चंडीगढ़। जज नोटकांड मामले में आरोपी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस निर्मल यादव ने सीबीआई की विशेष अदालत में एक याचिका लगाकर कोर्ट के समक्ष उनकी एसीआर रिपोर्ट पेश करने की मांग की है। निर्मल यादव के वकील एडवोकेट विशाल गर्ग नरवाणा की ओर से लगाई गई याचिका में यह भी कहा गया कि एसीआर रिपोर्ट पेश करने पर इस केस में नया मोड़ आएगा।
उधर, सीबीआई की ओर से इस याचिका के जवाब में कहा गया कि पहले इसके लिए विभाग से पूछा जाए कि वह एसीआर रिपोर्ट दे सकता है या नहीं। वहीं, विभाग की ओर से कहा गया कि अगर कोर्ट उन्हें नोटिस करेगा या उनसे एसीआर रिपोर्ट की मांग करेगा तो वह रिपोर्ट देने के लिए तैयार हैं। एसीआर रिपोर्ट वह होती है, जिसमें आला अधिकारी संबंधित कर्मचारी का मूल्यांकन उसके काम के आधार पर करता है। यादव की ओर से लगाई गई इस याचिका के पीछे मकसद उनके कार्यकाल में उनकी छवि साबित करना है।
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दो गवाहों ने दिए बयान, कहा हमें नहीं पता मामले के बारे में
सेवानिवृत्त जज निर्मल यादव से जुड़े इस रिश्वत मामले में जिला अदालत में दो गवाहों की बयान दर्ज कराए गए। दोनों डिफेंस एविडेंस में एक केनरा बैंक और दूसरा पंचकूला रजिस्ट्रार ऑफिस से गवाह की गवाही हुई। दोनों ने बयान दर्ज करवाते हुए कहा कि उन्हें इस केस के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न हीं उन्हें रिश्वत की राशि का पता है।
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यह था प्रकरण
चार्जशीट के अनुसार, 13 अगस्त 2008 को हाईकोर्ट के जज निर्मलजीत कौर के घर दिल्ली के एक व्यापारी रविंद्र की ओर से 15 लाख रुपये भेजे गए थे। जज ने इसकी सूचना चंडीगढ़ पुलिस को दी। उन्होंने पुलिस को बताया कि प्रकाश राम नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें बैग दिया था। जस्टिस निर्मलजीत कौर के चपरासी अमरीक सिंह ने इस प्रकरण की शिकायत पुलिस को दी थी। चंडीगढ़ पुलिस के बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई की जांच में सामने आया कि वह रुपये जज निर्मल यादव को देने थे। गलती से निर्मलजीत कौर के घर पहुंच गए। उसके बाद सीबीआई ने प्रकाश राम को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की। तब जाकर मामले का खुलासा हुआ। बाद में यह मामला जज नोट कांड के नाम से चर्चा में आया था।