पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों अब मेडिकल इमरजेंसी के समय एक लाख रुपये तक खाते से निकाल सकेंगे। ग्राहकों को राहत देते हुए केंद्रीय रिजर्व बैंक ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि इसके लिए उनको आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक से मिलना होगा।
बॉम्बे हाईकोर्ट को जानकारी देते हुए आरबीआई ने कहा कि शादी, बच्चों की शिक्षा, रोजाना के खर्च और अन्य मदों के लिए 50 हजार की निकासी ग्राहक कर सकेंगे। आरबीआई के वकील वेंकटेश धौंड ने जस्टिस एस सी धर्माधिकारी और जस्टिस आर आई छागला की खंडपीठ को बताया कि ग्राहकों के हित में ही निकासी पर पाबंदी लगाई गई है।
पांच नवंबर को बढ़ा दी थी निकासी सीमा
बैंक के ग्राहकोॆ की सुविधा के लिए आरबीआई ने पांच नवंबर को खाते से निकासी सीमा को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर के पचास हजार रुपये किया था। आरबीआई के इस कदम से बैंक के 78 फीसदी खातेदार अपनी पूरी रकम खाते से निकाल सकेंगे। आरबीआई ने खाताधारकों को एक और सुविधा देते हुए कहा है कि यह रकम पीएमसी बैंक के एटीएम से भी निकाली जा सकती है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, आरबीआई पूरे मामले को अच्छी तरह समझती है और ऐसे मामलों की विशेषज्ञ संस्था है। हम इसके अधिकारों में दखल नहीं देना चाहतेद्व लेकिन जानना चाहते हैं कि खाताधारकों की मदद के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। ऐसे वित्तीय मामलों में आरबीआई ही फैसला ले सकता है, कोर्ट नहीं।
साथ ही कोर्ट ने इस मामले में कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की कि आरबीआई को निर्देश दिया जाए कि वह खाताधारकों को लॉकर खोलने की अनुमति दे। इस पर कोर्ट ने कहा, हम या कोई भी आरबीआई को कदम उठाने से नहीं रोक सकता। अगर आरबीआई का निर्देश है कि बैंक से दूरी बनाई जाए तो खाताधारकों को इसका पालन करना चाहिए। अब इस मामले की सुनवाई चार दिसंबर को होगी।
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों अब मेडिकल इमरजेंसी के समय एक लाख रुपये तक खाते से निकाल सकेंगे। ग्राहकों को राहत देते हुए केंद्रीय रिजर्व बैंक ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि इसके लिए उनको आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक से मिलना होगा।
बॉम्बे हाईकोर्ट को जानकारी देते हुए आरबीआई ने कहा कि शादी, बच्चों की शिक्षा, रोजाना के खर्च और अन्य मदों के लिए 50 हजार की निकासी ग्राहक कर सकेंगे। आरबीआई के वकील वेंकटेश धौंड ने जस्टिस एस सी धर्माधिकारी और जस्टिस आर आई छागला की खंडपीठ को बताया कि ग्राहकों के हित में ही निकासी पर पाबंदी लगाई गई है।
पांच नवंबर को बढ़ा दी थी निकासी सीमा
बैंक के ग्राहकोॆ की सुविधा के लिए आरबीआई ने पांच नवंबर को खाते से निकासी सीमा को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर के पचास हजार रुपये किया था। आरबीआई के इस कदम से बैंक के 78 फीसदी खातेदार अपनी पूरी रकम खाते से निकाल सकेंगे। आरबीआई ने खाताधारकों को एक और सुविधा देते हुए कहा है कि यह रकम पीएमसी बैंक के एटीएम से भी निकाली जा सकती है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, आरबीआई पूरे मामले को अच्छी तरह समझती है और ऐसे मामलों की विशेषज्ञ संस्था है। हम इसके अधिकारों में दखल नहीं देना चाहतेद्व लेकिन जानना चाहते हैं कि खाताधारकों की मदद के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। ऐसे वित्तीय मामलों में आरबीआई ही फैसला ले सकता है, कोर्ट नहीं।
साथ ही कोर्ट ने इस मामले में कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की कि आरबीआई को निर्देश दिया जाए कि वह खाताधारकों को लॉकर खोलने की अनुमति दे। इस पर कोर्ट ने कहा, हम या कोई भी आरबीआई को कदम उठाने से नहीं रोक सकता। अगर आरबीआई का निर्देश है कि बैंक से दूरी बनाई जाए तो खाताधारकों को इसका पालन करना चाहिए। अब इस मामले की सुनवाई चार दिसंबर को होगी।