मौजूदा समय में देश में स्टार्टअप्स बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हर व्यक्ति आज के समय मे आत्मनिर्भर बनना चाहता है और सरकार भी इनको बढ़ावा दे रही है। आज भारत में कई ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जिनका इतिहास 100 साल से ज्यादा पुराना है। कड़ी मेहनत कर इन कंपनियों ने बाजार में अपनी जगह बनाए रखी है और आज भी इनमें निवेश किया जा सकता है। इनमें से कुछ 'ओल्ड इस गोल्ड' का बेहतरीन उदाहरण सिद्ध हुई हैं। ये कंपनियां विभिन्न सेक्टर्स में कारोबार कर रही हैं। आज हम आपको देश की ऐसी सबसे पुरानी और प्रमुख कंपनियों के बारे में बता रहे हैं-
वाडिया ग्रुप भारत का सबसे बड़ा, प्रतिष्ठित और सबसे पुराने समूह में से एक है। इस समूह की स्थापना साल 1736 में पारसी लवजी नुसरवानजी वाडिया द्वारा की गई थी। लवजी वाडिया ने 1736 में बॉम्बे में जहाजों और नावों के निर्माण के लिए ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ अनुबंध किया था। उन्होंने 355 जहाजों का निर्माण किया था, जिसमें इंग्लैंड के बाहर ब्रिटिश नौसेना के लिए निर्मित पहला जहाज भी शामिल है।
वाडिया समूह में कई कंपनियां शामिल हैं, जैसे बॉम्बे डाइंग (1879), बॉम्बे बुमराह ट्रेटिंग कॉर्पोरेशन (1863), ब्रिटानिया (1918), गो एयर (2005), आदि। समूह की कई कंपनियां भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में भी सूचीबद्ध हैं।
1879 में वाडिया ने बॉम्बे डाइंग की स्थापना की, जो समूह का सबसे लोकप्रिय ब्रांड बन गया। 1913 के आसपास वाडिया समूह ने बीबीटीसी का अधिग्रहण किया। स्वतंत्रता के बाद, इसने रसायनों, इंजीनियरिंग सेवाओं, लैमिनेशन और स्प्रिंग्स सहित अन्य व्यवसायों में प्रवेश किया।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) आज देश का सबसे बड़ा बैंक है। एक जुलाई 1955 को इम्पीरियल बैंक (Imperial Bank) का नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक रखा गया था। SBI देश का सबसे विश्वसनीय बैंक है। साल 1806 में कोलकाता में बैंक ऑफ कोलकाता की स्थापना हुई थी। 1921 में बैंक ऑफ मुंबई और बैंक ऑफ मद्रास का बैंक ऑफ बंगाल में विलय हो गया, जो मिलकर इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया बना। बैंक ऑफ बंगाल से बना इम्पीरियल बैंक 27 जनवरी 1921 में बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास को मिलाकर इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई थी। इससे पहले ये तीनों बैंक भारत में स्वतंत्र रूप से काम कर रहे थे।
आज एसबीआई 30 से ज्यादा देशों में मौजूद है। एसबीआई के 6.6 करोड़ से ज्यादा ग्राहक मोबाइल बैंकिंग और एटीएम की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं। एसबीआई देश में असेट्स, डिपॉजिट, शाखाओं, ग्राहकों और कर्मचारियों के लिहाज से सबसे बड़ा बैंक है। इसके साथ ही यह देश में सबसे ज्यादा उधार देने वाला बैंक भी है। 30 जून 2020 तक बैंक के पास कुल 34 लाख करोड़ रुपये की डिपॉजिट थी। एसबीआई की देशभर में 22,000 से ज्यादा ब्रांच हैं।
SBI का होम लोन में लगभग 34 फीसदी मार्केट शेयर और ऑटो लोन सेगमेंट में लगभग 33 फीसदी हिस्सा है। बैंक के पास भारत में 22,100 से अधिक शाखाओं का सबसे बड़ा नेटवर्क है, 58,500 से अधिक के ATM/CDM नेटवर्क और 62,200 से अधिक के कुल BC आउटलेट हैं। इंटरनेट बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या लगभग 760 लाख है और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का लाभ 170 लाख से अधिक ग्राहक उठाते हैं।
