चंडीगढ़। अब चिलचिलाती धूप से त्वचा को बचाने के लिए सनस्क्रीन लगाने के साथ खा भी सकते हैं। लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मार्केट में लगाने के साथ ही खाने वाली सनस्क्रीन उपलब्ध है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओरल सनस्क्रीन कई मायनों में क्रीम से बेहतर है क्योंकि ये शरीर के उन बाहरी भागाें को भी धूप की अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाती है जहां क्रीम नहीं पहुंच पाती।जीएमएसएच-16 के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजीत सिंह का कहना है कि सनस्क्रीन का मतलब सिर्फ धूप से बचाव करना ही नहीं है। इसका एक थैराप्योटिक रोल भी है। ऐसे में ओरल सनस्क्रीन कई मायनों में फायदेमंद है। वहीं अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलजी के अंतरराष्ट्रीय फेलो व त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास शर्मा का कहना है कि आमतौर पर सनस्क्रीन क्रीम कुछ घंटों तक सुरक्षा करती है। स्किन के ऊपर एक लेयर बना लेती है, जिसमें बार बार लगाने की समस्या होती है। वहीं ओरल फाॅम में इसे बार बार लेने की जरूरत नहीं होती। एक दिन में एक गोली लेनी होती है। कुछ हफ्तों के डोज के बाद उसे बंद भी किया जा सकता है। विशेषज्ञ की सलाह से अपने त्वचा के अनुसार ही तय ओरल सनस्क्रीन लेनी है अन्यथा परेशानी हो सकती है।
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फेशियल व्हाइप्स और मिस्ट का करें उपयोग
सेक्टर- 8 स्थित एक सेंटर की ब्यूटी एक्सपर्ट दीपिका शर्मा का कहना है कि गर्मी में सन प्रोटेक्शन जरूरी है, लेकिन इसके साथ अंदर से हाइड्रेंट होना भी आवश्यक है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें। अगर वर्किंग हैं तो कुछ घंटों के अंतराल पर चेहरा धोते रहें क्योंकि पसीने से त्वचा की ऊपरी सतह पर धूल-गर्द की परत जम जाती है। जो रोम छिद्रों को बंद करने लगती है। ये स्थिति विभिन्न प्रकार की त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बनती है।
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ड्राई स्किन में ज्यादा परेशानी
दीपिका ने बताया कि ड्राई स्किन वालों को गर्मी में ज्यादा परेशानी होती है, क्योंकि ऑयल कई मायनों में त्वचा को सुरक्षा भी प्रदान करता है। ऐसे में ड्राई स्किन वाले लोग डिहाइड्रेटिंग क्रीम के बाद सनस्क्रीन लगाकर और मुंह कवर कर ही धूप में निकलें। रात को सोने से पहले मेकअप को अच्छी तरह रिमूवर से हटाकर फेश वॉश करें। टोनिंग के बाद नाइट क्रीम लगाकर मॉइश्चराइजर करें।
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ओरल सनस्क्रीन के फायदे
पराबैंगनी विकिरण से सुरक्षा।
उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट गुण।
यूवी किरणों के कारण होने वाले सन बर्न को रोकता है।
पूरी त्वचा की सतह की रक्षा करता है, त्वचा की सनबर्न और लाली के प्रतिरोध को 300% तक बढ़ाता है।
त्वचा की कोशिकाओं में धूप से क्षतिग्रस्त डीएनए की मरम्मत करता है, इस प्रकार कैंसर परिवर्तन से बचाता है।
सूरज की एलर्जी और बालों के समय से पहले सफ़ेद होने से बचाता है।
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ये तत्व करते हैं बचाव
डॉ. विकास ने बताया कि ओरल सनस्क्रीन में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियां मजबूत एंटी ऑक्सीडेंट क्षमता वाले एंटीऑक्सिडेंट यौगिक हैं, जिनमें पॉलीपोडियम ल्यूकोटोमॉस, विटामिन सी और ई, पॉलीफेनोल्स, कैरोटेनॉयड्स, लाइकोपीन, फ्लेवोनोइड्स, प्रोएंथोसायनिडिन, ज़ेक्सैंथिन और ल्यूटिन का संयोजन में शामिल हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट यूवी विकिरण के प्रति संवेदनशीलता को कम करते हैं।