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Budget 2023: बजट में राजकोषीय मजबूती के साथ खर्च पर नाटकीय दांव, नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने रखी अपनी बात
एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 03 Feb 2023 06:42 AM IST
सार
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वित्त मंत्री का मानना है कि भारत के हित राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर बने रहने से ही सधेंगे। नीति आयोग उपाध्यक्ष ने कहा, पूंजीगत खर्च पर केंद्र सरकार का नाटकीय दांव और राज्यों को पूंजीगत खर्च समर्थन रेवड़ियां बांटने और लोकलुभावन कदमों के ठीक उलट है।
NITI Aayog Vice-Chairman, Dr Suman K Berry
- फोटो : ANI
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि बजट में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कोई हैरत न होते हुए भी राजकोषीय मजबूती की राह पर चलते हुए पूंजीगत खर्च पर नाटकीय दांव लगाया गया है।
उन्होंने 2023-24 के बजट को जिम्मेदार बताते हुए कहा, इसमें सामाजिक क्षेत्र खासकर महिलाओं एवं आदिवासी कल्याण की योजनाओं पर तवज्जो बरकरार रखी गई है। राजकोषीय सजगता को लेकर प्रधानमंत्री का जोर देना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राह दिखा रहा है। वित्त मंत्री का मानना है कि भारत के हित राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर बने रहने से ही सधेंगे।
इस वजह से हैरत में डालने वाली कोई चीज नहीं दिखी। बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 5.9 फीसदी रखने के साथ ही बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक निवेश को 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। राजकोषीय घाटे को 2025-26 तक कम कर 4.5 फीसदी पर लाने की मंशा भी जताई गई है।
इस संदर्भ में नीति आयोग उपाध्यक्ष ने कहा, पूंजीगत खर्च पर केंद्र सरकार का नाटकीय दांव और राज्यों को पूंजीगत खर्च समर्थन रेवड़ियां बांटने और लोकलुभावन कदमों के ठीक उलट है।
मंदी से निपटने व घरेलू मांग बढ़ाने की कोशिश
बेरी ने कहा कि इस बजट में नारी शक्ति और टिकाऊपन दो अन्य ऐसे विषय हैं, जो एक-दूसरे के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी की गहराती आशंकाओं के बीच अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिकूल स्थितियां मौजूद हैं, लेकिन यह बजट उससे निपटने की कोशिश है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक वृद्धि के नरम रहने और निर्यात के तेजी न पकड़ पाने की स्थिति में घरेलू मांग को तेज करने के प्रयासों की जरूरत पड़ेगी।
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