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Chandigarh: स्तन कैंसर को इच्छाशक्ति से दी मात, नेशनल कैंसर सर्वाइवर्स डे पर जानिए रश्मि बिंद्रा की कहानी

वीणा तिवारी, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sun, 04 Jun 2023 03:58 PM IST
सार

रश्मि का कहना है कि कैंसर से लड़ना आसान है, बस जरूरत है खुद को मजबूत बनाने की। इसके लिए जरूरी है कि खुद को इतना व्यस्त रखा जाए कि तनाव के लिए समय ही न बचे।  कैंसर जैसी बीमारी का होना तभी खतरनाक है, जब उसका इलाज समय पर न हो।

Know Rashmi Bindra story on National Cancer Survivors Day
रश्मि बिंद्रा। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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जितना है उसी में काम चला लेंगे, जिंदगी का काम है हराना, हम उसे जीत कर दिखा देंगे...यह कहना है 57 साल की रश्मि का, जिन्होंने कैंसर (स्तन कैंसर) जैसी बीमारी पर जीत दर्ज की है। रश्मि की कहानी बाकी मरीजों से कुछ अलग है, क्योंकि बीमारी का पता चलने पर ये तनाव में जाने के बजाय उसके तत्काल इलाज के लिए गई। सर्जरी से पहले कविता लिखी और सर्जरी के महज तीन घंटे बाद अपनी पसंद की पेंटिंग बनाई। चंडीगढ़ में प्रदर्शनी की शुरुआत करने वाली रश्मि का कहना है कि मैं थोड़ी अलग टाइप की मरीज हूं, कैंसर से मरने वाली नहीं।


बस चंद घंटों के लिए लगा ये क्या हो गया मेरे साथ
रश्मि का कहना है कि कैंसर जैसी बीमारी का होना तभी खतरनाक है, जब उसका इलाज समय पर न हो। रश्मि ने कहा, ‘2017 में जब पता चला कि मैं कैंसर की एडवांस स्टेज में पहुंच गई हूं तो ऐसा लगा जैसे ये क्या हो गया मेरे साथ। चंद घंटों तक यह सवाल मेरे जहन में घूमता रहा। रात में ठीक से सो भी नहीं सकी, लेकिन फिर मैंने एक कविता लिखी। उसे सिरहाने रखा और तय कर लिया कि मुझे जीना है। अगली सुबह तनाव दूर हो चुका था।


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ऐ दिल है मुश्किल फिल्म ने किया प्रभावित

कैंसर की पुष्टि होने के महज एक महीने पहले मैंने ऐ दिल है मुश्किल फिल्म देखी थी। उस दौरान जब फिल्म की हिरोइन को कैंसर के कारण मरते हुए देखा तो दिमाग में बार बार यही भावना आ रही थी कि अगर मैं उसकी जगह होती तो कभी नहीं मरती। यह बातें साझा करते हुए रश्मि हंस पड़ी। रश्मि का कहना है कि मेरी वो सोच सच हो गई, ताकि मैं उसे पूरी तरह साबित कर सकूं। मैंने हार नहीं मानी। दोगुनी हिम्मत और सकारात्मक सोच के साथ कैंसर से मुकाबला शुरू किया।

ऐसे कीजिए काम कि तनाव के लिए समय ही न बचे
रश्मि का कहना है कि कैंसर से लड़ना आसान है, बस जरूरत है खुद को मजबूत बनाने की। इसके लिए जरूरी है कि खुद को इतना व्यस्त रखा जाए कि तनाव के लिए समय ही न बचे। रश्मि का कहना है कि वे खुद को व्यस्त रखने के लिए अपने काम के साथ पेंटिंग, कविता, वॉल पेंटिंग करती हैं। सूर्य नमस्कार, योग, चिड़ियों की चहचहाहट और पेड़-पौधों से ऊर्जा लेती हैं।
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