{"_id":"61a922246cd4335f37435e72","slug":"atm-withdrawals-will-become-expensive-from-1-january","type":"story","status":"publish","title_hn":"आम आदमी को झटका: एक जनवरी से महंगी हो जाएगी एटीएम से धन निकासी","category":{"title":"Personal Finance","title_hn":"पर्सनल फाइनेंस","slug":"personal-finance"}}
आम आदमी को झटका: एक जनवरी से महंगी हो जाएगी एटीएम से धन निकासी
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 03 Dec 2021 01:15 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
एटीएम से प्रति निकास 20 रुपये लगता है, जिसे एक जनवरी से बढ़ाकर 21 रुपये कर दिया जाएगा। इस पर सेवा कर के रूप में जीएसटी भी देना होगा।
ग्राहकों के लिए नए साल से बैंकिंग सेवा महंगी होने जा रही है। एक जनवरी से एटीएम से पैसे निकालने पर ज्यादा शुल्क चुकाना होगा। रिजर्व बैंक ने जून में ही बैंकों को निशुल्क सीमा के बाद शुल्क बढ़ाने की इजाजत दे दी थी, जो नए साल से प्रभावी होगा।
आरबीआई के अनुसार, हर बैंक अपने ग्राहक को नकदी व अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए हर महीने निशुल्क सीमा तय करता है। सेवा का इससे ज्यादा इस्तेमाल करने पर बैंक शुल्क वसूलते हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा था कि ज्यादा इंटरचेंज शुल्क व लागत बढ़ने की वजह से बैंकों को एटीएम से धन निकासी शुल्क बढ़ाने की इजाजत दी जाती है। अब एक्सिस, एचडीएफसी सहित अन्य सरकारी व निजी बैंकों से धन निकासी पर ज्यादा शुल्क चुकाना होगा।
हर महीने आठ मुफ्त लेनदेन
बैंक अभी ग्राहकों को हर महीने आठ मुफ्त लेनदेन की छूट देते हैं। इसमें वित्तीय और गैर वित्तीय दोनों तरह के लेनदेन शामिल हैं। जिस बैंक में ग्राहक का खाता है, उसके एटीएम से हर महीने पांच मुफ्त लेनदेन मिलता है। इसके अलावा मेट्रो शहरों में अन्य बैंकों के एटीएम से तीन व गैर मेट्रो शहरों में अन्य बैंक के एटीएम से पांच मुफ्त लेनदेन भी कर सकते हैं। अभी एटीएम से प्रति निकास 20 रुपये लगता है, जिसे एक जनवरी से बढ़ाकर 21 रुपये कर दिया जाएगा। इस पर सेवा कर के रूप में जीएसटी भी देना होगा।
बढ़ा इंटरचेंज शुल्क अगस्त से ही लागू
रिजर्व बैंक ने बैंकों के बीच एटीएम पर लगने वाले इंटरचेंज शुल्क की बढ़ी दरें अगस्त से ही लागू कर दी हैं। बैंकों को प्रति लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क 15 के बजाए अब 17 रुपये देना पड़ता है। यह शुल्क सभी वित्तीय लेनदेन पर लागू है, जबकि गैर वित्तीय लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क 6 रुपये हो गया है, जो पहले 5 रुपये था।
इंटरचेंज शुल्क का मतलब है कि एक बैंक अपने ग्राहक को दूसरे बैंक का एटीएम इस्तेमाल करने की सुविधा देता है, जिसके लिए उसे संबंधित एटीएम वाले बैंक को शुल्क चुकाना पड़ता है। बैंक इस शुल्क की भरपाई अपने ग्राहकों से ही करते हैं।
विज्ञापन
मारुति अगले महीने फिर बढ़ाएगी दाम, एक साल में चौथी बार
उत्पादन की बढ़ती लागत के दबाव में मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) जनवरी से फिर वाहनों की कीमतें बढ़ाने जा रही है। कंपनी की एक साल के भीतर यह चौथी बढ़ोतरी होगी।
मारुति के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को बताया कि स्टील, एल्युमीनियम, कॉपर, प्लास्टिक सहित सभी कमोडिटीज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। वाहन बनाने में इनकी लागत 75-80 फीसदी होती है। अप्रैल-मई में स्टील का भाव 38 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो अब 77 रुपये पहुंच गया है।
एल्युमीनियम भी 1,700-1,800 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 2,700-2,800 डॉलर प्रति टन में बिक रहा। लागत के इस दबाव को कम करने के लिए हमें एक बार फिर कीमतें बढ़ानी होंगी। इससे पहले जनवरी में कीमतें 1.4 फीसदी, अप्रैल में 1.6 फीसदी और सितंबर में 1.9 फीसदी बढ़ाई थी।
ऑडी भी तीन फीसदी महंगी
जर्मन लग्जरी कार निर्माता ऑडी ने बृहस्पतिवार को बताया कि जनवरी से सभी मॉडल की कीमतों में तीन फीसदी इजाफा किया जाएगा। ऑडी इंडिया हेड बलबीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि वैश्विक बाजार में कमोडिटी के भाव बढ़ रहे हैं, जिससे हमारी उत्पादन लागत पर दबाव है। लिहाजा हम न चाहते हुए भी कीमतें बढ़ाने को मजबूर हैं।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।