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Israeli PM Netanyahu describes Haifa port deal with Adani Group as enormous milestone
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Adani Group: हाइफा पोर्ट डील को नेतन्याहू ने बताया मील का पत्थर, बोले- दोनों देशों की बीच बढ़ेगी कनेक्टिविटी
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, तेल अविव/ नई दिल्ली
Published by: निर्मल कांत
Updated Tue, 31 Jan 2023 09:31 PM IST
सार
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अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के साथ पोर्ट बुक पर हस्ताक्षर करने के बाद नेतन्याहू ने कहा, मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है। प्रथम विश्व के दौरान, यह बहादुर भारतीय सैनिक थे जिन्होंने हाइफा शहर को मुक्त करने में मदद की थी।
बेंजामिन नेतन्याहू, गौतम अदाणी
- फोटो : ट्विटर/बेंजामिन नेतन्याहू
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को अदाणी समूह के साथ हाइफा बंदरगाह सौदे को 'बड़ा मील का पत्थर' करार दिया। नेतन्याहू ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संपर्क में कई तरह से काफी सुधार होगा। हाइफा बंदरगाह शिपिंग कंटेनरों के मामले में इस्राइल का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है और शिपिंग पर्यटक क्रूज जहाजों में सबसे बड़ा है।
हाइफा बंदरगाह सौदा मील का पत्थर : बेंजामिन नेतन्याहू
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के साथ पोर्ट बुक पर हस्ताक्षर करने के बाद नेतन्याहू ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा मील का पत्थर है... 100 साल पहले और प्रथम विश्व के दौरान, यह बहादुर भारतीय सैनिक थे जिन्होंने हाइफा शहर को मुक्त करने में मदद की थी। आज बहुत मजबूत भारतीय निवेशक हाइफा बंदरगाह को मुक्त करने में मदद कर रहे हैं।"
पीएम मोदी के साथ कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर की चर्चा
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने 'अच्छे मित्र' भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ दोनों देशों के बीच कई तरीकों से संपर्क, परिवहन लाइनों और हवाई मार्गों और समुद्री मार्गों के बारे में चर्चा की, जिसकी वजह से आज यह हो रहा है। नेतन्याहू ने कहा कि आज जो कुछ हो रहा है उसका ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि हम जो देख रहे हैं उससे शांति को काफी बढ़ावा मिला है। इस्राइली प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह क्षेत्र बड़ी संख्या में माल के लिए एक प्रवेश बिंदु (एंट्री प्वाइंट) और निकास बिंदु (एग्जिट प्वाइंट) बन जाएगा, जो अरब प्रायद्वीप के चारों ओर जाए बिना सीधे भूमध्य सागर और यूरोप तक पहुंचता है।
बंदरगाह में अदाणी की सत्तर फीसदी हिस्सेदारी
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) और इस्राइल के गैडोट ग्रुप के कंसोर्टियम ने पिछले साल जुलाई में 1.18 बिलियन अमेरीकी डालर के लिए हाइफा बंदरगाह के निजीकरण के लिए टेंडर जीता था। इसने इस साल 11 जनवरी को खरीद की प्रक्रिया पूरी की, जिसके बाद बंदरगाह पर प्रगति कार्य पूरे जोरों पर चल रहा है। कंसोर्टियम में भारतीय भागीदार की हिस्सेदारी 70 फीसदी है, जबकि उसके इस्राइली साझेदार गैडोट के पास 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
इस्राइल में किसी भी क्षेत्र में किसी देश से सबसे बड़ा निवेश
हाइफा बंदरगाह के अधिग्रहण के जरिए इस्राइल में अदाणी समूह के सफल प्रवेश को 'रणनीतिक खरीद' के तौर पर देखा जा रहा है। यह संभवत: किसी भी क्षेत्र में इस देश में सबसे बड़ा विदेशी निवेश है। अदाणी की कंपनी भारत में 13 समुद्री टर्मिनलों का संचालन करती है और भारत के समुद्री वाणिज्य के 24 फीसदी हिस्से को नियंत्रित करती है। पश्चिम में इसकी कोई होल्डिंग नहीं है, इसलिए इस्राइल में इसका प्रवेश एशिया और यूरोप के बीच समुद्री यातायात में बढ़ोतरी का एक संकेत है, और प्रमुख एशियाई खिलाड़ियों को भूमध्य सागर में एक केंद्र की आवश्यकता है।
गौतम अदाणी
- फोटो : सोशल मीडिया
तेल अवीव में एआई प्रयोगशाला स्थापित करेगा अदाणी समूह
गौतम अदाणी तेल अवीव में कृत्रिम मेधा (एआई) प्रयोगशाला स्थापित करेंगे। इससे पता चलता है कि 1.2 अरब डॉलर के हाइफा बंदरगाह सौदे के बाद अडाणी समूह इस देश में और ज्यादा निवेश करने की तैयारी कर रहा है। अदाणी ने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की मौजूदगी में हाइफा बंदरगाह के अधिग्रहण का समझौता किया और निवेश अवसरों के बारे में बात की। अदाणी ने कहा कि उनका समूह हाइफा में रियल एस्टेट परियोजना भी विकसित करेगा। हम तेल अवीव में एक एआई प्रयोगशाला भी स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं, जो भारत और अमेरिका में स्थित हमारी नई एआई प्रयोगशालाओं के साथ करीबी सहयोग बनाकर काम करेगी।
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