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Farmers upset due to technical flaw in Meri Fasal Mera Byora portal
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Haryana News: मेरी फसल मेरा ब्यौरा और क्षति पूर्ति पोर्टल खुले, तकनीकी खामियां बरकरार, किसान परेशान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Mon, 27 Mar 2023 10:07 PM IST
सार
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मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी डीसी को आदेश दिया था कि वह संबंधित गांवों की लिस्ट सरकार को दें, ताकि वह दोबारा से पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकें। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पोर्टल तो खोल दिया गया है लेकिन किसानों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की जानकारी देने के लिए किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा और क्षतिपूर्ति पोर्टल दोनों खोल तो दिए गए हैं लेकिन अभी तकनीकी खामियां बरकरार हैं। इसके चलते किसान न तो फसल का पंजीकरण करा पा रहा है और न ही फसल खराब की जानकारी अपलोड कर पा रहा है। एक साथ काफी संख्या में किसानों के पोर्टल खोलने के चलते बार-बार एरर भी आ रहा है।
पिछले कई दिनों से किसानों के सामने यह समस्या बनी हुई है। मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक पहुंचा तो उन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल दोबारा से खोलने का आदेश दिया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया था कि क्षति पूर्ति पोर्टल में वही किसान फसल खराब की जानकारी अपलोड नहीं करा पा रहे हैं, जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण नहीं कराया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी डीसी को आदेश दिया था कि वह संबंधित गांवों की लिस्ट सरकार को दें, ताकि वह दोबारा से पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकें। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पोर्टल तो खोल दिया गया है लेकिन किसानों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल खुलने के बावजूद तकनीकी खामी सामने आ रही है, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। इसी प्रकार, किसानों को फसल खराब के नुकसान की जानकारी भी नहीं दे पा रहे हैं।
25 प्रतिशत से अधिक नुकसान वाले गांवों की सूची भेज रहे डीसी
फिलहाल प्रदेशभर से डीसी उन गांवों की लिस्ट राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज रहे हैं, जहां पर 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। इससे नीचे के नुकसान वाले किसान पोर्टल पर अपनी जानकारी नहीं दे सकेंगे। कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि दोनों पोर्टल खुले हैं, कुछ तकनीकी खामी होने के चलते दिक्कत आ रही है। इसे ठीक कराने का प्रयास किया जा रहा है।
24 फीसदी तक नुकसान पर मुआवजा नहीं
दरअसल, पिछले साल ही हरियाणा सरकार ने फैसला लिया था कि सरकार प्राकृतिक आपदा से 24 फीसदी तक फसल खराब होने पर कोई मुआवजा नहीं देगी। 25 से 32 प्रतिशत, 33 से 49 प्रतिशत, 50 से 74 प्रतिशत और 75 से 100 प्रतिशत फसल खराब होने पर ही मुआवजा दिया जाता है।
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