SBI के YONO प्लेटफॉर्म को 580 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने डाउनलोड किया है। YONO के 260 लाख पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं। यह प्रतिदिन 55 लाख लॉगिन के साथ-साथ 4000 से अधिक पर्सनल लोन, 16,000 YONO कृषि एग्री गोल्ड लोन का वितरण करता है। बैंक ने हाल ही में यूके और मॉरीशस में YONO ग्लोबल एप लॉन्च की थी।
राम प्रसाद गोयनका समूह, जिसे आमतौर पर आरपीजी समूह के रूप में जाना जाता है, एक भारतीय औद्योगिक और सेवाओं का समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है। 1820 में आरपीजी समूह की जड़ों का पता रामदत्त गोयनका के उद्यम से लगाया जा सकता है। आरपीजी एंटरप्राइजेज की स्थापना 1979 में राम प्रसाद गोयनका द्वारा की गई थी और इसमें शुरू में फिलिप्स कार्बन ब्लैक, एशियन केबल्स, अगरपारा जूट और मर्फी इंडिया कंपनियां शामिल थीं। आरपी गोयनका की मृत्यु साल 2013 में हुई।
वर्तमान में, आरपीजी समूह में इंफ्रास्ट्रक्चर, टायर, टेक्नोलॉजी और विशेषता के क्षेत्र में करीब 15 से अधिक कंपनियां शामिल हैं। इसकी कुछ कंपनियों में सीईएटी टायर्स, सूचना प्रौद्योगिकी फर्म जेंसर टेक्नोलॉजीज, बुनियादी ढांचा कंपनी केईसी इंटरनेशनल, फार्मा कंपनी आरपीजी लाइफ साइंस, आदि हैं।
राज्यसभा के पूर्व सदस्य आरपी गोयनका उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वह कंफेडरेशन ऑफ एशिया पैसिफिक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रहे। कई साल तक वह आईआईटी खड़गपुर के बोर्ड आफ गवर्नर्स के चेयरमैन रहे। आईआईटी खड़गपुर ने उन्हें साइंस में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
आदित्य बिड़ला ग्रुप भारत के अतिरिक्त थाईलैंड, दुबई, सिंगापुर, म्यांमार, लाओस, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मिस्र, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, अमेरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, ब्राजील, इटली, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, मलयेशिया, वियतनाम और कोरिया समेत 25 देशों में कार्यरत मुंबई में स्थित मुख्यालय वाला एक बहुराष्ट्रीय सांगठनिक निगम है।
समूह स्वयं द्वारा संचालित सभी औधोगिक क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ी है। बिरला समूह हेवेट-इकॉनामिक टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल स्टडी 2007 के द्वारा एशिया में शीर्ष 20 के बीच भारत के श्रेष्ठ नियोक्ता के रूप में घोषित किया गया है। समूह की उत्पत्ति भारत के अग्रणी उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला के द्वारा पहली बार स्थापित संगठन में निहित है।
समूह चार मुख्य कंपनियों से संयोजित है, जो सहायक कंपनियों, ज्वाइंट वेंचर्स आदि के द्वारा विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत हैं। ये हैं हिंडाल्को, ग्रासिम, आदित्य बिड़ला नूवो और अल्ट्राटेक सीमेंट।
स्थानीय व्यापारी वा यूरोपीय व्यापारियों ने मिलकर ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद प्रेसीडेंसी में इलाहाबाद बैंक की शुरुआत की थी। यह बैंक सबसे पहले एक कमरे में खुला था, जो चौक इलाके में था। यह कमरा व्यापारी बच्चा जी का था। इसके बाद यह बैंक धीरे-धीरे पूरे इलाहाबाद में प्रसिद्ध हो गया और इलाहाबादियों के लिए बेहतरीन विकल्प बन गया। करीब 20 सालों तक बैंक का कामकाज उसी कमरे से चलता रहा। बाद में ग्राहकों की बढ़ती संख्या के कारण इसकी विस्तार प्रक्रिया शुरू हुई। 24 अप्रैल 1865 को बैंक को सिविल लाइंस स्थित मौजूदा हेड शाखा में स्थानांतरित किया गया, जो लंबे समय तक इलाहाबाद बैंक का मुख्यालय रहा। 1865 में विधिवत शुरुआत के साथ देश में भी बैंकिंग का आधिकारिक शंखनाद हुआ और लोग इलाहाबाद बैंक से रूबरू होने लगे।
