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Be careful of eating mangoes cooked with chemical, it can give disease like cancer
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Chandigarh News: कैमिकल से पके आम खाने से रहें सावधान, दे सकता है कैंसर जैसी बीमारी
चंडीगढ़। क्या आप सेहत बनाने के लिए फलों का सेवन करते हैं। अगर हां, तो सचेत हो जाइए, क्योंकि बाजार में बिक रहे केमिकल वाले आम और ऐसे अन्य फलों को खाकर आप संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। इन दिनों आम का मौसम होने के कारण हर किसी को पके आम की तलाश है। अस्पतालों में केमिकल वाले आम व अन्य फल खाकर पेट संबंधी शिकायत लेकर आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे हर उम्र के लोग ग्रस्त हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्राकृतिक तरीके से पके आम सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन केमिकल से पकाए गए फल सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए आम या ऐसे दूसरे फल खरीदते समय सावधान रहें। आम, तरबूज, पपीता जैसे फलों में धड़ल्ले से केमिकल का प्रयोग हो रहा है। इसकी वजह से व्यक्ति को स्किन कैंसर, कोलन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन डैमेज जैसे घातक रोग हो सकते हैं। वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर डॉ. आरएस बेदी का कहना है कि इस मौसम में अचानक पेट संबंधी मर्ज की शिकायत बढ़ जाती है। इसका मुख्य कारण केमिकल वाले फल हैं। लोग अनजाने में उसका सेवन कर खुद को बीमार डाल रहे हैं। बच्चों पर इसका दुष्प्रभाव तेजी से सामने आ रहा है। केमिकल वाले फल से बच्चों में डायरिया, पेट दर्द, उल्टी की समस्या ज्यादा हो रही है। वहीं, जीएमएसएच-16 की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सद्भावना का कहना है कि बच्चों को केमिकल वाले फल बिल्कुल न दें। कोई भी फल खिलाने से पहले उसे अच्छी तरह धोएं।
ये हो सकता है केमिकल वाले आम से
कच्चे आम या अन्य कच्चे फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड, एसिटलीन गैस, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसे कैमिकल का उपयोग किया जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति को स्किन कैंसर, कोलन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन डैमेज जैसे घातक रोग हो जाने का खतरा रहता है।
कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए फल खाने से कैंसर, लीवर, गुर्दा खराब हो सकता है। शरीर में एलर्जी होने के साथ ही फलों में पाए जाने वाले प्राकृतिक पौष्टिक तत्व कम हो जाते हैं। ऐसे फल खाने से पेट दर्द, उल्टी-दस्त भी हो सकता है।
आम में केमिकल की ऐसे करें जांच
-केमिकल से पके आम कहीं पर पीले और कहीं हरे दिखाई देते हैं जबकि प्राकृतिक रूप से पके आम में हरे धब्बे नहीं दिखते हैं।
-केमिकल से पकाए आम काटने पर अंदर से कहीं पीले तो कहीं सफेद दिखते हैं। क्योंकि पेड़ पर पकने वाले फल अंदर से पूरी तरह से पीले दिखते हैं।
- केमिकलयुक्त फल खाने से मुंह में कसैला सा स्वाद आने लगता है और मुंह में हल्की सी जलन होने लगती है।
- एक बर्तन में पानी भरकर उसमें आम डाल दें। केमिकल से पका हुआ आम पानी पर तैरेगा जबकि प्राकृतिक तरीके से पका आम पानी में डूब जाएगा।
- आम काटने पर अगर उससे रस नहीं टपक रहा है इसका मतलब वो केमिकल से पकाया हुआ है।
- केमिकल से पका आम एकदम पीला और चमकीला होता है।
- केमिकल से पकाए हुए आम का छिलका मोटा नजर आता है, जबकि प्राकृतिक रूप से पकाए हुए आम का छिलका पतला होता है।
- केमिकल से पके हुए आम का छिलका ज्यादा पका हुआ नजर आएगा लेकिन वास्तव में अंदर से यह कच्चा व हरा ही रहेगा।
- खरीदते समय आम को सूंघकर देख लें। कभी कभी सूंघने से भी केमिकल की बदबू समझ में आ जाती है।
आम खाते वक्त इसका रखें ध्यान
- सबसे पहले 5 से 10 मिनट तक के लिए गर्म पानी में भिगोकर रख दें इसके बाद साफ ठंडे पानी से धोकर खाएं। इससे केमिकल का असर कम हो जाता है।
- आम का ताजा फल खाएं, उसका जूस नहीं
- आम के छिलके को अपनी त्वचा पर छूने से बचें
- आम को सीधे न चबाएं, बल्कि कटे हुए फल को कांटे या चम्मच से खाएं
नियम-कानून ताक पर
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने फलों को कैल्शियम कार्बाइड से पकाने से पूरी तरह बैन किया है, मगर बाजारों में कैल्शियम कार्बाइड से पके आम और दूसरे फल धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। मौसम में आ रहे बदलाव के कारण बीमार हुए लोगों को मौसमी फल खाने की सलाह डॉक्टर देते हैं। ऐसे लोग आम सहित अन्य फल खरीदकर खा रहे हैं, लेकिन ठीक होने की बजाय और बीमार हो जा रहे हैं।
तरबूज में रंग की पहचान ऐसे करें
कटे हुए तरबूज का कुछ हिस्सा कुछ देर के लिए पानी में छोड़ दीजिए। कुछ समय पश्चात उस हिस्से को देखिए। अगर कटे हुए हिस्सा ने पानी में रंग छोड़ दिया तो समझ जाइए कि आपका तरबूज इंजेक्टेड है। तरबूज का हिस्सा रंग छोड़ कर सफ़ेद जैसा दिखने लगेगा। पानी लाल या फिर गुलाबी हो जाएगा।
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