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country current account deficit improve during the last quarter of calendar year 2022 October December period
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Current Account: चालू खाता घाटे में हो सकता है सुधार, सर्वे में दावा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Sat, 25 Mar 2023 06:22 AM IST
सार
22 अर्थशास्त्रियों ने एक सर्वे में कहा कि व्यापार घाटे में कमी व सेवाओं के निर्यात में वृद्धि से चौथी तिमाही में चालू खाता घाटे में सुधार हो सकता है। इससे पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में कैड जीडीपी के 4.4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया था।
मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी अनंत नागेश्वरन।
- फोटो : सोशल मीडिया
देश के चालू खाता घाटे (कैड) में कैलेंडर वर्ष 2022 की आखिरी तिमाही यानी अक्तूबर-दिसंबर अवधि के दौरान सुधार हो सकता है। इस दौरान यह कम होकर जीडीपी का 2.7 फीसदी यानी 23 अरब डॉलर रह सकता है।
22 अर्थशास्त्रियों ने एक सर्वे में कहा कि व्यापार घाटे में कमी व सेवाओं के निर्यात में वृद्धि से चौथी तिमाही में चालू खाता घाटे में सुधार हो सकता है। इससे पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में कैड जीडीपी के 4.4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया था। यह 2013 के मध्य के बाद इसका 9 साल का उच्च स्तर था। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, 2022 की आखिरी तिमाही में व्यापार घाटा कम होकर 72.79 डॉलर पर आ गया, जो जुलाई-सितंबर तिमाही में 78.32 अरब डॉलर रहा था।
2023-24 में भी कम रहने की उम्मीद: सीईए
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ भारत का चालू खाता घाटा चालू वित्त वर्ष और 2023-24 में भी कम होने जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा, देश के लिए बाहरी स्थिति काफी स्थिर है। उन्होंने निजी क्षेत्र के संगठनों एवं अर्थशास्त्रियों का हवाला देते हुए कहा कि उद्योग को उम्मीद है कि 2022-23 में कैड जीडीपी के 2-2.4 फीसदी के दायरे में रहेगा। 2023-24 में यह और घटकर 2 फीसदी रह जाएगा।
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