लेकिन नए वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरुआत के साथ करीब 155 वर्ष पुराने इलाहाबाद बैंक का वजूद खत्म हो गया है। एक अप्रैल से इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हो गया है। अब विलय के बाद से इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक की शाखा के रूप में जानी जाती हैं। इस विलय का एलान केंद्र सरकार की ओर से अगस्त 2019 में हुआ था। इसके बाद मार्च में केंद्रीय कैबिनेट की ओर से इस फैसले को मंजूरी मिली थी।
नेस्ले इंडिया स्विट्जरलैंड की Nestlé S.A की एक सहायक कंपनी है। आठ कारखाने और बड़ी संख्या में सह-पैकर्स के साथ, नेस्ले इंडिया एक जीवंत कंपनी है जो भारत में वैश्विक मानकों के उत्पाद उपभोक्ताओं को प्रदान करती है।
कंपनी अपने व्यवसाय के सभी पहलुओं में ईमानदारी, अखंडता और निष्पक्षता पर जोर देती है। नेस्ले दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य और पेय कंपनी है। कंपनी का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के वेवे शहर मे स्थित है। इसके ब्रांडों मे मैगी और नेस्कैफे जैसे विश्वप्रसिद्ध ब्रांड हैं। कंपनी के पास वैश्विक आइकन से लेकर स्थानीय पसंदीदा तक 2000 से अधिक ब्रांड हैं, और यह दुनिया भर के 191 देशों में मौजूद हैं।
कंपनी ने 2030 के लिए तीन अतिव्यापी महत्वाकांक्षाओं को परिभाषित किया है, काम का मार्गदर्शन करती हैं और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि का समर्थन करती हैं।
टाटा समूह की स्थापना 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी। टाटा समूह एक निजी व्यवसायिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। रतन टाटा पिछले 50 सालों से टाटा समूह से जुड़े हैं वे 21 सालों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। रतन टाटा ने 1991 में कार्यभार संभाला। समूह का कार्यक्षेत्र अनेक व्यवसायों व व्यवसाय से सम्बंधित सेवाओं के क्षेत्र में फैला हुआ है- जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, वाहन, रासायनिक उद्योग, ऊर्जा, सॉफ्टवेयर, होटल, इस्पात एवं उपभोक्ता सामग्री।
साल 2005-06 में इसकी कुल आय 9672290 लाख डॉलर थी, जो पूरे भारत कि जीडीपी के 2.8 फीसदी के बराबर है। 2004 के आंकड़ों के अनुसार टाटा समूह में करीब दो लाख 46 हज़ार लोग काम करते हैं। टाटा समूह कि कुल 96 कंपनियां सात अलग-अलग व्यवसायिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
जनवरी 2007 का महीना टाटा समूह के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। टाटा स्टील ने यूनाइटेड किंगडम में स्थित कोरस समूह (Corus Group) की सफल बोली लगा कर उसे हासिल किया। कोरस समूह दुनिया की सबसे बड़ी लोहा व इस्पात निर्माण कंपनी है।
डाबर इंडिया लिमिटेड भारत में स्वास्थ्य, व्यक्तिगत ध्यान एवं भोज्य उत्पादों के क्षेत्र में निवेश करने वाली चौथी सबसे बड़ी कंपनी है। डाबर का च्यवनप्राश एवं हाजमोला बहुत ही लोकप्रिय है।
वर्ष 1884 में बर्मन परिवार ने जब एक छोटी आयुर्वेदिक दवा कंपनी के रूप में शुरुआत की थी। 125 साल बाद यह नंबर वन कंपनी बनी। कोलकाता के बर्मन परिवार की कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड ने अब पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा दिया है। आज वह देश का हर्बल और नेचुरल प्रोडक्ट की सबसे बड़ी पेशेवर कंपनी बन गई है।
डाबर इंडिया के 250 से अधिक उत्पादों की बाजार में तूती बोल रही है। दवाई से लेकर फूड तक में हर जगह डाबर मौजूद दिखता है। डाबर के उत्पाद पूरी दुनिया के 60 से अधिक देशों में उपलब्ध हैं। सिर्फ विदेश में ही इसका कारोबार 500 करोड़ रुपये का है।
