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Amritpal Singh Case Amritpal wanted to establish his interference in SGPC
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Amritpal Singh Case: अमृतपाल सिंह को लेकर नया खुलासा, SGPC में अपना दखल कायम करना चाहता था खालिस्तान समर्थक
अमर उजाला नेटवर्क, चंडीगढ़
Published by: शाहरुख खान
Updated Sat, 25 Mar 2023 09:04 AM IST
सार
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खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को लेकर नया खुलासा हुआ है। वह एसजीपीसी में अपना दखल कायम करना चाहता था। अमृतपाल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कुछ कर्मचारियों के संपर्क में था। एसजीपीसी में चुनाव के मध्यम से एंट्री की भी तैयारी शुरू कर ली थी।
वह भविष्य में एसजीपीसी चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहा था। उसने खालसा वहीर (धार्मिक जुलूस) के माध्यम से संपर्क बनाना शुरू कर दिया था। उसने श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई रणजीत सिंह की जत्थेबंदी और श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व हुजूरी रागी भाई बलदेव सिंह वडाला की जत्थेबंदी के कुछ कार्यकर्ताओं से संपर्क बनाया था।
इन जत्थेबंदियों के लोग भी अमृतपाल के खालसा वहीर में शामिल होते थे। इस के लिए सारी योजना पपलप्रीत सिंह ने ही तैयार की थी। क्योंकि पपलप्रीत सिंह दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के चुनाव में भी अहम भूमिका निभा चुका है। उसे पता था कि कोई भी संगठन तब तक पंथक क्षेत्रों में शक्तिशाली नहीं हो सकता, जब तक वह एसजीपीसी के अंदर प्रवेश नहीं करता।
इसलिए उसने अपनी भविष्य की योजनाओं को पूरा करने के लिए एसजीपीसी के चुनाव लड़ने की तैयारियां कर ली थीं। इसके लिए अमृतपाल के साथियों ने सभी शिअद विरोधी जत्थेबंदियों के वर्करों और नेताओं के साथ संपर्क जोड़ना शुरू कर दिया था।
खुफिया एजेंसियों को यह भी इनपुट मिला था कि खालसा वहीर के दौरान शामिल होने वाले सभी अमृतधारी युवाओं को कहा जाता था कि वह आने वाले समय में एसजीपीसी के चुनाव को मुख्य रख अपने वोट एसजीपीसी के लिए जरूर बनवाएं।
अमृतपाल के मेंटर पर पुलिस के बाद आयकर विभाग का शिकंजा
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी और मेंटर पपलप्रीत सिंह पर पुलिस के बाद आयकर विभाग ने भी शिकंजा कस दिया है। आयकर विभाग ने उनके खाते में जमा हुए 4.48 लाख रुपये का स्रोत स्पष्ट करने के लिए नोटिस भेजा है। वहीं, उनके पहले दिए गए जवाब को खारिज कर दिया है। पपलप्रीत सिंह 18 मार्च से अभी तक अमृतपाल सिंह के साथ फरार चल रहा है।
पुलिस अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लगा पाई है। 14 मार्च को आयकर विभाग ने पपलप्रीत को नोटिस जारी कर 20 मार्च तक अपना जवाब देने के लिए कहा था। आयकर विभाग के एक आंतरिक नोट में कहा गया है कि पपलप्रीत अमृतसर का एक पत्रकार है, जो एक वेबसाइट चलाता है। यह अनिवार्य रूप से एक खालिस्तानी प्रचार साइट है।
14 फरवरी को पपलप्रीत ने कहा था कि उसने यूट्यूब से प्रति माह लगभग 8000 रुपये से 20000 रुपये और डेयरी व्यवसाय से 15000 रुपये कमाए है। आयकर विभाग ने उसे अपने दावे का समर्थन करने वाले दस्तावेजों के साथ क्रेडिट लेनदेन जमा करवाने के आदेश दिए थे।
आयकर विभाग ने स्पष्ट किया कि पापलप्रीत ने 2019-20 के वित्तीय वर्ष के लिए अपना रिटर्न जमा नहीं किया था, इस दौरान उसके बैंक खाते में 4,48,868 रुपये की क्रेडिट प्रविष्टि थी और उसे स्पष्ट करने की आवश्यकता थी। ऐसे में अब विभाग उस पर कार्रवाई करेगा।
महिला के घर से मिला आयकर का नोटिस
आयकर नोटिस हरियाणा के कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में बलजीत कौर के घर से बरामद हुआ। जहां पपलप्रीत और अमृतपाल 19 मार्च को ठहरे थे। उन्होंने महिला को कहा था कि वह उसके घर पर एक बैग छोड़कर जा रहे हैं। इसे उनके कोई जानकर ले जाएंगे, लेकिन उनकी यह योजना फेल हो गई। उससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया था।
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