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Cervical Cancer: बेहद खतरनाक है सर्वाइकल कैंसर, हर दो मिनट में चली जाती है एक महिला की जान, पहचानें लक्षण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 28 Jan 2023 01:25 PM IST
सार

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पारुल मोंगा ने बताया कि अधिकतर लोगों को कभी न कभी एचपीवी का संक्रमण होता है, हालांकि उन्हें इसका एहसास नहीं होता क्योंकि संक्रमित का शरीर, संक्रमण से मुकाबला कर उसे खत्म कर देता है। इस कैंसर के शुरुआती दौर में लक्षण स्पष्ट नहीं होते।
 

सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण देरी से सामने आने के कारण मर्ज की गंभीरता घातक रूप में सामने आ रही है। इसे लेकर विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि हालात यह हैं कि देश में हर दो मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर से जान गंवा रही है। देश में 10 में से 8 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हैं। चिंता की बात यह है कि मर्ज से बचाव के लिए जांच और टीका उपलब्ध होने के बावजूद महिलाओं में इसकी जानकारी का अभाव होना है। 


जागरुकता के लिए ही जनवरी में सर्वाइकल कैंसर जागरुकता माह मनाया जा रहा है। स्त्री रोग विशेषज्ञ अपने यहां आने वाली महिलाओं को इस गंभीर से मर्ज से बचाव के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर शरीर में होने वाले बदलावों पर नजर रखी जाए और स्वयं के स्तर पर सचेत रहा जाए तो इस मर्ज की चपेट में आने से बचा जा सकता है।


खुद भी पहचान सकते हैं मर्ज
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पारुल मोंगा ने बताया कि अधिकतर लोगों को कभी न कभी एचपीवी का संक्रमण होता है, हालांकि उन्हें इसका एहसास नहीं होता क्योंकि संक्रमित का शरीर, संक्रमण से मुकाबला कर उसे खत्म कर देता है। इस कैंसर के शुरुआती दौर में लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन कैंसर की स्थिति गंभीर होने पर यह लक्षण महसूस होने लगते हैं। पीरियड्स के बाद ब्लीडिंग, संभोग के बाद खून बहना। रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद भी होने वाली ब्लीडिंग। तेज गंध के साथ योनि से स्राव होना। पेडू में दर्द बना रहना इसके मुख्य लक्षण हैं। डॉक्टर ने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए पैप स्मीयर टेस्ट करवाना जरूरी है। यह जांच सरकारी अस्पतालों में भी उपलब्ध है।

गलत आदतों पर लगाएं लगाम
सर्वाइकल कैंसर, ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के विभिन्न वैरिएंट्स के कारण होता है। गाइनी ओन्को-सर्जरी की कंसल्टेंट डॉ. श्वेता तहलन ने बताया कि एचपीवी वायरस एक यौन संचारित वायरस है। असुरक्षित यौन संबंध होने से इस प्रकार के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण भी सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं और इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं का अधिक सेवन करती हैं, उन्हें भी सर्वाइकल कैंसर का जोखिम हो सकता है।

टीकाकरण है आशा की उम्मीद
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए केंद्र सरकार टीकाकरण शुरू करने की योजना बना रही है जिसके अंतर्गत एचपीवी वैक्सीन 9 से 14 साल की बालिकाओं को दी जाएगी। लोगों को एचपीवी वैक्सीन के बारे में जागरूक किया जाएगा, लेकिन राज्य स्तर पर अभी इसकी कार्य योजना नहीं आई है।
 
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