मौजूदा समय में देश में स्टार्टअप्स बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हर व्यक्ति आज के समय मे आत्मनिर्भर बनना चाहता है और सरकार भी इनको बढ़ावा दे रही है। आज भारत में कई ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जिनका इतिहास 100 साल से ज्यादा पुराना है। कड़ी मेहनत कर इन कंपनियों ने बाजार में अपनी जगह बनाए रखी है और आज भी इनमें निवेश किया जा सकता है। इनमें से कुछ 'ओल्ड इस गोल्ड' का बेहतरीन उदाहरण सिद्ध हुई हैं। ये कंपनियां विभिन्न सेक्टर्स में कारोबार कर रही हैं। आज हम आपको देश की ऐसी सबसे पुरानी और प्रमुख कंपनियों के बारे में बता रहे हैं-
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वाडिया ग्रुप, 1736
वाडिया ग्रुप भारत का सबसे बड़ा, प्रतिष्ठित और सबसे पुराने समूह में से एक है। इस समूह की स्थापना साल 1736 में पारसी लवजी नुसरवानजी वाडिया द्वारा की गई थी। लवजी वाडिया ने 1736 में बॉम्बे में जहाजों और नावों के निर्माण के लिए ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ अनुबंध किया था। उन्होंने 355 जहाजों का निर्माण किया था, जिसमें इंग्लैंड के बाहर ब्रिटिश नौसेना के लिए निर्मित पहला जहाज भी शामिल है।
वाडिया समूह में कई कंपनियां शामिल हैं, जैसे बॉम्बे डाइंग (1879), बॉम्बे बुमराह ट्रेटिंग कॉर्पोरेशन (1863), ब्रिटानिया (1918), गो एयर (2005), आदि। समूह की कई कंपनियां भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में भी सूचीबद्ध हैं।
1879 में वाडिया ने बॉम्बे डाइंग की स्थापना की, जो समूह का सबसे लोकप्रिय ब्रांड बन गया। 1913 के आसपास वाडिया समूह ने बीबीटीसी का अधिग्रहण किया। स्वतंत्रता के बाद, इसने रसायनों, इंजीनियरिंग सेवाओं, लैमिनेशन और स्प्रिंग्स सहित अन्य व्यवसायों में प्रवेश किया।
भारतीय स्टेट बैंक, 1806
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) आज देश का सबसे बड़ा बैंक है। एक जुलाई 1955 को इम्पीरियल बैंक (Imperial Bank) का नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक रखा गया था। SBI देश का सबसे विश्वसनीय बैंक है। साल 1806 में कोलकाता में बैंक ऑफ कोलकाता की स्थापना हुई थी। 1921 में बैंक ऑफ मुंबई और बैंक ऑफ मद्रास का बैंक ऑफ बंगाल में विलय हो गया, जो मिलकर इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया बना। बैंक ऑफ बंगाल से बना इम्पीरियल बैंक 27 जनवरी 1921 में बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास को मिलाकर इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई थी। इससे पहले ये तीनों बैंक भारत में स्वतंत्र रूप से काम कर रहे थे।
आज एसबीआई 30 से ज्यादा देशों में मौजूद है। एसबीआई के 6.6 करोड़ से ज्यादा ग्राहक मोबाइल बैंकिंग और एटीएम की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं। एसबीआई देश में असेट्स, डिपॉजिट, शाखाओं, ग्राहकों और कर्मचारियों के लिहाज से सबसे बड़ा बैंक है। इसके साथ ही यह देश में सबसे ज्यादा उधार देने वाला बैंक भी है। 30 जून 2020 तक बैंक के पास कुल 34 लाख करोड़ रुपये की डिपॉजिट थी। एसबीआई की देशभर में 22,000 से ज्यादा ब्रांच हैं।
SBI का होम लोन में लगभग 34 फीसदी मार्केट शेयर और ऑटो लोन सेगमेंट में लगभग 33 फीसदी हिस्सा है। बैंक के पास भारत में 22,100 से अधिक शाखाओं का सबसे बड़ा नेटवर्क है, 58,500 से अधिक के ATM/CDM नेटवर्क और 62,200 से अधिक के कुल BC आउटलेट हैं। इंटरनेट बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या लगभग 760 लाख है और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का लाभ 170 लाख से अधिक ग्राहक उठाते हैं।
