चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार के साथ ही नया विवाद खड़ा हो गया है। नई सरकार ने कई नए चेहरों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिला दी है लेकिन कैप्टन सरकार में मंत्री रहे कई वरिष्ठ नेताओं को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है।
कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए रविवार दोपहर प्रदेश के दो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और पूर्व कैबिनेट मंत्रियों गुरप्रीत सिंह कांगड़ और बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्हें जानबूझ कर नजरअंदाज किया गया है। कई साल तक अपने-अपने विभागों में मंत्री के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें नई सरकार में शामिल करके उनके साथ घोर अन्याय किया गया है।
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कांगड़ ने कहा, ‘बिजली और राजस्व मंत्री के रूप में मैंने दिन-रात काम किया और खस्ताहाल हो चुकी कई चीजों को पटरी पर लाया। फिर भी मेरे साथ अन्याय किया गया है।’ वहीं बलबीर सिंह सिद्धू अपनी बात रखते हुए रो पड़े। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपनी उपलब्धियों और सफलताओं को सामने रखते हुए कहा, ‘कोविड-19 महामारी के दौरान मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम किया कि राज्य के लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े लेकिन यह हमारे जैसे प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं से व्यवहार का तरीका नहीं है, जिन्होंने पार्टी के लिए अपनी जिंदगी के बेहतरीन साल दिए हैं। अब उनको पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया है।’
दोनों नेताओं ने हाईकमान को लिखा पत्र
दोनों पूर्व मंत्रियों ने रविवार को पंजाब कैबिनेट से बाहर रखने पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस हाईकमान को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कारण पूछा है, किसकी वजह से आलाकमान ने उनकी अनदेखी की। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ हैं। हमने आलाकमान की सलाह के अनुसार ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन का समर्थन किया। अब हम पार्टी आलाकमान के निर्देश पर नए मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करेंगे।
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हमारे साथ ऐसा क्यों किया गया: कांगड़
कांगड़ ने कहा कि ‘अगर आलाकमान ने हमसे इस्तीफा मांगा होता तो हम खुद ही दे देते। हमारे साथ जो किया गया है, वह काफी शर्मनाक और अपमानजनक भी है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रति उनकी वफादारी की कीमत उन्हें काफी महंगी पड़ी है। हम कांग्रेस के प्रति वफादार रहे हैं और इस तरह से हम पर अंगुली उठाई जा रही है। हमने कांग्रेस के खिलाफ जाकर कभी काम नहीं किया गया और न ही कोई बयान दिया है। फिर हमारे साथ ऐसा क्यों किया गया है।’
विस्तार
चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार के साथ ही नया विवाद खड़ा हो गया है। नई सरकार ने कई नए चेहरों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिला दी है लेकिन कैप्टन सरकार में मंत्री रहे कई वरिष्ठ नेताओं को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है।
कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए रविवार दोपहर प्रदेश के दो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और पूर्व कैबिनेट मंत्रियों गुरप्रीत सिंह कांगड़ और बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्हें जानबूझ कर नजरअंदाज किया गया है। कई साल तक अपने-अपने विभागों में मंत्री के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें नई सरकार में शामिल करके उनके साथ घोर अन्याय किया गया है।
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कांगड़ ने कहा, ‘बिजली और राजस्व मंत्री के रूप में मैंने दिन-रात काम किया और खस्ताहाल हो चुकी कई चीजों को पटरी पर लाया। फिर भी मेरे साथ अन्याय किया गया है।’ वहीं बलबीर सिंह सिद्धू अपनी बात रखते हुए रो पड़े। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपनी उपलब्धियों और सफलताओं को सामने रखते हुए कहा, ‘कोविड-19 महामारी के दौरान मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम किया कि राज्य के लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े लेकिन यह हमारे जैसे प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं से व्यवहार का तरीका नहीं है, जिन्होंने पार्टी के लिए अपनी जिंदगी के बेहतरीन साल दिए हैं। अब उनको पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया है।’
दोनों नेताओं ने हाईकमान को लिखा पत्र
दोनों पूर्व मंत्रियों ने रविवार को पंजाब कैबिनेट से बाहर रखने पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस हाईकमान को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कारण पूछा है, किसकी वजह से आलाकमान ने उनकी अनदेखी की। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ हैं। हमने आलाकमान की सलाह के अनुसार ही पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन का समर्थन किया। अब हम पार्टी आलाकमान के निर्देश पर नए मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करेंगे।
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हमारे साथ ऐसा क्यों किया गया: कांगड़
कांगड़ ने कहा कि ‘अगर आलाकमान ने हमसे इस्तीफा मांगा होता तो हम खुद ही दे देते। हमारे साथ जो किया गया है, वह काफी शर्मनाक और अपमानजनक भी है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रति उनकी वफादारी की कीमत उन्हें काफी महंगी पड़ी है। हम कांग्रेस के प्रति वफादार रहे हैं और इस तरह से हम पर अंगुली उठाई जा रही है। हमने कांग्रेस के खिलाफ जाकर कभी काम नहीं किया गया और न ही कोई बयान दिया है। फिर हमारे साथ ऐसा क्यों किया गया है।’