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Rahul Gandhi: 'पीएफ का पैसा अदाणी समूह की कंपनियों में क्यों लगा रही है सरकार?' राहुल गांधी ने केंद्र से पूछा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Mon, 27 Mar 2023 07:12 PM IST
सार
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Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''एलआईसी की पूंजी, अदाणी को! एसबीआई की पूंजी, अदाणी के लिए! EPFO की पूंजी भी अदाणी के लिए! 'मोडानी' के उजागर होने के बाद भी जनता के रिटायरमेंट का पैसा अदाणी समूह की कंपनियों में क्यों लगाया जा रहा है?'
'मोदी सरनेम' पर टिप्पणी मामले में अपनी लोकसभा सदस्यता गंवाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया कि अदाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ इतने आरोप लगाए जाने के बाद भी जनता के रिटायरमेंट का पैसा उन कंपनियों में क्यों निवेश किया जा रहा है।
राहुल गांधी की यह टिप्पणी उस मीडिया रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें कहा गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हिंडनबर्ग प्रकरण के बावजूद अदाणी समूह के दो शेयरों में निवेश करना जारी रखा है। गांधी ने ट्वीट किया, ''एलआईसी की पूंजी, अदाणी को! एसबीआई की पूंजी, अदाणी के लिए! EPFO की पूंजी भी अदाणी के लिए! 'मोदानी' के उजागर होने के बाद भी जनता के रिटायरमेंट का पैसा अदाणी समूह की कंपनियों में क्यों लगाया जा रहा है?'
LIC की पूंजी, अडानी को!
SBI की पूंजी, अडानी को!
EPFO की पूंजी भी, अडानी को!
‘मोडानी’ के खुलासे के बाद भी, जनता के रिटायरमेंट का पैसा अडानी की कंपनियों में निवेश क्यों किया जा रहा है?
प्रधानमंत्री जी, न जांच, न जवाब! आख़िर इतना डर क्यों?
# विपक्ष अदाणी समूह पर लगे आरोपों की जेपीसी से जांच कराने की कर रहा मांग
उन्होंने हिंदी में किए अपने एक ट्वीट में पूछा, 'प्रधानमंत्री जी, कोई जांच नहीं, कोई जवाब नहीं! इतना डर क्यों?" बता दें कि अदाणी अडानी समूह के शेयरों पर उस समय बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया जब अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-मूल्य में हेरफेर करने सहित कई आरोप लगाए थे। इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति का गठन किया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए आरोपों को झूठा करार दिया है। समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह सभी कानूनों और नियामकीय आवश्यकताओं का पालन करता है।
इस बीच, एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हिंडनबर्ग प्रकरण के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट के बावजूद इसकेदो शेयरों में निवेश करना जारी रखा है। ईपीएफओ अदाणी पोर्ट्स और अदाणी एंटरप्राइजेज में निवेश करना जारी रखेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अदाणी समूह के शेयरों में ईपीएफओ का यह निवेश कम से कम सितंबर महीने तक जारी रहेगा। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि संगठन इस सप्ताह होने वाली बैठक में अपने निवेश दृष्टिकोण को फिर से तैयार करेगी।
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# हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अदाणी समूह के मूल्यांकन में 100 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट होने के बाद राज्य संचालित एलआईसी की समूह की अदाणी समूह की कंपनियों में 4 अरब डॉलर से अधिक का निवेश देने के लिए आलोचना की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक ने भी अदाणी ग्रुप की कंपनियों में 21,000 करोड़ रुपये (2.6 बिलियन डॉलर) तक का लोन दिया है।
# मानहानी मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद गई है राहुल गांधी की सांसदी
इस मामले में कांग्रेस नेता गांधी सरकार और प्रधानमंत्री पर हमलावर रहे हैं। वे और उनकी पार्टी कांग्रेस मामले की जेपीसी जांच कराने की मांग कर रहे है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि हाल ही में अदाणी मुद्दे पर सवाल उठाने के कारण उनकी लोकसभा सदस्यता छीन ली गई, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि वह ऐसा करना जारी रखेंगे, भले ही उन्हें आजीवन संसद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाए। बता दें कि सूरत की एक अदालत की ओर से मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व प्रमुख को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
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