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Amritpal Singh Some religious place in Punjab became shelter for Amritpal and Pappalpreet new footage surfaced
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Amritpal Singh: पंजाब में कुछ धर्मस्थल बने अमृतपाल सिंह और पप्पलप्रीत के लिए पनाहगाह, सामने आया नया फुटेज
अमर उजाला नेटवर्क, जालंधर
Published by: शाहरुख खान
Updated Sun, 02 Apr 2023 10:47 AM IST
सार
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वारिस पंजाब दे प्रमुख और खलिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और पप्पलप्रीत के के लिए पंजाब में धार्मिक डेरे पनाहगाह बने हुए हैं। सादी वर्दी में डेरों के आसपास पुलिस की तैनाती की गई है। साथ ही कई डेरों की चेकिंग भी की गई है।
होशियारपुर में अमृतपाल और पप्पलप्रीत रास्ता बदलते हुए
- फोटो : अमर उजाला
पंजाब में धार्मिक डेरे अमृतपाल सिंह और पप्पलप्रीत सिंह की पनाहगह बन गए हैं। यही वजह है कि पंजाब पुलिस के लंबे हाथ दोनों की गिरेबां तक नहीं पहुंच पाए हैं। हाल ही में पप्पलप्रीत सिंह की सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुई है, जो धार्मिक स्थल की डीवीआर से ली गई है। इतना ही नहीं, अमृतपाल सिंह ने जो वीडियो दो दिन पहले जारी की है, उसमें भी आखिर में धार्मिक स्थल से कीर्तन की आवाज आ रही थी।
अमृतपाल सिंह जब 18 मार्च को फरार हुआ था तो वह नंगल अंबियां गांव में एक धार्मिक स्थल में गया था, जहां पर उसने कपड़े बदले थे और बाइक ली थी। इसके बाद पीलीभीत में एक धार्मिक स्थल पर शरण ली और वहां से वापस कपूरथला आकर एक डेरे में रूके।
इससे पहले की पुलिस पहुंचती अमृतपाल सिंह व साथी वहां से निकलकर होशियारपुर के इलाके में एक धार्मिक स्थल में चले गए। वहां पर पनाह ली और वहां पर पुलिस पहुंचती, अमृतपाल सिंह व पप्पलप्रीत सिंह वहां से निकल गए।
पुलिस को इनपुट मिल रहे हैं कि अमृतपाल सिंह किसी धार्मिक स्थल पर ही शरण लेकर बैठा है। उसके साथ उसका एक पुराना ड्राइवर है जबकि पप्पलप्रीत अलग निकल चुका है। लिहाजा पुलिस की सादी वर्दी में कई टीमों का गठन किया गया है। कई धार्मिक स्थल पर सादी वर्दी में तैनात मुलाजिम धार्मिक स्थलों में गए और इसकी चेकिंग की।
पुलिस की तरफ से नाकेबंदी जारी
वहीं कई धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों ने मना कर दिया है, इसलिए उनके बाहर सादी वर्दी में सुरक्षा कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। जालंधर के डीआईजी स्वप्न शर्मा का कहना है कि पुलिस की तरफ से नाकेबंदी जारी है और छानबीन की जा रही है। अमृतपाल व उसके साथी धार्मिक स्थलों की शरण ले रहे हैं, इसलिए पुलिस उन पर नजर रख रही है।
पीलीभीत का गुरकीरत गिरफ्तार, अमृतपाल सिंह को लेकर आया था पंजाब
जालंधर पुलिस ने अमृतपाल सिंह के ड्राइवर गुरकीरत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। गुरकीकरत सिंह मलूरूप से पीलीभीत का रहने वाला है और वहां से अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब आया था। गुरकीरत सिंह मूल रुप से साहनेवाल लुधियाना का रहने वाला है। वह परिवार सहित पीलीभीत धार्मिक स्थल पर चला गया था, जहां पर गाड़ी चलाने का काम करने लगा था। गुरकीरत सिंह ही उत्तराखंड की गाड़ी में अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब आया था।
अमृतपाल का जत्थेदार को सरबत खालसा बुलाने का आदेश पंथ विरोधी : राजासांसी
सिख पंथक बुद्धिजीवि व शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व सचिव रघुबीर सिह राजासांसी ने कहा कि सिख पंथ के समक्ष अगर कोई बहुत बड़ी चुनौतियां आ जाए और उसका हल निकला न दिखाई दे तो दुनिया भर के सिख संगठनों और जत्थेबंदियों का सरबत खालसा बुला कर मुश्किल का हल निकाला जाता है।
किसी एक व्यक्ति के कहने पर इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता, वह भी किसी व्यक्ति की निजी मर्जी पर।
श्रीअकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को भी यह देखना चाहिए कि अमृतपाल सिर्फ एक निजी स्वार्थ के लिए सरबत खालसा बुलाने के लिए सिंह साहिब को एक वीडियों के माध्यम से आदेश दे रहा है। जो एक सिख के लिए ऐसा करना सही नही है। हर सिख श्री अकाल तख्त साहिब से आदेश लेता है नाकि अकाल तख्त साहिब पर तैनात सिंह साहिब को आदेश देता है।
रघुबीर सिंह राजासांसी कहते है कि जब श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह अमृतपाल को आत्मसमपर्ण करने को कहते है तो अमृतपाल सरेंडर करने की जगह अकाल तख्त के सरबत खालसा बुलाने का आदेश दे रहा है।जो कि सिख परंपराओं के खिलाफ है। दूसरा अमृतसर राज्य के सैंकडे युवाओं को पुलिस के पकडवा कर खुद फरार होकर, अपनी फरारी को सच साबित करने के लिए अपनी तुलना श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के साथ करता है कि गुरू साहिब भी किला छोड़ कर चले गए थे।
'गुरू साहिब कहनी व करनी के पक्के थे'
यह अमृतपाल की एक निहायत ही घटिया सोच वाला बयान है। गुरू साहिब कहनी व करनी के पक्के थे। गुरू साहिब को कोई अमृतपाल जैसे साधारण व्यक्ति मुकाबला नही कर सकता। अमृतपाल तो अपनी कहनी व करनी का भी पक्का नहीं है। अपने भाषणों में अमृतपाल जो बोलता रहा, उस पर वह कायम ही नही रहा तो पंथ के युवा उस पर विश्वास कैसे करें। अमृतपाल का सरबत खालसा बुलाने का मक्सद अपना निजी है।
अमृतपाल बनना चाहता है पंथ का बड़ा नेता: राजासांसी
वह संगत के बड़े इकट्ठ में आत्मसमर्पण करके सिख कौम का बड़ा नेता बनना चाहता है और अपने पर दर्ज हुए केसों को संगत के प्रभाव से खत्म करवाना चाहता है। सरबत खालसा किसी व्यक्ति के निजी हितों के लिए नहीं बुलाया जा सकता। सिंह साहिब के प्रति अति गंभीर है और मुद्दे पर गंभीरता व गहराई से समझते है। इस लिए आशा है कि वह कभी भी अमृतपाल के कहने पर सरबत खालसा बुलाने जैसे फैसला नही ले सकते। न ही उनको यह फैसला लेना चाहिए।
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