SBI के YONO प्लेटफॉर्म को 580 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने डाउनलोड किया है। YONO के 260 लाख पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं। यह प्रतिदिन 55 लाख लॉगिन के साथ-साथ 4000 से अधिक पर्सनल लोन, 16,000 YONO कृषि एग्री गोल्ड लोन का वितरण करता है। बैंक ने हाल ही में यूके और मॉरीशस में YONO ग्लोबल एप लॉन्च की थी।
आरपीजी समूह, 1820
राम प्रसाद गोयनका समूह, जिसे आमतौर पर आरपीजी समूह के रूप में जाना जाता है, एक भारतीय औद्योगिक और सेवाओं का समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है। 1820 में आरपीजी समूह की जड़ों का पता रामदत्त गोयनका के उद्यम से लगाया जा सकता है। आरपीजी एंटरप्राइजेज की स्थापना 1979 में राम प्रसाद गोयनका द्वारा की गई थी और इसमें शुरू में फिलिप्स कार्बन ब्लैक, एशियन केबल्स, अगरपारा जूट और मर्फी इंडिया कंपनियां शामिल थीं। आरपी गोयनका की मृत्यु साल 2013 में हुई।
वर्तमान में, आरपीजी समूह में इंफ्रास्ट्रक्चर, टायर, टेक्नोलॉजी और विशेषता के क्षेत्र में करीब 15 से अधिक कंपनियां शामिल हैं। इसकी कुछ कंपनियों में सीईएटी टायर्स, सूचना प्रौद्योगिकी फर्म जेंसर टेक्नोलॉजीज, बुनियादी ढांचा कंपनी केईसी इंटरनेशनल, फार्मा कंपनी आरपीजी लाइफ साइंस, आदि हैं।
राज्यसभा के पूर्व सदस्य आरपी गोयनका उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वह कंफेडरेशन ऑफ एशिया पैसिफिक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रहे। कई साल तक वह आईआईटी खड़गपुर के बोर्ड आफ गवर्नर्स के चेयरमैन रहे। आईआईटी खड़गपुर ने उन्हें साइंस में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
आदित्य बिड़ला ग्रुप, 1857
आदित्य बिड़ला ग्रुप भारत के अतिरिक्त थाईलैंड, दुबई, सिंगापुर, म्यांमार, लाओस, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मिस्र, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, अमेरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, ब्राजील, इटली, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, मलयेशिया, वियतनाम और कोरिया समेत 25 देशों में कार्यरत मुंबई में स्थित मुख्यालय वाला एक बहुराष्ट्रीय सांगठनिक निगम है।
समूह स्वयं द्वारा संचालित सभी औधोगिक क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ी है। बिरला समूह हेवेट-इकॉनामिक टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल स्टडी 2007 के द्वारा एशिया में शीर्ष 20 के बीच भारत के श्रेष्ठ नियोक्ता के रूप में घोषित किया गया है। समूह की उत्पत्ति भारत के अग्रणी उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला के द्वारा पहली बार स्थापित संगठन में निहित है।
समूह चार मुख्य कंपनियों से संयोजित है, जो सहायक कंपनियों, ज्वाइंट वेंचर्स आदि के द्वारा विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत हैं। ये हैं हिंडाल्को, ग्रासिम, आदित्य बिड़ला नूवो और अल्ट्राटेक सीमेंट।
इलाहाबाद बैंक, 1865
स्थानीय व्यापारी वा यूरोपीय व्यापारियों ने मिलकर ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद प्रेसीडेंसी में इलाहाबाद बैंक की शुरुआत की थी। यह बैंक सबसे पहले एक कमरे में खुला था, जो चौक इलाके में था। यह कमरा व्यापारी बच्चा जी का था। इसके बाद यह बैंक धीरे-धीरे पूरे इलाहाबाद में प्रसिद्ध हो गया और इलाहाबादियों के लिए बेहतरीन विकल्प बन गया। करीब 20 सालों तक बैंक का कामकाज उसी कमरे से चलता रहा। बाद में ग्राहकों की बढ़ती संख्या के कारण इसकी विस्तार प्रक्रिया शुरू हुई। 24 अप्रैल 1865 को बैंक को सिविल लाइंस स्थित मौजूदा हेड शाखा में स्थानांतरित किया गया, जो लंबे समय तक इलाहाबाद बैंक का मुख्यालय रहा। 1865 में विधिवत शुरुआत के साथ देश में भी बैंकिंग का आधिकारिक शंखनाद हुआ और लोग इलाहाबाद बैंक से रूबरू होने लगे।
