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Amritpal usurped money raised in name of farmers who lost their lives in farmer s movement
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अमृतपाल से जुड़ा एक और खुलासा: किसानों के नाम पर जुटाई रकम डकार गया, 2016 से विदेशों से आ रहा था पैसा
अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़
Published by: आकाश दुबे
Updated Wed, 22 Mar 2023 08:13 PM IST
सार
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अमृतपाल को पूरी योजना से पंजाब में भेजा गया था। जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तान समर्थक उसे बड़े विद्वान व्यक्ति की तरह पेश करना चाहते थे। साथ ही उसे इस तरीके से पेश किया जा रहा था कि पंजाब का सबसे बड़ा पंथक नेता ही वह है।
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने केवल धर्म के नाम पर ही विदेशों से फंड नहीं जुटाया था, बल्कि किसान आंदोलन व उसमें जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के नाम पर भी काफी पैसा इकट्ठा किया था। यह बात विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की जांच में अब तक पकड़े गए लोगों से पूछताछ में सामने आई है। वहीं, अब एजेंसियां इन लोगों की संपत्ति से लेकर अन्य सारी चीजों का आकलन कर रही है ताकि जरूरत पड़ती है तो इन सभी चीजों को अटैच किया जाए।
अमृतपाल को पूरी योजना से पंजाब में भेजा गया था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तान समर्थक उसे बड़े विद्वान व निडर व्यक्ति की तरह पेश करना चाहते थे। साथ ही उसे इस तरीके से पेश किया जा रहा था कि पंजाब का सबसे बड़ा पंथक नेता ही वह है, जो कि पंजाब के मसलों को समझता है। ऐसे में उसके साथ करीब पांच से सात लोगों को खालिस्तान समर्थकों ने जोड़ा जिनकी मीडिया इंडस्ट्री, राजनीति और प्रशासन में अच्छी पकड़ थी।
इतना ही नहीं विभिन्न माध्यम से उसके पक्ष में हवा बनाई गई। किसान आंदोलन में पहले किसानों के पक्ष में मैसेज मुहिम चला रहा था। इसके अलावा किसानों लिए लंगर आदि की व्यवस्था की गई। 2016 से लेकर अब तक इन्हीं लाेगों के पास 40 करोड़ से अधिक रकम की अदायगी की गई। इतना ही नहीं वह जो समागम यहां पर करता था उसे विदेशों में बड़े स्तर पर प्रसारित किया जाता था।
सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल के कुछ करीबियों के खातों में भी सालों से पैसे आ रहे थे, जबकि कई लोगों के खातों में कुछ समय से पैसा आना शुरू हुआ था। अमृतपाल के करीबी लोगों में उसकी संस्था के विभिन्न जिलों के प्रधान भी शामिल हैं। इन लोगों में कलसी, गुरप्रीत सिंह वारिस पंजाब दे के जिला प्रधान मोगा, सुखचैन सिंह, गुरप्रीत सिंह व अवतार सिंह का नाम शामिल है।
भारतीय पासपोर्ट पर गया था दुबई
भले ही अमृतपाल खालिस्तान का समर्थक था लेकिन अभी तक भी उसके पास भारतीय पासपोर्ट था, उसी पर वह अपनी यात्रा करता था। साथ ही वहां पर उसने ड्राइवर से लेकर कई जगहों पर काम किया। फरवरी 2012 से 2022 तक वह यूएई में रहा था। जून 2022 में उसने जार्जिया गया था। वहां पर 20 अगस्त तक रहा था। सूत्रों की माने तो इस दौरान आईएसआई ने उसे हथियारों की ट्रेनिंग दी। अमृतपाल के करीब दलजीत सिंह कलसी 5 कंपनियों का डायरेक्टर है।
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