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Haryana Cm Manohar lal punjab cm bhagwant mann meeting on Panjab University issue in Chandigarh
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PU में हरियाणा को हिस्सेदारी नहीं देगा पंजाब: कहा- पंचकूला या अंबाला में खुद का विश्वविद्यालय बना लो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Mon, 05 Jun 2023 03:13 PM IST
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान की इस अहम बैठक के दौरान चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित भी मौजूद हैं। भगवंत मान इस मुद्दे पर आपत्ति जता चुके हैं। उनका कहना है कि यह यूनिवर्सिटी राज्य की विरासत है। इस पर पंजाब किसी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं करेगा।
पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा के कॉलेजों को संबद्धता देने के प्रस्ताव को मान सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। राज्यपाल की ओर से सोमवार को इस संबंध बुलाई गई दोनों राज्यों की मुख्यमंत्रियों की बैठक में पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि पीयू पंजाब की विरासत है। उन्होंने पीयू में हरियाणा के हिस्से की बहाली के लिए सीएम मनोहर लाल की ओर से आर्थिक मदद की पेशकश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार जरूरत के अनुसार अपने राज्य में कहीं भी विश्वविद्यालय खोल लें।
पीयू में हिस्सेदारी के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच सोमवार को दूसरी बैठक भी बेनतीजा रही। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की अध्यक्षता में करीब एक घंटा चली बैठक के दौरान हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को बेहतर शिक्षा के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी का विकल्प मिलना चाहिए लेकिन पंजाब के सीएम ने उनकी दलीलों को अस्वीकार करते हुए पीयू में हिस्सेदारी देने से इन्कार कर दिया। इस मुद्दे पर अब अगली बैठक तीन जुलाई को होगी। बैठक में पंजाब के राज्यपाल व यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि भारत की संस्कृति शिक्षा का प्रचार प्रसार करने की रही है, इसलिए हरियाणा के पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के कॉलेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता का विकल्प देना चाहिए।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री मान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यूनिवर्सिटी की सीनेट में पिछले दरवाजे से प्रवेश करने की हरियाणा की कोशिशों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीयू के दर्जे को बदलने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। विद्यार्थियों के हितों के मद्देनजर सरकार ऐसा नहीं होने देगी। राज्य के 175 कॉलेज और चंडीगढ़ के 30 कॉलेज इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं, जिस कारण पंजाब की कई पीढ़ियां इससे भावनात्मक तौर पर जुड़ी हुई हैं।
हरियाणा के कॉलेजों की संबद्धता के मुद्दे पर पहली बैठक एक जून को हुई थी, जिसमें पंजाब के राज्यपाल पुरोहित ने हरियाणा के कॉलेजों को चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध करने की संभावना जताई थी, जिस पर मान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
पीयू ने कहा- पंजाब नहीं दे रहा पूरा पैसा
बैठक में पीयू के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को बताया कि पंजाब तय वित्तीय शेयर पीयू को नहीं दे रहा है। केंद्र सरकार की ओर से बीते 10 साल में औसतन 200-300 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की ग्रांट दी जा रही है लेकिन पंजाब ने पिछले 10 साल में अपने हिस्से से केवल 20-21 करोड़ रुपये ही प्रति वर्ष दिए हैं। पंजाब को 40 फीसदी बजट पीयू को देना चाहिए लेकिन वह केवल 7-14 फीसदी ही बजट दे रहा है। 1990 तक हरियाणा की ओर से पीयू को 40 फीसदी वित्तीय हिस्सा दिया जा रहा था। हरियाणा से 40 फीसदी राशि बंद होने के बाद केंद्र और पंजाब सरकार की ग्रांट के जरिये ही पीयू को चलाया जा रहा है।
पंचकूला या अंबाला में बना लें नई यूनिवर्सिटीः मान
सीएम मान ने कहा कि हरियाणा के पास कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी जैसे बड़े विश्वविद्यालय हैं तो वह पीयू में हिस्सेदारी क्यों चाहते हैं? इस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पीयू में बनता हिस्सा देने को तैयार है और उनके राज्य के छात्र पीयू से जुड़ना चाहते हैं। सीएम मान ने कहा कि क्या हरियाणा सरकार कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को ऐसा नहीं बना सकती कि हरियाणा के छात्रों को पीयू का रुख न करना पड़े। मान ने कहा कि हरियाणा चाहे तो पंचकूला या अंबाला में नई यूनिवर्सिटी बना ले लेकिन पीयू में हिस्सा नहीं दिया जाएगा।
पंजाब सरकार हरियाणा के लोगों के खिलाफ नहीं है और यह तथ्य भी रिकॉर्ड पर है कि पीयू में 35 प्रतिशत विद्यार्थी हरियाणा के हैं। हरियाणा की आड़ में पीयू में पैसा लगाने वाला कोई और भगवंत मान ने एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने विश्वविद्यालयों को अपने स्तर पर संसाधन जुटाने के लिए कहा है।
वहीं, हरियाणा अब पीयू में हिस्सा डालने के लिए उत्सुक है, जो नापाक इरादों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ वे कहते हैं कि उनके पास अपने विश्वविद्यालयों के लिए धन नहीं है और दूसरी ओर वे (पीयू में) शेयर की बहाली के लिए पैसे की पेशकश करते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की तरफ से पीयू में पैसा लगाने वाला कोई और है।
बंसीलाल ने पीयू से हरियाणा का हिस्सा वापस लिया था
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की भी पीयू में 20-20 फीसदी हिस्सेदारी थी लेकिन हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने खुद ही पीयू से राज्य का हिस्सा वापस लेने का फैसला किया और राज्य को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय मिला। हिमाचल प्रदेश ने भी पीयू से अपना हिस्सा वापस ले लिया है। पीयू में फिलहाल पंजाब की हिस्सेदारी 40 फीसदी है जबकि यूटी चंडीगढ़ की 60 फीसदी हिस्सेदारी है। मान ने पीयू को केंद्रीय दर्जा देने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के लिए अगस्त 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की भी आलोचना की।
हरियाणा के साथ मोहाली-रोपड़ के कॉलेजों को पीयू से मिले संबद्धता: मनोहर
बैठक में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर के कॉलेजों के साथ-साथ पंजाब के मोहाली और रोपड़ के कॉलेजों को भी पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी और दिल्ली आईआईटी अपना कैंपस हरियाणा में बना रहे हैं। शिक्षा का विस्तार करने से विद्यार्थियों को कई अवसर मिलेंगे। कॉलेज के एफिलिएशन से हरियाणा के छात्रों को नए अवसर मिलेंगे।
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