाडा गए थे।
बच्चे को विदेश भेजने के लिए लगाई पूरी जिंदगी की पूंजी
मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद लवप्रीत 2017 में कनाडा चला गया था। रूपनगर जिले के चाटमली गांव के लवप्रीत की मां सरबजीत कौर ने कहा कि हम चाहते हैं कि वह वहीं रहे। हमने लवप्रीत को विदेश भेजने में अपनी जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी है। सरबजीत कौर ने उस कंसल्टेंट के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके जरिए लवप्रीत कनाडा गया था। निर्वासन का सामना कर रहे 700 छात्र कनाडा के मिसिसॉगा में सीबीएसए की इमारत के बाहर डेरा डाले हुए हैं।
फिरोजपुर में रहने वाले अमृतपाल सिंह के माता-पिता भी निर्वासन का सामना कर रहे अपने बेटे के भविष्य को लेकर उतने ही चिंतित थे। अमृतपाल के पिता गुरदेव सिंह ने कहा कि उनका बेटा 2018 में 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद कनाडा चला गया था। उन्होंने कनाडा के लंदन शहर में दो साल तक एक कॉलेज में अध्ययन किया और बाद में वहां काम किया।
पीर मोहम्मद गांव के किसान गुरदेव सिंह ने कहा कि जब उन्होंने स्थायी निवास के लिए आवेदन किया, तो हमें पता चला कि उनका प्रवेश पत्र फर्जी था। गुरदेव सिंह ने जालंधर के कंसल्टेंट ब्रजेश मिश्रा के खिलाफ कथित तौर पर उनके बेटे और कई अन्य छात्रों को धोखा देने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कराई है। गुरदेव सिंह ने कहा कि हालांकि वह मिश्रा से कभी नहीं मिले, लेकिन उनके कार्यालय में एक अन्य व्यक्ति उन्हें आश्वासन देता रहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा और उन्होंने उस पर विश्वास किया।
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को छात्रों को यह उम्मीद दी। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार अपराधियों की पहचान करने पर ध्यान दे रही है। हम अंतरराष्ट्रीय छात्रों के उन मामलों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जिन्हें फर्जी कॉलेज स्वीकृति पत्रों पर निष्कासन आदेशों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों को सबूत पेश करने का अवसर मिलेगा। कनाडाई संसदीय समिति ने 700 भारतीय छात्रों के निर्वासन को रोकने के लिए सीमा सेवा एजेंसी से आग्रह करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया है।
केंद्रीय मंत्री जयशंकर से हस्तक्षेप की मांग
पंजाब एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस मामले में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप करने की मांग की है। जयशंकर ने पहले कहा था कि भारत ने कनाडा के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने दिल्ली में कहा कि अगर ऐसे लोग हैं जिन्होंने बच्चों को गुमराह किया है, तो आरोपियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। छात्रों को दंडित करना गलत है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया, पंजाब इकाई के अध्यक्ष ईशरप्रीत सिंह ने विदेश जाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए फर्जी सलाहकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की पंजाब सरकार से मांग की।
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