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Mohali: सहारा इंडिया परिवार को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने होंगे 55 हजार रुपये, उपभोक्ता अदालत का आदेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मोहाली Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 01 Apr 2023 10:37 AM IST
सार

कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता कंपनी का सदस्य है। बिना सदस्य को कंपनी में निवेश करने का हक ही नहीं है और कंपनी कई मुद्दों से जूझ रही है इसलिए भुगतान नहीं हो पाया और उपभोक्ता कंपनी का सदस्य है और कंपनी का नियम है कि सदस्य उन पर मुकदमा नहीं कर सकते इसलिए यह मुकदमा सही नहीं है।

Mohali consumer Court ordered Sahara India family to return FD money with 12 percent interest
court Order

विस्तार

मोहाली जिला उपभोक्ता अदालत ने सहारा इंडिया परिवार को एक उपभोक्ता द्वारा एफडी के रूप में उनके पास जमा करवाए 55 हजार रुपये 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने के आदेश दिए हैं। वहीं इसके साथ ही तीन हजार रुपये मुआवजे और केस के खर्च के रूप में देने के आदेश दिए हैं।



मोहाली की उपभोक्ता अदालत में अंबाला कैंट के रहने वाले संजय गुप्ता ने फरवरी 2020 में शिकायत देकर कहा कि 30 सितंबर 2016 में उन्होंने सहारा परिवार की योजना में पांच अलग-अलग खातों में 55 हजार रुपये का निवेश किया। यह निवेश 18 माह बाद परिपक्व होकर 63 हजार 965 रुपये मिलने थे लेकिन समय पूरा होने के बाद भी कंपनी ने उन्हें पैसे नहीं लौटाए। इसके बाद उन्होंने कंपनी से संपर्क किया लेकिन फिर भी उन्हें पैसे नहीं मिले। इसके बाद 20 दिसंबर 2019 को उन्होंने कंपनी को कानूनी नोटिस भेजा लेकिन न तो कंपनी ने पैसे दिए और न ही नोटिस का जवाब दिया। 


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उपभोक्ता ने कंपनी पर सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए कंपनी से परिपक्व राशि के रूप में 63,965 की राशि 18 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित भुगतान करने और 61 हजार रुपये का मुआवजा मानसिक उत्पीड़न और मुकदमेबाजी की लागत के रूप में दिलाने की मांग की।

इसके जवाब में कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता कंपनी का सदस्य है। बिना सदस्य को कंपनी में निवेश करने का हक ही नहीं है और कंपनी कई मुद्दों से जूझ रही है इसलिए भुगतान नहीं हो पाया और उपभोक्ता कंपनी का सदस्य है और कंपनी का नियम है कि सदस्य उन पर मुकदमा नहीं कर सकते इसलिए यह मुकदमा सही नहीं है। इसके अलावा उपभोक्ता ने परिपक्वता के समय मूल पासबुक जमा नहीं करवाई।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि कंपनी ने सेवा में कोताही की है। कंपनी को आदेश जारी होने के 30 दिन में मूल रकम 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटानी होगी। इसके साथ ही तीन हजार रुपये मुआवजे और अदालती खर्च के रूप में भी देने होंगे।

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