लेकिन नए वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरुआत के साथ करीब 155 वर्ष पुराने इलाहाबाद बैंक का वजूद खत्म हो गया है। एक अप्रैल से इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हो गया है। अब विलय के बाद से इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक की शाखा के रूप में जानी जाती हैं। इस विलय का एलान केंद्र सरकार की ओर से अगस्त 2019 में हुआ था। इसके बाद मार्च में केंद्रीय कैबिनेट की ओर से इस फैसले को मंजूरी मिली थी।
नेस्ले इंडिया, 1866
नेस्ले इंडिया स्विट्जरलैंड की Nestlé S.A की एक सहायक कंपनी है। आठ कारखाने और बड़ी संख्या में सह-पैकर्स के साथ, नेस्ले इंडिया एक जीवंत कंपनी है जो भारत में वैश्विक मानकों के उत्पाद उपभोक्ताओं को प्रदान करती है।
कंपनी अपने व्यवसाय के सभी पहलुओं में ईमानदारी, अखंडता और निष्पक्षता पर जोर देती है। नेस्ले दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य और पेय कंपनी है। कंपनी का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के वेवे शहर मे स्थित है। इसके ब्रांडों मे मैगी और नेस्कैफे जैसे विश्वप्रसिद्ध ब्रांड हैं। कंपनी के पास वैश्विक आइकन से लेकर स्थानीय पसंदीदा तक 2000 से अधिक ब्रांड हैं, और यह दुनिया भर के 191 देशों में मौजूद हैं।
कंपनी ने 2030 के लिए तीन अतिव्यापी महत्वाकांक्षाओं को परिभाषित किया है, काम का मार्गदर्शन करती हैं और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि का समर्थन करती हैं।
टाटा समूह, 1868
टाटा समूह की स्थापना 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी। टाटा समूह एक निजी व्यवसायिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। रतन टाटा पिछले 50 सालों से टाटा समूह से जुड़े हैं वे 21 सालों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। रतन टाटा ने 1991 में कार्यभार संभाला। समूह का कार्यक्षेत्र अनेक व्यवसायों व व्यवसाय से सम्बंधित सेवाओं के क्षेत्र में फैला हुआ है- जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, वाहन, रासायनिक उद्योग, ऊर्जा, सॉफ्टवेयर, होटल, इस्पात एवं उपभोक्ता सामग्री।
साल 2005-06 में इसकी कुल आय 9672290 लाख डॉलर थी, जो पूरे भारत कि जीडीपी के 2.8 फीसदी के बराबर है। 2004 के आंकड़ों के अनुसार टाटा समूह में करीब दो लाख 46 हज़ार लोग काम करते हैं। टाटा समूह कि कुल 96 कंपनियां सात अलग-अलग व्यवसायिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
जनवरी 2007 का महीना टाटा समूह के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। टाटा स्टील ने यूनाइटेड किंगडम में स्थित कोरस समूह (Corus Group) की सफल बोली लगा कर उसे हासिल किया। कोरस समूह दुनिया की सबसे बड़ी लोहा व इस्पात निर्माण कंपनी है।
डाबर इंडिया, 1884
डाबर इंडिया लिमिटेड भारत में स्वास्थ्य, व्यक्तिगत ध्यान एवं भोज्य उत्पादों के क्षेत्र में निवेश करने वाली चौथी सबसे बड़ी कंपनी है। डाबर का च्यवनप्राश एवं हाजमोला बहुत ही लोकप्रिय है।
वर्ष 1884 में बर्मन परिवार ने जब एक छोटी आयुर्वेदिक दवा कंपनी के रूप में शुरुआत की थी। 125 साल बाद यह नंबर वन कंपनी बनी। कोलकाता के बर्मन परिवार की कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड ने अब पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा दिया है। आज वह देश का हर्बल और नेचुरल प्रोडक्ट की सबसे बड़ी पेशेवर कंपनी बन गई है।
डाबर इंडिया के 250 से अधिक उत्पादों की बाजार में तूती बोल रही है। दवाई से लेकर फूड तक में हर जगह डाबर मौजूद दिखता है। डाबर के उत्पाद पूरी दुनिया के 60 से अधिक देशों में उपलब्ध हैं। सिर्फ विदेश में ही इसका कारोबार 500 करोड़ रुपये का है।