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Amritpal Singh: ट्रक ड्राइवर से 6 माह में अमृतपाल कैसे बना भिंडरांवाले 2.0, निजी जिंदगी के इस सच को ऐसे छिपाया

अमर उजाला नेटवर्क, चंडीगढ़ Published by: शाहरुख खान Updated Wed, 29 Mar 2023 02:10 PM IST
सार

वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में नया खुलासा हुआ है। भारत आने से पहले अमृतपाल सिंह 2022 तक दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था। जैसे ही दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनने के लिए भारत आया था। फिर उन्होंने खुद को भिंडरावाले की तरह पेश किया और उनके समर्थक उन्हें भिंडरावाले 2.0 कहने लगे थे।

Amritpal Singh Case New revealing on Amritpal in report of intelligence agencies Wife Kirandeep
Amritpal Singh Case - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह जहां खुद को कट्टपंथी सिख नेता पेश करने की कोशिश गत छह महीनों से कर रहा था, जबकि एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि वह आलीशान जीवन जी रहा था। इतना ही नहीं वह लगातार थाइलैंड आता जाता रहता था। कुछ समय पहले फरवरी में उसकी शादी यूके निवासी किरणदीप कौर से हुई थी, जिसकी वह पिटाई करता था। 


साथ ही उसे अपने घर से नहीं निकलने देता था। शादी के बाद आजतक किसी ने उसकी फोटो नहीं देखी है। वहीं, यह भी बात सामने आई है कि वह अपनी छवि को नुकसान पहुंचने के डर से अपने पिछली जिंदगी के बारे में कोई बात नहीं करता था, क्योंकि भारत आने से पहले अमृतपाल सिंह 2022 तक दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था। 


जैसे ही दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनने के लिए भारत आया था। फिर उन्होंने खुद को भिंडरावाले की तरह पेश किया और उनके समर्थक उन्हें भिंडरावाले 2.0 कहने लगे थे। वहीं, खुफिया एजेंसियों के अनुसार जब तक वह विदेश में था। वह अमृतधारी नहीं था। 

साथ ही धार्मिक सिद्धांतों का पालन नहीं करता था। वहीं, यह भी बात सामने आ रही है कि जब तक दुबई में था। उसके संबंध नशा तस्करों से रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह एक डीलर जसवंत सिंह के संपर्क में आया, जिसका भाई पाकिस्तान से ही सारा कारोबार चलाता है।

अमृतपाल के चाचा ने भेजा संदेश, सरेंडर करने में शान

अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह का नया ऑडियो वायरल हुआ है। जो उसने सरेंडर से पहले किसी को भेजा था। इस ऑडियो में कहा है कि वह खुद सरेंडर करने जा रहा है। अगर पुलिस हमें पकड़ती है तो इसमें बेइज्जती बहुत है, लेकिन अगर हम सरेंडर करते हैं तो इसमें हमारी शान है। उसने उस व्यक्ति को कहा था कि अमृतपाल को कहना कि अपने ही कुछ लोग एजेंसियों के साथ मिल गए है, जो सारी जानकारी उन तक पहुंचा रहे रहे है।

अमृतपाल को साथ लेकर पपलप्रीत ने रचा था पूरा षड्यंत्र
उधर, पंजाब में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के संगठन वारिस पंजाब को मजबूत कर खालिस्तान का खाका खींचने का पूरा षड्यंत्र अमृतसर के गांव मरड़ी कलां के पपलप्रीत ने रचा था। 18 मार्च के बाद अमृतपाल को फरार करवाने में भी उसकी मुख्य भूमिका है। पपलप्रीत हमेशा से विवादों में रहा है।

बब्बर खालसा समेत कई खालिस्तान समर्थक संगठनों से उसका संबंध रहा है। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह पंथक मामलों की अच्छी जानकारी रखता है। देश-विदेश में खालिस्तान समर्थक कई समूहों और नेताओं से पपलप्रीत के नजदीकी संबंध हैं। खालिस्तान का प्रचार करने वाले मीडिया में उसकी अच्छी पैठ है।

बब्बर खालास की रिपोर्ट प्रकाशित करने पर हुआ था गिरफ्तार
पपलप्रीत पुलिस ने शमशीर-ए-दस्त नाम की एक पत्रिका में बब्बर खालसा की रिपोर्ट प्रकाशित करने पर गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को उसका लैपटॉप एक कुएं से मिला था, जिसमें पत्रिका का सारा रिकार्ड था। वह खालिस्तान समर्थक पत्रिका फतेहनामा के लिए भी आतंकवादियों के समर्थन में लेख लिखता रहा है। दमदमी टकसाल के तीन प्रमुख ग्रुपों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पपलप्रीत की काफी निकटता है। 

वह सिख यूथ फ्रंट बना कर 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए भी आवाज उठाता रहा है। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के यूके विंग के हस्तक्षेप से उसे युवा विंग के चीफ आर्गेनाइजर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद उसने सिख यूथ फ्रंट को भंग कर शिअद (अमृतसर) में मिला दिया था।

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सरबत खालसा में आतंकी का बयान पढ़ने पर दर्ज हुआ था देश द्रोह का केस
इसके बाद नेवर फॉरगेट 84 वेवसाइट के लिए काम करता रहा। पीड़ित परिवारों के फोटो व आर्टिकल लिखता रहा। इसके बाद उसने विदेश से चल रहे आवाज-ए-कौम पोर्टल और ई पेपर के लिए भी उसने काम करना शुरू कर दिया। बाद में भिडरांवाले के परिवार के साथ मिल कर भी मीडिया का काम संभालता रहा। वर्ष 2015 में जेल में बंद आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा का बयान पप्पलप्रीत सिंह ने सरबत खालसा के दौरान स्टेज से पढ़ा था। 

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इसके बाद उस पर देश द्रोह का केस दर्ज हुआ था। गांव के कुछ युवाओं के साथ विवाद को लेकर भी उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। काफी समय तक पप्पलप्रीत अंडर ग्राउंड रहा। अमृतपाल के वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख बनने के बाद उसकी सभी गतिविधियों को पपलप्रीत ही संचालित कर रहा था।

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