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हरियाणा के नए डीजीपी की तलाश शुरू हो चुकी है। डीजीपी मनोज यादव का दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। वर्तमान में वह एक्सटेंशन पर हैं, लेकिन यह अवधि भी पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन किसी भी प्रदेश में डीजीपी के लिए दो साल तक है। इसी गाइडलाइन को आधार बनाते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने सरकार को नए नामों का पैनल भेजने के लिए पत्र लिख दिया है। डीजीपी मनोज यादव से अनिल विज खफा भी चल रहे हैं।
लिहाजा वे प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति चाहते हैं। अनिल विज ने गृह सचिव राजीव अरोड़ा को नए नामों का पैनल भेजने के लिए पत्र भी लिख दिया है। सूत्रों के मुताबिक मनोज यादव स्वयं भी केंद्र में सेवाएं देना चाह रहे हैं। आईबी में उनका लंबा अनुभव है और उनका केंद्र सरकार में डीजीपी रैंक पर एम्पैनलमेंट भी हो चुका है, इस लिहाज से वे आईबी मे स्पेशल डायरेक्टर के पद के लिए भी पात्र हैं।
केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक डीजीपी का कार्यकाल पूरा होने से पहले तीन नाम का पैनल भेजना होता है लेकिन हरियाणा में किसान आंदोलन के चलते यह संभव नहीं हो पाया। जिसके बाद अनिल विज ने दिसंबर माह में पैनल भेजने के लिए पत्र लिखा था लेकिन सरकर ने डीजीपी को अग्रिम आदेश तक एक्सटेंशन दे दी थी।
डीजीपी पद के लिए 30 साल का सेवाकाल जरूरी
डीजीपी पद के लिए यह जरूरी है कि 30 साल का सेवाकाल हो और छह माह तक की अवधि रिटायरमेंट में बाकी होनी चाहिए। इस लिहाज से 1988 बैच के पीके अग्रवाल, 1989 बैच के मोहम्मद अकील और डॉ. आरसी मिश्रा वरिष्ठता सूची में हैं। इसके अलावा सरकार अन्य अधिकारियों के भी नाम भेज सकती है।
हरियाणा के नए डीजीपी की तलाश शुरू हो चुकी है। डीजीपी मनोज यादव का दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। वर्तमान में वह एक्सटेंशन पर हैं, लेकिन यह अवधि भी पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन किसी भी प्रदेश में डीजीपी के लिए दो साल तक है। इसी गाइडलाइन को आधार बनाते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने सरकार को नए नामों का पैनल भेजने के लिए पत्र लिख दिया है। डीजीपी मनोज यादव से अनिल विज खफा भी चल रहे हैं।
लिहाजा वे प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति चाहते हैं। अनिल विज ने गृह सचिव राजीव अरोड़ा को नए नामों का पैनल भेजने के लिए पत्र भी लिख दिया है। सूत्रों के मुताबिक मनोज यादव स्वयं भी केंद्र में सेवाएं देना चाह रहे हैं। आईबी में उनका लंबा अनुभव है और उनका केंद्र सरकार में डीजीपी रैंक पर एम्पैनलमेंट भी हो चुका है, इस लिहाज से वे आईबी मे स्पेशल डायरेक्टर के पद के लिए भी पात्र हैं।
केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक डीजीपी का कार्यकाल पूरा होने से पहले तीन नाम का पैनल भेजना होता है लेकिन हरियाणा में किसान आंदोलन के चलते यह संभव नहीं हो पाया। जिसके बाद अनिल विज ने दिसंबर माह में पैनल भेजने के लिए पत्र लिखा था लेकिन सरकर ने डीजीपी को अग्रिम आदेश तक एक्सटेंशन दे दी थी।
डीजीपी पद के लिए 30 साल का सेवाकाल जरूरी
डीजीपी पद के लिए यह जरूरी है कि 30 साल का सेवाकाल हो और छह माह तक की अवधि रिटायरमेंट में बाकी होनी चाहिए। इस लिहाज से 1988 बैच के पीके अग्रवाल, 1989 बैच के मोहम्मद अकील और डॉ. आरसी मिश्रा वरिष्ठता सूची में हैं। इसके अलावा सरकार अन्य अधिकारियों के भी नाम भेज सकती है।
डीजीपी की एक्सटेंशन का प्रावधान नहीं है। एक डीजीपी दो साल तक कहीं काम कर सकता है। इसलिए मैंने पैनल बनाने के लिए लिखा है। फैसला यूपीएससी में होगा। वहां से तीन नामों का पैनल हरियाणा सरकार को भेजा जाएगा। उसके बाद सरकार तय करेगी डीजीपी कौन होगा। अनिल विज, गृह मंत्री हरियाणा।