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लुधियाना में लूट: ATM में कैश जमा करने वाली कंपनी में घुसे लुटेरे, कर्मियों को बंधक बना सात करोड़ लेकर फरार

संवाद न्यूज एजेंसी, लुधियाना (पंजाब) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 10 Jun 2023 12:55 PM IST
सार

कंपनी दफ्तर में बनी चेस्ट में कैश रखा जाता है। इसके बाहर बक्से में शुक्रवार की कलेक्शन रखी थी जो करीब सात करोड़ रुपये थी। आरोपियों ने करीब दो से ढाई घंटे तक पूरे एरिया को चेक किया और वहां खड़ी वैन आदि की तलाशी ली।

Loot from ATM cash depositing company in Ludhiana, Ludhiana loot news update
कंपनी दफ्तर में खड़ी वैन। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी।

विस्तार
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लुधियाना में शनिवार को पंजाब की सबसे बड़ी लूटकांड की वारदात को अंजाम दिया गया। हथियारबंद दस लुटेरों ने कैश कैरी करने वाली कंपनी सीएमएस के न्यू राजगुरु नगर स्थित दफ्तर में घुस कर सात करोड़ रुपये लूट लिए। सात करोड़ रुपये लूट की वारदात से पुलिस में हड़कंप मच गया। 



लुटेरे कंपनी की ही वैन में कैश लेकर भाग गए। वारदात देर रात करीब डेढ़ बजे की है। सुबह सात बजे पुलिस को जानकारी मिली है। जांच के दौरान पुलिस को मुल्लांपुर में गांव पंडोरी में एक कैश वैन मिल गई है। पुलिस के अनुसार उसमें दो हथियार भी मिले हैं। लुटेरों में एक महिला के होने की भी आशंका है।


यह भी पढ़ें: सड़क हादसे कम करने की कवायद: पंजाब में बनेगा विशेष सड़क सुरक्षा बल, सीएम भगवंत मान का एलान

दस लोगों ने दिया वारदात को अंजाम

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार देर रात करीब डेढ़ बजे दस लोग कंपनी परिसर में घुसे। इनमें से दो लोग पीछे के रास्ते से कंपनी दफ्तर में घुसे और दरवाजा खोल दिया। इसके बाद बाकी आरोपी अंदर आए और वहां तैनात दो गार्ड और तीन कर्मचारियों को बंधक बना लिया। इसके बाद नकदी लूटी और फरार हो गए।



कंपनी की चेस्ट के बाहर रखा था पैसा
कंपनी दफ्तर में बनी चेस्ट में कैश रखा जाता है। इसके बाहर बक्से में शुक्रवार की कलेक्शन रखी थी जो करीब सात करोड़ रुपये थी। आरोपियों ने करीब दो से ढाई घंटे तक पूरे एरिया को चेक किया और वहां खड़ी वैन आदि की तलाशी ली। इसके बाद वे बक्से में रखे सात करोड़ रुपये लेकर कंपनी की ही वैन लेकर फरार हो गए।
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सुबह सात बजे बंधक बनाए कर्मचारी दरवाजा तोड़कर बाहर निकले और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने सेंसर की तार काट दी और डीवीआर भी अपने साथ ले गए हैं। 

छह माह पहले शिफ्ट हुआ था ऑफिस
बताया जा रहा है कि कंपनी का दफ्तर छह माह पहले ही यहां शिफ्ट हुआ है। इस दफ्तर के दो गेट हैं। पिछले गेट की तरफ एक मैरिज पैलेस हैं, वहीं मेन गेट के सामने कोठियां बनीं हुई हैं। गेट के सामने ही कंस्ट्रक्शन चल रही है। सूत्रों के अनुसार, हेडक्वार्टर्स ने पहले ही आगाह किया था कि ये एरिया इतना कैश रखने के लिए सेफ नहीं है। इस दफ्तर में लगभग 35 गाड़ियां खड़ी हैं और यहां 300 मुलाजिम काम करते हैं। पुलिस के अनुसार, लूट में कोई पुराना मुलाजिम शामिल हो सकता है, जिसे पूरे सिस्टम की जानकारी थी।  

बैंकों से कैश इकट्ठा करती है सीएमएस
जानकारी के अनुसार सीएमएस कंपनी कैश कैरी करने वाली कंपनी है जो विभिन्न बैंकों से कैश इकट्ठा करती है। विभिन्न एटीएम में कैश डालने का काम भी इस कंपनी का है। कंपनी के मुलाजिम देर शाम को सारा कैश इकट्ठा करने के बाद दफ्तर पहुंच जाते है। वहां गिनती करवा कर कैश जमा करवा दिया जाता है और कंपनी के मुलाजिम चैस्ट में कैश रखने के बाद उसे विभिन्न तरह के लॉक लगाकर सुरक्षित रख लेते है। 

शुक्रवार को भी कंपनी के मुलाजिमों ने कैश जमा करवाया और जो मुलाजिम कैश चैस्ट में रखते है उन्होंने बोरियां भर कर करीब सात करोड़ रुपये चेस्ट के बाहर ही रख दिए। अब पैसे बाहर क्यों रखे गए, ये सबसे बड़ा सवाल है। देर रात दो हथियारबंद सुरक्षा कर्मचारी सुखविंदर संधू और हरीश शर्मा मौजूद थे, जबकि उनके साथ तीन युवक भी ड्यूटी पर थे। शुक्रवार की देर रात करीब एक बजे दो लुटेरे पीछे के रास्ते से दफ्तर के अंदर दाखिल हो गए। उन्होंने दाखिल होने से पहले सेंसर की वायर काट दी। उसके बाद मेन गेट खोल दिया। जिसके बाद सात से आठ लुटेरे दफ्तर के अंदर घुस आए और उन्होंने आते ही पांचों मुलाजिमों को बंधक बना लिया। जिसके बाद उन्होंने चेस्ट के बाहर पड़ा सारा कैश संभाल लिया। उसके बाद उन्होंने हर एक गाड़ी को खोल कर चेक किया। मगर किसी गाड़ी में कैश नहीं मिला तो उन्होंने एक गाड़ी में करीब सात करोड़ रुपये की नकदी रखी और वहां से फरार हो गए।

ढाई घंटे की वारदात, तीन घंटे बाद पुलिस को दी गई सूचना
लुटेरे करीब ढाई घंटे तक दफ्तर में रहे और लूट का तांडव मचाते रहे, इस दौरान हथियारबंद सुरक्षा कर्मचारियों ने न तो गोली चलाई और न ही लुटेरों का विरोध किया। आरोपियों के फरार होने के बाद करीब दो से तीन घंटे बाद पुलिस को सूचना दी गई। अब सूचना देरी से पुलिस को क्यों दी गई इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि सुरक्षा कर्मचारियों को बंधक बना लिया गया था। उन्होंने किसी तरह से खुद को खोला और लूट के बारे में मालिकों के साथ साथ पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची और जांच की। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी कैमरे की डीवीआर ही साथ ले गए।
 
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